लेकिन पता नहीं बिरसा के आदिवासी दर्शन से लोगों को इतनी चिढ़ क्यों है? भारतीय...
लेकिन पता नहीं बिरसा के आदिवासी दर्शन से लोगों को इतनी चिढ़ क्यों है?भारतीय संसद में अंबेडकर के समर्थन में आदिवासी नेता जयपाल सिंह मुंडा के मूलनिवासी होने का दावा हम न जाति विमर्श में न वर्ग संवाद में...
View ArticleArundhati Roy replies to Dalit Camera
Arundhati Roy replies to Dalit CameraWritten by Arundhati Roy Published on 15 March 2014Arundhati Roy[This is her response to Dalit Camera's 'An Open Letter to Ms. Arundhati Roy' published yesterday....
View Articleआज जाति वर्चस्व का जो आलम है, उसका तार्किक परिणाम ही हिन्दू राष्ट्र है
आज जाति वर्चस्व का जो आलम है, उसका तार्किक परिणाम ही हिन्दू राष्ट्र हैतिलिस्म तोड़े बिना दिशाएं गायब ही रहेंगी और इस रात की सुबह असम्भव हैसामाजिक यथार्थ की दृष्टि के बिना व्यवस्था के खिलाफ हर लड़ाई...
View Articleजो बहुजनों का कारपोरेट वधस्थल पर वध का एकमुश्त सुपारी ले चुके हैं, क्या...
जो बहुजनों का कारपोरेट वधस्थल पर वध का एकमुश्त सुपारी ले चुके हैं, क्या बाबासाहेब की विरासत सिर्फ उन्हीं की है?पलाश विश्वासजो बहुजनों का कारपोरेट वधस्थल पर वध का एकमुश्त सुपारी ले चुके हैं, क्या...
View ArticleThe Doctor and the Saint ARUNDHATI ROY
The Doctor and the SaintARUNDHATI ROYSHARE · COMMENT (1) · PRINT · T+ Ambedkar’s point is that to believe in the Hindu 'shastras' and to simultaneously think of oneself as liberal or...
View Article"We Need Ambedkar--Now, Urgently..." The Booker prize-winning author on her...
NARENDRA BISHTINTERVIEW"We Need Ambedkar--Now, Urgently..."The Booker prize-winning author on her essay The Doctor and the Saint and moreSABA NAQVI INTERVIEWS ARUNDHATI...
View ArticleA Reply To The Mahatma Excerpted from Annihilation of Caste: The Annotated...
A Reply To The MahatmaExcerpted from Annihilation of Caste: The Annotated Critical Edition, published by NavayanaB.R. AMBEDKARRamesh Shinde/NavayanaEssential reading Cover of the first edition of...
View ArticleRight to food might not change the situation at all because the government...
Right to food might not change the situation at all because the government agencies have to work for business interests.सवाल यह भी है कि क्या मां माटी मानुष की सरकार सचमुच अवैध खाद्य कारोबार पर अंकुश...
View Articleशासक वर्ग सोने के अंडे देने वाली जाति की मुर्गी को मारना नहीं चाहते
शासक वर्ग सोने के अंडे देने वाली जाति की मुर्गी को मारना नहीं चाहतेPosted by Reyaz-ul-haque on 3/18/2014 01:29:00 PMआनंद तेलतुंबड़े का यह महत्वपूर्ण लेख जाति के उन्मूलन की जरूरत, आरक्षण की सामाजिक...
View Articleहम चूंकि जाति उन्मूलन के मुद्दे को हिंदू राष्ट्र के कारपोरेट साम्राज्य के...
हम चूंकि जाति उन्मूलन के मुद्दे को हिंदू राष्ट्र के कारपोरेट साम्राज्य के खिलाफ बुनियादी और जवाबी एजंडा मानते रहे हैंपलाश विश्वासकवि मित्र उदय प्रकाश ने लिखा है किब्रेख़्त की एक कविता कुछ इस तरह थी...
View ArticleHow the government would ensure consumer protection? बेहतर हो कि ऐसा कोई...
How the government would ensure consumer protection?बेहतर हो कि ऐसा कोई चाकचौबंद प्रशासनिक इंतजाम हो जिससे उपभोक्ता ठगे ही न जाये!एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वासExcalibur Stevens BiswasGovernment of West...
View Articleलेकिन दलित लेखक और चिंतक यह सवाल उठा रहे हैं कि उन्होंने अपने कार्यकर्म में...
Swatantra Mishraअभी बाबा साहेब आंबेडकर की किताब 'जाति का उच्छेद'अंग्रेजी में आ रही है जिसकी बहुत लम्बी भूमिका उन्होंने लिखी है. क्या लिखा है, यह एक पाठक के तौर पर मैं पढ़ने को उत्सुक हूँ. उसपर कोई सवाल...
View ArticleBR Ambedkar, Arundhati Roy, and the politics of appropriation
BR Ambedkar, Arundhati Roy, and the politics of appropriationDear FriendsThere has been a lot of debate on Facebook over the recent book "Annihilation of Caste" published by Navayana...
View Articleसच यह है कि इस वक्त भारत को बाबासाहेब डा. भीमराव अंबेडकर की सख्त जरुरत...
सच यह है कि इस वक्त भारत को बाबासाहेब डा. भीमराव अंबेडकर की सख्त जरुरत है।संवाद का फोकस भी यही होना चाहिए।पलाश विशवासअरुंधति राय के जाति उन्मूलन के सिलसिले में जो संवाद हमने शुरु करने की कोशिश की...
View ArticleMagic pen left behind,the color of the black and white journalism faded away.
Magic pen left behind,the color of the black and white journalism faded away.Palash BiswasOne of India's best-known authors and journalists, Khushwant Singh elevated English writing in India with...
View Articleसर्वस्वहारा तबके के वर्गहितों के मुताबिक कोई राजकरण का कहीं कोई वजूद ही नहीं...
सर्वस्वहारा तबके के वर्गहितों के मुताबिक कोई राजकरण का कहीं कोई वजूद ही नहीं है।जाहिर है कि अंबेडकरी झंडेवरदार अपने वर्गहितों के खिलाफ स्थाई बंदोबस्त के तहत जमीदारों के कारिंदे और लठैत ही बन सकते...
View Articleसवाल है कि आम नागरिकों की जान माल के बारे में क्या इंतजामात हैं
चुंचूड़ा में जिसतरह प्रातःभ्रमण पर गयी अस्सी साल की वृद्धा वृंदा दास की हत्या हो गयी,वह खतरे की चेतावनी है।बंगाल में चुनाव के वक्त वैसे भी राजनीतिक संघर्ष आम है और पुलिस प्रशासन इससे निपटने को ज्यादा...
View ArticleAN OPEN LETTER TO ARUNDHATI ROY Gail Omvedt
AN OPEN LETTER TO ARUNDHATI ROYGail OmvedtDear Arundhati,I'm sorry to have to write a critical letter to you. I very much liked The God of Small Things. I also appreciated your intervention on the...
View Articleअकेले जूझते पत्रकारों की सुरक्षा का क्या इंतजाम किया है चुनाव आयोग ने?
अकेले जूझते पत्रकारों की सुरक्षा का क्या इंतजाम किया है चुनाव आयोग ने?एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वासपत्रकारिता में खतरा अब पेड न्यूज के जमाने में सबसे ज्यादा है। जो पेड हैं, उन्हें खबरों के लिए ज्यादा...
View Articleबहुजनों सावधान!भाजपा-कांग्रेस में नहीं है बुनियादी फर्क
बहुजनों सावधान!भाजपा-कांग्रेस में नहीं है बुनियादी फर्क एच एल दुसाध सोलहवीं लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है.पार्टियां प्रार्थी चयन और गठबंधन की तैयारियों में जुट चुकी हैं.राजनीतिक विश्लेषक भी अगली...
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