जब जलते हुए पेड़ से
उड़ रहे थे सारे परिंदे
मैं उसी डाल पर बैठा रहा
India Shadow Banker Fights to Keep Empire Built on Poor
पलाश विश्वास
अपने विश्वविख्यात परिचित कवि उदय प्रकाश की पंक्तियां आज के हालात को सही ढंग से अभिव्यक्त करते हैं।इसलिए इसी शीर्षक से आज का यह संवाद प्रयत्न। तो मुंबई में सिर्फ एंटेलिया ही नहीं है, गरीबों के खून पसीने के निवेश से बना एक व्हाइट हाउस भी है। जण गण मन अधिनायक का विश्वरिकार्ड बनाने वाले का मिसाइलरोधी महल भारतीय अर्थव्यवस्था और सैन्य राष्ट्र का उतना ही बड़ा प्रतीक है,जितना कि मुकेश अंबानी का एंटेलिया।
समझ लिया करें कि रुपये में उचाल कैसे आता है
* | 1 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया रुपया
मुंबई: विदेशी पूंजी के सतत प्रवाह के बीच निर्यातकों द्वारा अमेरिकी मुद्रा की बिकवाली बढ़ने के कारण रुपया आज 30 पैसे की तेजी के साथ एक महीने के उच्चतम स्तर 61.75 पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्रा में तेजी और घरेलू शेयर बाजार की अच्छी शुरुआत के कारण भी स्थानीय मुद्रा को समर्थन मिला। रुपया गुरुवार के कारोबार में 31 पैसे की तेजी के साथ 62.05 के स्तर पर बंद हुआ था। Previous Story. LPG से जुड़े लोगों के लिए जरूरी खबर, जनवरी से इस नए नियम से मिलेगी गैस. आपके विचार. आधारकार्ड प्रॉजेक्ट से जुड़ेगी सीआईएफंडेड कंपनी!नवभारत टाइम्स-02-12-2013 आधारकार्ड योजना से जुड़ी यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) न्यूयॉर्क की ऐसी टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप से करार करने वाली है, जिसे अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईएसे फंड मिलता है। अमेरिकी कंपनी मोंगोडीबी ... |
* | 'सर्विस टैक्स के लिए फिर नहीं मिलेगा वीसीईएस जैसा मौका'
फाइनेंस मिनिस्टर पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि सर्विस टैक्स वॉलंटरी कम्प्लायंस एनकरेजमेंट स्कीम (वीसीईएस) एक नई शुरुआत करने के लिए अच्छा मौका है। उनका कहना था, 'सरकार ने निष्पक्ष और उदार पेशकश की है। यह एक बार की पेशकश है और इसका फायदा उठाना सभी के हित में है। उल्टी गिनती शुरू हो गई है और अंतिम तिथि 31 दिसंबर है।' चिदंबरम ने कहा कि अंतिम एम्नेस्टी स्कीम वीडीआईएस के नाम से 1997 में घोषित की गई थी। अब 16 वर्ष बाद सर्विस टैक्स के लिए ऐसी स्कीम लॉन्च की गई है। उन्होंने कहा, 'अगर किसी को लगता है कि अगले वर्ष एक और स्कीम आएगी तो वह गलत है। ये स्कीमें प्रत्येक वर्ष घोषित नहीं ... |
* | एक्जिट पोल में बीजेपी की जीत के अनुमान से सेंसेक्स में जबरदस्त तेजी
मुंबई: विधानसभा चुनावों के एक्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित सेंसेक्स में आज जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 400 अंकों की जोरदार तेजी के साथ 21 हजार के पार निकल गया वहीं निफ्टी 100 अंकों की तेजी दर्ज की गई। सेंसेक्स सुबह 9.16 बजे 419.98 अंकों की तेजी के साथ 21,128.69 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 128.75 अंकों की तेजी के साथ 6,289.70 पर कारोबार करते देखे गए। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 183.54 अंकों की तेजी के साथ 20,992.25 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी ... |
* | 7.25 लाख करोड़ रुपये का कर्ज कॉर्पोरेट सेक्टर नहीं चुका रहे.
आम आदमी को कई औपचारिकताएं पूरी करने के बाद भी मामूली रकम का लोन मुश्किल से ही मिलता है और कुछ हजार रुपये का लोन न चुका पाने के कारण मजदूर और किसान आत्महत्या कर लेते हैं, लेकिन कॉर्पोरेट सेक्टर देश में 7.25 लाख करोड़ रुपये का लोन चुका नहीं रहा और उसमें से एक बड़ा हिस्सा न चुकाकर हजम कर गया है। सरकार यह जांच तक नहीं कर रही कि इसके लिए कौन दोषी है। महाराष्ट्र स्टेट बैंक एंप्लॉयीज फेडरेशन (MSBEF) के महासचिव विश्वास उत्गी के अनुसार, इतने सारे लोन का न चुकाने का कारण बैंक के टॉप ऑफिसर्स, कॉर्पोरेट सेक्टर और पॉलिटिशंस का इस गोरखधंधे में शामिल होना है। उन्होंने इस ... |
पिछले दिनों परिवर्तित महानगर में सहाराश्री सुब्रत राय का एक हाईप्रोफाइल मीडिया आयोजन हुआ,तबसे लेकर सहारा समूह पर अब तक टनों कादगद कारे हो गये सहारा सुवचनमय।2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में मीडिया का कितना बड़ा खेल है इसका नजारा अब सामने आ रहा है। पहले बरखा दत, वीर संघवी, प्रभु चावला का नाम जहां इस घोटाले में सामने आया, वहीं अब सहारा के मालिक सुब्रत राय और इसके संपादक उपेंद्र राय भी इस घोटाले में फंस गए है। सुप्रीम कोर्ट ने जांच में बाधा डालने के लिए सहारा के मालिक सुब्रत राय पर अवमानना का नोटिस थमा दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा उर्फ सहाराश्री को मिली नोटिस का मामला इतना संगीन है कि इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। जो जानकारी आयी है उसके मुताबिक वे ईडी के अधिकारियों को धमकी दे रहे थे। धमकी देने का काम उनके ही सीईओ संपादक उपेन्द्र राय कर रहे थे। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने टूजी घोटाले की जांच में दखल करने के आरोप में सुब्रत रॉय के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह को कथित तौर पर धमकी देने और ब्लैकमेल करने के लिए दो पत्रकारों उपेंद्र राय और सुबोध जैन को भी नोटिस जारी किया है। राजेश्वनर सिंह 2 जी मामले की जांच कर रहे हैं।
बेंच ने सहारा इंडिया न्यूज नेटवर्क और इसकी सहयोगी इकाइयों को राजेश्वर सिंह से जुड़ी कोई खबर या कार्यक्रम चलाने पर भी रोक लगा दिया है। बेंच का यह आदेश सुबोध जैन द्वारा राजेश्वर सिंह को भेजे गए 25 प्रश्नों के संबंध में भी लागू है। जैन ने सिंह को 25 प्रश्न भेजकर उनसे जवाब मांगा था। ये प्रश्न व्यक्तिगत प्रकृति के थे। जांच अधिकारी राजेश्वर सिंह द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़े 150 करोड़ रुपये के एक संदिग्ध लेनदेन के बारे में सुब्रत राय को निदेशालय के सामने उपस्थित होने का नोटिस जारी किया गया था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सुब्रत राय प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं हुए, उल्टे उन्होंने जांच अधिकारी को ब्लैकमेल करने की कोशिश की।
अब बहुत कम लोगों को याद आ रहा होगा कि जिस नीरा राडिया ने 2जी घोटाले की पूरी पटकथा लिखी है उसे भारत में व्यापार जमाने में सबसे पहले सहाराश्री ने ही मदद की थी। भारत में पीआर का धंधा शुरू करनेवाली नीरा राडिया को पहला बड़ा एकाउण्ट सहारा एयरलाइन्स का ही मिला था और उन दिनों सहारा श्री लखनऊ से ज्यादा मुंबई में पाये जाते थे। इसलिए जांच के दायरे में तो अब यह भी शामिल होना चाहिए कि क्या सुब्रत रॉय सहारा की भी इस पूरे घोटाले में वाया नीरा राडिया कोई भूमिका है? पुणे वैरियर को जवाब तो देना ही होगा, भले ही इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें छह हफ्ते का समय दे दिया है।
कल रात से विधानसभा चुनावों के एक्जिट पोल को लेकर तेजपाल तेजपत्ता बजरिये काफी क्रांति कर रहे लोग धर्म और धर्मनिरपेक्षता के ध्रूवीकरण पर जशन मातम मनाने लगे हैं। अपन को तो राजीव नयन बहुगुणा का तेवर पसंद हैं या फिर सुरेंद्र ग्रोवर का अंदाज।अपने प्रिय राजीव दाज्यू यानी नैनीताल समाचार के राजीव लोचन साह भी आप के चमत्कारी गर्भपात से मायूस नजर आ रहे हैं।
जैसे भेड़ धंसान बहिस्कृत बहुजनों को भावनात्मक मुद्दों पर बहकाया जाता है,वैसे बहकने लगा है मेधा समाज भी।सूचना महाविस्फोट के मस्तिष्क नियंत्रण का चमत्कार यही है।
बहुत पुराना एक वाकया याद आ रहा है।डीएसबी कालेज में एमए इंग्लिश की मौखिक परीक्षा के लिए मैंने अजब रणनीति तैयार की थी।हर सवाल के जवाब में मैं सोच समझकर ऐसे ही जवाब दे रहा था कि अगला सवाल मेरी विशेषज्ञता वाले विषय पर ही पूछने के लिए मजबूर हो जाये परीक्षक।हुआ भी यही। मौखिक परीक्षा में नंबर मुझे लिखित परीक्षा से कहीं ज्यादा मिले। एस पहाड़ी आम छात्र की यह सत्तर दशक की तरकीब हुबहू आज का प्रचारतंत्र आजमा रहा है। मुद्दे अब हमारे हैं ही नहीं।कारपोरेट राज की ओर से मुद्दे उछाले जा रहे हैं। चिंतन मंथन विमर्श विचारधारा सबकुछ पर उसीका नियंत्रण।सारे विकल्प उसीके।तमाम रक्षाकवच,कुंडल आदि उसीके। तमाम महापुरुष,पुरखे,संत, जनांदोलन,महाविद्रोह और इतिहास पर उन्हीका कब्जा।धर्मोन्मादी कारपोरेट राज के इस तिलिस्म में फंसे हम लोग अलग अलग चीख पुकार मना रहे हैं।कोई इस तिलिस्म को तोड़ने के बारे में यकीनन सोच ही नहीं रहा है।हमारी मेधा,हमारी ऊर्जा का इस्तेमाल शत्रुपक्ष कर रहा है।अति धूक्तता के साथ।जाने अनजाने हम सारे लोग इसी दुश्चक्र में कैद है। इस तिलिस्म को तोड़ने के लिए जिस महा विस्फोट की तैयारी है,वह हमारी सम्मिलित मेधा,समग्र ऊर्जा के समन्वय बिना असंभव है।लेकिन इस विकल्प पर सोच ही नहीं रहे हैं हम।
इसी बीचविवादास्पद सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक (प्रिवेंशन ऑफ कम्यूनल वॉयलेंस बिल) पर संसद के आज से शुरू हुए शीतकालीन सत्र में हंगामे के आसार बढ़ गए हैं। बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी की बिल के विरोध में पीएम को लिखी चिट्ठी के बाद सरकार ने साफ कर दिया है कि वह इसी सत्र में इसे पेश करने जा रही है। बिल लाने पर अड़ी सरकार को बीजेपी के साथ-साथ उसे समर्थन दे रहे एसपी और बीएसपी जैसे दलों का भी विरोध झेलना पड़ेगा। इन दोनों पार्टियों के साथ वाम दलों ने भी साफ कर दिया है कि मौजूदा स्वरूप में यह बिल उन्हें स्वीकार नहीं है।
मायने यह कि इस संसदीय सत्र में सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम के नाम पर हंगामा मध्ये भारतीय जन गण का काम तमाम करने वाले सारे कानून पास करवाने का आईपीएल परिदृश्य है।
राष्ट्र और अर्थ व्यवस्था के प्रासंगिक विश्लेषण में अरुंधति हम सबसे मीलों आगे हैं। हम सिर्फ वाह वाह करते हैं। तमाम लोग तमाम क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।अलग अलग द्वीपों में।ज्यादातर की तो हम नोटिस ही नहीं लेते।मीडिया जिन्हें आइकन हिरो बनाता है,बाकायदा ब्रांडेड हैं जो,ब्रांड उपबोक्ता बन चुका जनगण उसी की सुनता है।अरविंद केजरीवाल भी ब्रांडेड हैं।तमाम रुपों में,तमाम अवतारों में रंग बिरंगे कारपोरेट मैनेजर,मार्केटिंग विशेषज्ञ हमें हांक रहे हैं और हम हाके जा रहे हैं।
मसलन
Umesh Tiwari
अपने देश के ज़मीनी मुद्दों के मद्देनजर शायद लोग दिल्ली चुनावों के महत्व का अभी आकलन नहीं कर पा रहे हैं। सच तो ये है कि इन चुनावों के मायने हार-जीत की चौखट से बाहर निकल चुके हैं, नतीजे चाहे जो हों...आने वाले चुनाव देश भर में इनकी छाप लिए होंगे। झट सब ठीक नहीं हो जाएगा पर अब सचमुच आम आदमी राजनीतिक दलों के अजेंडे में होगा। मैं अपने उन विचारवान मित्रों से निवेदन करना चाहता हूँ जो अभी भी 'रहा किनारे बैठ' या अपने से आरंभ होने वाली पहल को ही श्रेष्ठ मानने की मनोदशा में समय बिता रहे हैं, वो खुलकर इस आंदोलन के विरोध या पक्ष में आयें और मार्गदर्शन करें। 'जागो रे जिन जागणा जब जागण की बार, फिर क्या जागे नानका जब सोवे पाँव पसार'!— with Rajiv Lochan Sah and 19 others.
मसलन
Rajiv Lochan Sah
19 hours ago via mobile
इतने अच्छे मतदान के बावजूद यदि आम आदमी पार्टी दिल्ली विधान सभा को त्रिशंकु भी न बना सकी तो यह वैकल्पिक राजनीति के लिये बड़ा झटका होगा। इक्के-दुक्के साफ़ सुथरे लोग पहले भी चुनाव लड़ते और जमानत गँवाते रहे थे। मगर संगठित और सुनियोजित ढंग से साफ़ सुथरी चुनावी राजनीति करने के इस प्रयोग के असफल होने का निहितार्थ होगा कि जनता ने चुनावी गन्दगी को अंतिम रूप से स्वीकार कर लिया है।
Rajiv Nayan Bahuguna, Surendra Grover, चन्द्रशेखर करगेती and 126 others like this.
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Dhan Singh Rawat Its just beginning lets hope for good but also prepare for the worst. Because in Politics any thing can happen. Simply not predictable.
4 hours ago· Like· 1
Harsh Rawatइस देश मैं पार्टियाँ कुकुरमुत्ते की तरह फैल गयि हैं आप कितने पार्टियाँ और चाहतें हैं. जो केजरीवाल अण्णा को धोखा के सकता है वो देश को भी दे सकता है....
3 hours ago· Like· 1
Anil Maikhuri"आप" एक विकल्प है, साहस है, हमें कुछ नया सोचने कि शक्ति देता है, में इस आंदोलन से जुड़े लोगो के बारे ज्यादा नहीं कह सकता, लेकिन यह विचार मुझे उत्साहित करता है. आम आदमी पार्टी एक भी सीट ना लाये, लेकिन यह विचार ख़त्म नहीं होना चाहिए, हो सकता हम आज ना बदले, लेकिन बदलने कि दिशा में हमारे प्रयास रुकने नहीं चाहिए।
3 hours ago· Like· 3
Palash Biswasराजीव दाज्यू, हम लोग राष्ट्र के बदले चरित्र को समझने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।चुनाव नतीजे और तथाकथित जनादेश पहले से तय है।हमें बाजार के निर्मित जनादेश पर ही मुहर लगानी होती है। बंगाल विधानसभा में आदार के खिलाफ पास सर्वदलीय प्रस्ताव की खबर ही नहीं बनी।इसके उलटआधार नंबर नहीं हुआ तो कितनी मुसीबतें होंगी,सीआईए से संबद्ध इस कारपोरेट योजना को प्रायोजित करने में ही लगा है मीडिया।कांग्रेस की जनविरोधी नीतियों की वजह से हम लोग कांग्रेस के हक में नहीं है।लोकिन उससे ज्यादा जनविरोधी,जनसंहार संस्कृति की जायनवादी मसीनरी को विकल्प बतौर पेश किया अबाध विदेशी पूंजी ने और उसके पिट्ठू मीडिया ने।आप कवायद उसी वैकल्पिक जनादेश को कारगर बनाने का माध्यम बना है।जनांदोलनों ने कोई विकल्प ही नहीं दिया जनता को।जनांदोलन के मोर्चे पर राष्ट्र के बदले चरित्र के मुताबिक व्यवस्था बदलने की सोच और रणनीति पर विचार अभी शुरु ही नहीं हुआ है।हम लोग हवा में तलवारे भांज रहे हैं जाहिर है,इससे कुछ बदलने वाला नहीं है ,बदलाव का छलावा जुर होगा।जैसा बंगाल में हुआ।बाजार के जश्न से जाहिर है कि निर्मायक जीत किसकी हुई।जीते चाहे कांग्रेस,चाहे भाजपा या कोई बाजारु&त्रप,पराजय भारतीय लोकघणराज्यऔर उसके गुलाम नागरिकों की निश्चित है।
कोलकाता में सहारा इंडिया समूह के मुखिया सुब्रत राय ने कांग्रेस अध्यक्ष व यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी का बिना नाम लिए कहा है कि उनके विदेशी मूल का मुद्दा उठाने और उन्हें पीएम बनाए जाने की मुखालफत करने की कीमत सहारा को चुकानी पड़ रही है। उन्होंने आशंका जताई कि कांग्रेस के कुछ मंत्रियों के इशारे पर सेबी सहारा समूह को फंसाने की कोशिश कर रही है।
सहारा परिवार के मुखिया सुब्रत राय शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि सेबी हमारे लिए एक रेगुलेटर व बड़े भाई की भूमिका में नहीं है, जैसा दूसरी कंपनियों के लिए और इसकी वजह राजनीतिक ही है। यह पूछे जाने पर कि सेबी के साथ विवाद से कंपनी की प्रतिष्ठा और साख पर असर पड़ रहा है, सुब्रत राय ने कहा कि हमारी कुल देनदारियों से परिसम्पत्तियों का मूल्य बहुत अधिक है, और इसे लेकर कोई चिंता की बात नहीं। बकौल सुब्रत राय के फिलहाल हमारे पास जमाकर्ताओं और बैंकों की कुल देनदारी 40 से 45 हजार करोड़ के बीच है जबकि हमारी भूमि व अन्य अचल परिसम्पत्तियों की कीमत 1.20 लाख करोड़ है।
सराहा के सूत्रधार ने भाजपा शासित राज्यों मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ का नाम लेकर वहां हो रहे विकास की चर्चा की लेकिन नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी पर पूछे गए कई सवालों को टाल गए। उन्होंने कहा कि मोदी से तो मिला हूं लेकिन राहुल के बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता।
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। किस राज्य में किस दल को जनाधार मिलेगा, इसका असल पता तो आठ दिसंबर को ही चलेगा लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे बता रहा हैं कि पांच राज्यों में से चार में बीजेपी की सरकार बन रही है। एग्जिट पोल के अलावा बुकीजऔरज्योतिषी भी यह अनुमान लगा रहे हैं कि दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश औऱ छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बन रही है, जबकि मिजोरम में कांग्रेस की सरकार बना रही है। खास बात यह है कि चार सर्वे एजेंसियों ने करीब एक जैसे ही नतीजे बताए हैं। एग्जिट पोल के हिसाब से दिल्ली में भाजपा सबसे आगे हैं लेकिन एक बात जो बेहद खास है वो यह है कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हरा सकते हैं।
एग्जिट पोल के नतीजों का शेयर मॉर्केट में भी सकरात्मक असर देखा जा रहा है। ज्यादातर एग्जिट पोल के नतीजों से शेयर बाजार में भी उछाल देखा जा रहा है। बेंचमार्क इंडेक्स बीते दिनों के मुकाबले दो फीसदी की छलांग के साथ खुला। गुरुवार दिन में 11 बजे सेंसेक्स 362 प्वाइंट के साथ 21,070 पर था और निफ्टी भी 113 प्वाइंट की बढ़त के साथ 6,273 पर पहुंचा। मिडकैप इंडेक्स में भी एक फीसदी की बढ़त दर्ज की गई तो स्मॉलकैप इंडेक्स ने 0.7 फीसदी की बढ़ ली हुई थी।
आगे विस्तार से पढ़ें- क्या कहते हैं अलग-अलग एग्जिट पोल
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PICS: राजनीति का जेठानी-देवरानी कनेक्शन देखिए
BJP और AAP का गठबंधन चाहती है दिल्ली
पहली बार वोट डालने वाले युवाओं में दिखा जोश, तस्वीरों में देखिए
दिल्ली में रिकॉर्डतोड़ मतदान, एग्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा के आसार
http://www.bhaskar.com/article-ht/c-99-178366-NOR.html
एक्जिट पोल में बीजेपी की जीत के अनुमान से सेंसेक्स में जबरदस्त तेजीClick to Expand & Play
फाइल फोटो
मुंबई: विधानसभा चुनावों के एक्जिट पोल के नतीजों से उत्साहित सेंसेक्स में आज जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 400 अंकों की जोरदार तेजी के साथ 21 हजार के पार निकल गया वहीं निफ्टी 100 अंकों की तेजी दर्ज की गई।
सेंसेक्स सुबह 9.16 बजे 419.98 अंकों की तेजी के साथ 21,128.69 पर और निफ्टी भी लगभग इसी समय 128.75 अंकों की तेजी के साथ 6,289.70 पर कारोबार करते देखे गए।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 183.54 अंकों की तेजी के साथ 20,992.25 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 101.50 अंकों की तेजी के साथ 6,262.45 पर खुला।
'टाइम' की 10 शीर्ष खबरों में 16 दिसंबर का दिल्ली गैंगरेप
टाइम पत्रिका ने 2013 के शीर्ष 10 खबरों में भारत में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं को भी स्थान दिया है। इसे सूची में नौवें स्थान पर रखा गया है।
http://khabar.ndtv.com/news/business/sensex-jumps-on-exit-polls-gains-400-points-374094
सेबी की भूमिका से क्षुब्ध सुब्रत राय ने कहा कि आज के दौर में देश में कोई बड़ा उद्यमी नहीं उभर सकता। 30 साल पहले मैंने अपनी यात्रा शुरू की थी, और एक उपलब्धि हासिल की लेकिन आज के हालात में मैं भी कुछ नहीं कर सकता।
पश्चिम बंगाल में अपनी निवेश की योजनाओं की जानकारी देते हुए सुब्रत राय ने कहा कि दक्षिण 24 परगना के सोनारपुर में 500 बेड के अस्पताल सह मेडिकल कालेज के निर्माण की उनकी परिकल्पना है। इस पर 400 करोड़ की लागत आएगी। इसके लिए जमीन की खरीद की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने देश की वर्तमान आर्थिक हालात पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि चालू खाते के बढ़ते घाटे और घटते निर्यात की चुनौती को लम्बे समय तक नहीं झेला जा सकता।
जाहिर है कि आप हम उनके मुद्दों में उलझे ही रहेंगे और वे हमारा काम तमाम करते रहेंगे।
मसलन
Jubilant shares plunge after FDA warning for U.S. plant
Pharmaceutical tablets and capsules in foil strips are arranged on a table in this picture illustration taken in Ljubljana September 18, 2013. Picture taken September 18.
CREDIT: REUTERS/SRDJAN ZIVULOVIC/FILES
(Reuters) - Drugmaker Jubilant Life Sciences Ltd(JULS.NS) said on Thursday it had received a warning from the U.S. Food and Drug Administration over manufacturing practices at one of its U.S. facilities, sending its shares the limit-down 10 percent.
The FDA said it could withhold approval of new products from Jubilant HollisterStier LLC, a facility located at Spokane, Washington, until the company takes action to comply with the regulator's good manufacturing practices, Jubliant Life Sciences said.
Jubilant HollisterStier will respond to the warning on or before December 12 and will take corrective actions to ensure compliance with the FDA, it added.
The facility accounted for 7 percent of Jubilant Life Science's consolidated sales in the six months ended September.
Shares of Jubilant Life Sciences plunged 10 percent after the announcement, their steepest one-day fall in nearly six months, while the BSE Sensex was up 1.6 percent.
"We expect that the on-going manufacturing, distribution and sale of products from this facility will not be impacted as the WL (warning letter) will affect new approvals only," the company said in a statement.
Indian medicine makers, which produce nearly 40 percent of generic and over-the-counter drugs for the United States, have recently been battered by a rash of regulatory actions including a record fine for Ranbaxy Laboratories Ltd (RANB.NS) and what amounts to a ban by the FDA on a second plant for Wockhardt Ltd (WCKH.NS).
Jubilant Life Sciences, which makes generics and provides contract manufacturing services, has 10 facilities in India, the United States and Canada.
(Reporting by Sumeet Chatterjee in Mumbai; and Abhishek Vishnoi in Bangalore; Editing by Miral Fahmy)
* | 'गुप्त संयंत्र' से भारत बढ़ा रहा है परमाणु ताकत: रिपोर्ट
एक अमरीकी थिंक टैंक ने कहा है कि भारत ने संभवत: एक नए गुप्त संयंत्र का निर्माण किया है जिससे उसकी यूरेनियम संवर्धन करने की क्षमता काफ़ी बढ़ जाएगी. परमाणु अप्रसार पर काम करने वाली संस्था इंस्टीट्यूट फ़ॉर साइंस ऐंड इंटरनेशनल सिक्योरिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सैटेलाइट तस्वीरों के ज़रिए उन्हें पता चला है कि भारत में मैसूर के पास गैस सेंट्रीफ़्यूज़ संयंत्र का निर्माण लगभग पूरा कर चुका है. क्लिक करें (मूल रिपोर्ट). इस रिपोर्ट को लिखने वाले डेविड ऑलब्राइट ने बीबीसी को बताया कि इस नए संयंत्र से परमाणु हथियारों में इस्तेमाल होने वाले यूरेनियम बनाने की जो भारत की ... |
* | बात-बेबात में जंग की बात
भाषा, नई दिल्ली, इस्लामाबाद : पाकिस्तान के अखबार 'डॉन' के मुताबिक, वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि कश्मीर टकराव का एक ऐसा बिंदु है, जो किसी भी वक्त दो परमाणु शक्तियों के बीच चौथी जंग छेड़ सकता है। लेकिन शरीफ के कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की राय यह है कि पाकिस्तान और भारत के बीच किसी भी विवाद के मुद्दे का हल शांतिपूर्ण तरीके से निकलना चाहिए। इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मेरे जीवनकाल में पाकिस्तान के भारत के खिलाफ किसी जंग के जीतने की कोई संभावना नहीं है। इस बीच नवाज के सलाहकार सरताज अजीज ने दावा किया कि सियाचिन पर ... |
* | GOOD NEWS: चौथी बार सबसे सेक्सी एशियन वुमन बनीं कैटरीना कैफ
लंदन। बॉलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ को यहां एक साप्ताहिक पत्रिका द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में लगातार चौथी बार विश्व की सबसे सेक्सी एशियाई महिला के खिताब से नवाजा गया है। कैटरीना ने प्रियंका चोपड़ा, टीवी अभिनेत्री दृष्टि धामी और दीपिका पादुकोण को करीबी मुकाबले में मात दी। कैटरीना ने 'एशिया की शीर्ष 50 सबसे सेक्सी महिलाओं की सूची में पहला स्थान हासिल किया जबकि प्रियंका दूसरे, दृष्टि तीसरे तथा दीपिका चौथे स्थान पर रहीं। सबसे ऊंची नई एंट्री 'आशिकी-2'की अभिनेत्री श्रद्धा कपूर हैं जिन्होंने 12 वां स्थान हासिल किया। माधुरी दीक्षित (23) और श्रीदेवी (40) ने ... |
* | FB पर 'भड़काऊ कॉमेंट्स' को लेकर मुश्किल में लेखिका शीबा, बचाव में मुहिम
सोशल साइट फेसबुक पर कथित तौर पर भड़काऊ कॉमेंट्स करने को लेकर मुश्किल में फंसीं सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका शीबा असलम फहमी के पक्ष में मुहिम शुरू हो गई है। सोशल साइट्स के जरिए चलाई जा रही इस मुहिम में कहा जा रहा है कि पुलिस और अदालत ने पीड़ित को आरोपी बना दिया और आरोपी को बरी कर दिया। शीबा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है और फिलहाल वह जमानत लेने की कोशिश कर रही हैं। मामला क्या है? यह विवाद दो साल पुराना है लेकिन हाल में आए अदालत के फैसले से मामले ने तूल पकड़ लिया है। फेसबुक पर शीबा के पोस्ट से नाराज होकर साल 2011 में पंकज कुमार द्विवेदी ने उन्हें ईमेल के जरिए ... |
* | दिग्विजय को मोदी में दिखा PM बनने का दम!
बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी माने जाने वाले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को अप्रत्याशित टिप्पणी करते हुए कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री अपनी 'उन्मादी' विचारधारा से हट रहे हैं और एक चायवाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है। बीजेपी ने अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी के लिए की गई इस टिप्पणी को हाथोंहाथ लेते हुए इसका स्वागत किया। सिंह ने कहा कि वह इस बात का स्वागत करते हैं कि मोदी धीरे-धीरे अपनी उन्मादी विचारधारा से हट रहे हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की विचारधारा की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इसका स्वागत करना चाहिए कि यदि संघ और ... |
* | सटोरियों ने चार राज्यों में खिलाए कमल
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। विधानसभा चुनावों के नतीजे भले ही रविवार को घोषित होंगे, लेकिन सटोरियों ने पहले ही चारों बड़े राज्यों में कमल खिला दिया है। सटोरियों का मानना है कि दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस भाजपा को टक्कर देने की स्थिति में नहीं है। केवल छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस और भाजपा में कड़ी टक्कर है, लेकिन वहां भी पंजे पर कमल भारी है। सटोरियों के अनुसार, भाजपा दिल्ली और राजस्थान में कांग्रेस से सत्ता छीनने के लिए तैयार है। दिल्ली की 70 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा 37 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। वहीं, 24 ... |
Will evolve consensus on important legislation: PM
As the controversy rages on a bill to curb communal violence, Prime Minister Manmohan Singh said Thursday his government was making efforts to build consensus on "all matters of legislative importance".
His comments came after the Bharatiya Janata Party's prime ministerial candidate Narendra Modi wrote to him seeking "wider consultation" on the bill.
"It will be our effort to get broad-based consensus on all matters which are of great legislative importance," the prime minister said in response to a question on Modi's opposition to the bill. He was speaking to reporters ahead of the winter session of parliament that began Thursday.
Modi, in a string of tweets Thursday, said he had written to the prime minister opposing the bill and also questioning its timing.
"Communal Violence Bill is ill-conceived, poorly drafted and a recipe for disaster! My letter to PM opposing this bill. Have urged the prime minister to seek wider consultation with the states and various stakeholders of the bill before proceeding any further on a bill like this," Modi said in a tweet.
"Political considerations and vote bank politics rather than genuine concerns are guiding the bill. The timing of the bill is also suspicious," he said.
Modi also said the bill would violate India's federal structure."The bill is in clear violation of India's federal structure. The centre is busy forming laws on matters that are in the state list. If a legislation has to be implemented by the states, should it not be legislated by the states? If implemented, the Communal Violence Bill would fragment society and increase violence. It will have results opposite of the stated objective," he said.
The bill is likely to be taken up in the winter session of parliament.
The prime minister, meanwhile, also urged all parties to ensure a smooth parliament session.
"This session of parliament is of a short duration, and therefore it is obligatory for all political parties... to make their best possible effort to (run the) business of the two houses as easily and smoothly as possible.
"We seek the co-operation of all segments of the house for the smooth passing of the essential legislation," he said.
The winter session is scheduled to end Dec 20.
Narendra Modi reignites Communal Violence Bill debate with letter to PM
Zee Media Bureau/Ajith Vijay Kumar
Ahmedabad/New Delhi: Coming out strongly against the Communal Violence Bill, BJP's prime ministerial candidate Narendra Modi has termed it as ill-conceived, poorly drafted and a recipe for disaster.
The Gujarat Chief Minister has joined chief ministers of West Bengal, Tamil Nadu, Madhya Pradesh and Odisha in opposition to the bill which they allege is a violation of India's federal structure.
Also Read: Communal Violence Bill facing opposition from non-Cong states
Narendra Modi has also written a letter to the PM to register his opposition to the bill.
The 'Prevention of Communal and Targeted Violence (Access to Justice and Reparations) Bill, 2013' proposes to impose duties on the Centre and state governments and their officers to exercise their powers in an impartial and non-discriminatory manner to prevent and control targeted violence, including mass violence against religious or linguistic minorities, SCs and STs.
The bill also proposes constitution of a body - National Authority for Communal Harmony, Justice and Reparation - by the Centre to exercise the powers and perform the functions assigned to it under this Act. The bill largely sticks to the provisions prepared by Sonia Gandhi-led National Advisory Council (NAC).
Modi, in a series of tweets today morning, hit out at the UPA government for pushing ahead with the Communal Violence Bill.
"Communal Violence Bill is ill-conceived, poorly drafted & a recipe for disaster! Timing of Communal Violence Bill is suspicious. Political considerations & votebank politics rather than genuine concerns are guiding it," he tweeted.
Also Read: BJP to oppose Communal Violence Bill in Parliament
"Communal Violence Bill is in clear violation of India's federal structure. Centre is busy forming laws on matters that are in the State List. If a Legislation has to be implemented by the States, should it not be legislated by the States?"
"If implemented, Communal Violence Bill would fragment society & increase violence. It will have results opposite of the stated objective. Urged PM to seek wider consultation with the states & various stakeholders of the Bill before proceeding any further on a Bill like this," he added.
Also Read: Will soon bring in anti-communal violence bill: Shinde
In his letter to PM, Modi described the bill as an attempt to encroach upon the authorities of the state governments and sought wider consultation among the various stakeholders such as the state governments, political parties, police and security agencies etc. before any further movement on the issue.
The Gujarat Chief Minister said that his government is sensitive to the issue of communal violence and agreed that there is a need to be vigilant on communal violence but the contents and timing of the bill are suspicious.
He questioned the hurry of the Centre to introduce the bill in the Parliament, saying that such an attempt before the Lok Sabha elections is suspicious and is driven by votebank politics rather than genuine concern for preventing communal violence.
In his letter to the Prime Minister, the Gujarat Chief Minister brought out the various operational issues in the proposed Prevention of Communal Violence (Access to Justice and Reparations) Bill, 2013. He shared various shortcomings in the individual sections of the proposed Bill.
For example, the Section 3(f) that defines "hostile environment" is wide ranging, vague and open to misuse. Likewise, the definition of communal violence under Section 3 (d) read with Section 4 would raise questions on whether the Centre is introducing the concept of "thought crime" in the context of the Indian criminal jurisprudence.
Strongly opposing the move to make public servants, police and security agencies criminally liable, Modi warned that such a move can adversely impact the morale of our law and order enforcement agencies. It may also make them vulnerable to political victimization.
First Published: Thursday, December 05, 2013, 09:23
Uday Prakash
दुआ
जहां चुप रहना था,
मैं बोला.
जहां ज़रूरी था बोलना,
मैं चुप रहा आया.
जब जलते हुए पेड़ से
उड़ रहे थे सारे परिंदे
मैं उसी डाल पर बैठा रहा....Continue Reading
ET NOW
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Panini Anand
ऐसे समय में, जब देश में कॉर्पोरेट जगत के दो विकल्प ही राजनीति के सूर्य घोषित किए जा रहे हों, दिल्ली में कॉर्पोरेट का एक तीसरा प्रयोग भी चल रहा है और एक ही नस्ल के तीन के बीच वोट बांटकर मतदाता किसी गुमान का शिकार हो, यह ख़बर सामने लाना अहम है. दरअसल, जिसे ख़ारिज करने की ज़रूरत है, उसे न तो आप छोड़ रहे हैं, न पहचान रहे हैं और न उसके ख़िलाफ़ लामबंद हैं. डालते रहिए वोट... प्याज़-जूता, प्याज़-जूता, प्याज़-जूता.
Bolivia is "McDonald Free" | Pratirodh.com
pratirodh.com
served its last hamburgers in Bolivia on a Saturday at midnight [2002], after announcing a global restructuring plan in which it would close its doors in seven other countries with poor profit margins.
Vidya Bhushan Rawat via Babasaheb Ambedkar
All Ambedkarite know Sanjay Paswan well. So, I am sure no real follower of Baba Saheb Ambeddkar will ever follow the path of Hindutva. Those who want to take them to the Sangh Parivar actually violate the principles laid down by Dr Ambedkar. At the moment, Sangh is working on different front. Confuse different communities who are not seen as their partner whether it is Muslims or Dalits.
After Modi and Sardar Patel, RSS wants to adopt Ambedkar
firstpost.com
The RSS's SC unit has launched a campaign to make Ambedkar their Dalit icon.
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Reyazul Haque
Rebuild Babri Masjid!
Smash Hindutva!
Annihilate Caste!
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Tod Do Ghulami Bediyan: An evening of protest songs
Tomorrow at 5:30pm
Sabarmati Dhaba, JNU, New Delhi
You were invited by Reyazul Haque
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भारत में मार्क्सवाद को म्लान करता:आंबेडकरवाद
एच एल दुसाध
पिछले दो दशकों से भारत में जिस 'वाद'ने द्रुत गति से तमाम समाज परिवर्तनकामी 'वादों'को प्रायः हासिये पर धकेल कर रख दिया है,उसका नाम आंबेडकरवाद है.उत्तरोत्तर बढ़ते इसके प्रभाव से देश में जो वाद सर्वाधिक क्षतिग्रस्त हुआ है,वह मार्क्सवाद है.कांशीराम के उभार के साथ –साथ तेजी से विस्तारलाभ किये आंबेडकरवाद के उदय के पूर्व सवर्ण तो सवर्ण,सामाजिक बदलाव के प्रति समर्पित तमाम दलित –पिछड़े ही मार्क्सवाद से चिपके...Continue Reading
Economic and Political Weekly
The reported dismissal of two doctors in one of Delhi's most prestigious charitable hospitals points to the growing commercialisation of the medical profession and the struggle of not-for-profit health services to operate amid the proliferation of for-profit hospitals.
http://www.epw.in/web-exclusives/transformation-charitable-hospitals.html
Ram Puniyani
Kashmir: Understanding Article 370
Ram Puniyani
Those gripped by religious nationalism are unable to understand the regional-ethnic aspirations of the people. Many an ultra-nationalists of different hues also fall into this trap many a times. With formation of Indian nation the integration of regions like Himachal Pradesh, North Eastern States and Jammu& Kashmir created some challenging situations. Though in all these cases the challenges were met in different ways and are even now continuing to pose some issues of serious national concerns, but those related to Kashmir require some more pressing attention. Located in a strategic geographic area of great significance, the global powers have also added their own weight behind complicating the matters in Kashmir. Kashmir remains one of the most contentious issues between the two neighbors, Pakistan and India. In addition the communal forces in India have been making it a bone of contention all th...Continue Reading
Vidya Bhushan Rawat
Many of 'secularists' are fan of this man who spew venom against Muslims in the name of 'secularism'. Well, sitting in Canada and then preaching is easy for Tarek Fateh. How can Hindu communalism is better than Muslim Communalism Mr Fateh or for that matter Christian Fundamentalism. It is a shameless argument which degrade secular thought. Shameful Tarek Fateh, your wish is not going to be fulfilled that easily.
://www.sunnewsnetwork.ca/archives/sunnews/straighttalk/2013/12/20131204-084839.html
'Modi will be good for India'
sunnewsnetwork.ca
SunNewsNetwork.ca uses video, photos, and interactive tools to cover Canada's national and international news, politics, and varying opinions.
Himanshu Kumar posted 2 updates.
Himanshu Kumar
अगर शीबा असलम फहमी को मोदी के और फासीवाद के खिलाफ लिखने के कारण जेल में डालने की तैयारी की जा रही है .
तो सभी साम्प्रदायिक , अमन के दुश्मन , जनद्रोही भेडिये कान खोल कर सुन लें . तुम्हारी इस घटिया कोशिश का अंजाम ये होगा फिर हम सब शीबा बन कर वही लिखेंगे जिसे लिखने के कारण तुम शीबा का गला घोंटने की कोशिश में हो .
ये मुल्क तुम जैसे गांधी के हत्यारों , इंसानियत के दुश्मनों का नहीं है , बल्कि ये तो मुल्क करोड़ों दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों ,मजलूम औरतों का सबसे पहले है .
तुम्हारी इस कोशिश को हम वैसे ही नाकामयाब कर देंगे जैसे इससे पहले हमेशा ही करते आये हैं .
हम सब शीबा के साथ हैं .
मेरा प्रस्ताव है कि कल ही मिला जाय . दो बजे . जंतर मंतर पर . सुझाव दीजिए ?
Sheeba Aslam Fehmiके खिलाफ जामा मस्जिद थाने में एफआईआर दर्ज हो गयी है . अदालत ने उनकी मोदी विषयक टिप्पणियों को राष्ट्रविरोधी और भारतविरोधी करार देते हुए पुलिस को ऐसा करने का हुक्म दिया था . तफसील हमारी पिछली पोस्ट में है. उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है . बिना कोई आरोप पत्र दाखिल किये काले कानूनों के तहत सालोंजेल यातनाएं भुगतायी जा सकती हैं . अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जोरदार विरोध बुलंद कीजिए . मीडिया के साथी तुरंत कार्रवाई करें . सुझाव दीजिये , दिल्ली में मिलजुल कर कब कहाँ क्या किया जा सकता है . यह कार्रवाई शीबा के नहीं , समूची सोशल मीडिया के खिलाफ है . त्रासदी को घटने से पहले रोकना होगा .
Shamshad Elahee Shams
कँवल भारती का दूध पीते हुए भले ही आपका और मेरा मुँह जल गया हो, लेकिन शीबा असलम फहमी का पानी पीने से पहले फूंक मारने की जरुरत नहीं. अधकचरे लोगो से मेरी वैचारिक असहमति इस बात की इजाज़त नहीं देती कि 'राज्य' नाम का भेड़िया पढ़ने, लिखने, सोचने वाले लोगो का खुलेआम शिकार करने निकल पड़े. मैं राज्य के इस कुकृत्य की कड़ी भर्त्सना करता हूँ. राज्य की इस मध्यकालीन बर्बरता का नाश हो.
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Vidya Bhushan Rawat
भारत की जनता बहुत बुद्धिमत्ता से वोट करती है यह तो मैं नहीं कहूंगा लेकिन जनता का फैसला तो स्वीकारना पड़ेगा। जिन पांच राज्यों में अभी चुनाव हुए और उनके नतीजे आने बाकी हैं वे संघ परिवार के गढ़ हैं और वहाँ पर अम्बेडकरवादी, वामपंथी और बहुजन ताकते लगभग सुप्त हैं इसलिए दो ब्राह्मणवादी पार्टियों में से एक को चुनना मज़बूरी है . ये बात जान लीजिये के यह सवर्ण पुनरथान का समय है क्योंकि मंडलीय शक्तिया वैचारिक और व्यवहारिक रूप से कुछ भी करने में असमर्थ हैं. अपने अपने कुनबों में नारे और चिल्ला चिल्लाकर हम हिंदुत्व के ताकतो से कभी भी लोहा नहीं ले सकते। हर फ्रंट पे काम के जरुरत है और मीडिया और धन के बल पर परम्परावादियों ने देश में भारी मानसिक अराजकता पैदा की है. वर्त्तमान सरकार इसका हल ढूंढने में या इन पर विचार करने में भी असमर्थ हैं. मैं नहीं मानता के राहुल गांधी को कोई समझ नहीं क्योंकि ये बेहूदगी की बात होगी और कांग्रेस को अपने नेता चुनने का अधिकार है राहुल हो या कोई और ये उनका मसला है . वैसे बुरे समय में समझाने ने वाले बहुत हैं और बहुत टिप्पणियां करेंगे ल...See More
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जनज्वार डॉटकॉम
सरकार चीनी मिल मालिकों को हजारों करोड़ की रियायत देने की जगह किसानों को रियायत दे और किसानों के सभी कर्ज माफ किये जायें. किसान को उसकी फसल की सही कीमत न मिलने से खेती घाटे में जा रही है और किसान कर्ज में डूबते जा रहे हैं...http://www.janjwar.com/2011-06-03-11-27-02/71-movement/4573-kisanon-ko-chhalati-akhilesh-sarkar-for-janjwar-ipf
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जनज्वार डॉटकॉम with Bablu Fredric
पुरुषों के मुक़ाबले महिलाओं की स्थिति में तेज़ी से बदलाव आया है. वे सशक्त हो रही हैं. उनका पहनावा, नजरिया, सोच और चाहत, उनके हावभाव और अंदाज़ सब बदल रहे हैं. इन सबने महिलाओं के प्रति एक नई तरह की हिंसा को जन्म दिया...http://www.janjwar.com/2011-05-27-09-08-56/2012-06-21-08-09-05/302-media/4574-mahila-sshaktikaran-se-janmi-nayi-hinsa-for-janjwar
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India Shadow Banker Fights to Keep Empire Built on Poor
By Anto Antony & Bhuma Shrivastava - Dec 3, 2013 12:23 PM GMT+0530
Bloomberg Markets Magazine
Prashanth Vishwanathan/Bloomberg
Sahara group Chairman Subrata Roy leaves a company event in Lucknow, India, in May.
Tucked away on a hillock in the suburbs of Mumbai, a missile-proof bunker twice the size of the U.S. White House holds the key to a $3.8 billion puzzle.
Roy stands beside an Air Sahara helicopter. He sold the discount airline in 2007. Photograph courtesy of Sahara
The entrance to Roy's 148-hectare estate in Lucknow, which has an artificial lake, a golf course and a helipad. Photographer: Prashanth Vishwanathan/Bloomberg
The underground vault below a data-storage center is in a compound watched by 84 security cameras and surrounded by a 3.7-meter (12-foot) wall topped with barbed wire, Bloomberg Markets magazine will report in its January issue. The 66,600 fire-resistant metal boxes inside contain 200 million documents with the personal information of 30 million investors in Subrata Roy's group of companies known as Sahara India Pariwar. That's more than the combined population of Australia and New Zealand.
The dark corridors of a subterranean chamber are an appropriate place for the documents: Roy, a fit 65-year-old with a bushy mustache, is India's top shadow financier, part of a largely unregulated industry with assets the Financial Stability Board estimates at $670 billion and that provides financial services outside of the banking system.
Over the past 35 years, Roy has built an empire that Sahara valued at $11 billion at the end of 2012. It owns properties such as New York's Plaza Hotel, London's Grosvenor House and at least 120 companies, including television stations, a hospital, a dairy farm, retail shops selling everything from detergents to diamonds and a 42.5 percent stake in India's Formula One racing team. Sahara also owns 14,600 hectares (36,000 acres) of land, an area the size of Liechtenstein.
'Financial Inclusion'
While Roy says his personal wealth amounts to less than $1 million, if the assets of the closely held group, including the Mercedes-Benz S350 he's chauffeured around in, were counted as his own, he'd be the fifth-richest man in India, according to the Bloomberg Billionaires Index.
All the while, Roy has portrayed himself as a crusader for what he calls "financial inclusion" for the 65 percent of adults in India who, according to the World Bank, don't have access to a bank account.
Sahara, which means "support" in Hindi, collects sums as small as 20 rupees (32 cents) a day from rickshaw pullers, laundry washers and tire repairmen. Agents working for the company on commission promise to return an agreed-upon amount after a specified period -- sometimes enough accumulated savings to pay for a daughter's wedding or a plot of land. Roy says he performs a critical service, which he calls "parabanking," his term for shadow banking.
Court Order
"We are always taking care of those people who never go to banks," Roy says in an interview at his home, modeled on the White House and nestled inside a 148-hectare walled property in Lucknow, the capital of Uttar Pradesh in northern India, along with an artificial lake, a golf course and a helipad. "I can give you millions of examples where a cobbler has become a fruit vendor, or a rickshaw puller who has three rickshaws now."
Now, Roy is fighting to keep all that he created. Regulators say he doesn't play by the rules and are asking India's Supreme Court to take away his assets, dismantle his companies and throw him in jail. The country's market watchdog, the Securities and Exchange Board of India, known as SEBI, has accused Roy of flouting a Supreme Court order requiring Sahara India Real Estate Corp. and Sahara Housing Investment Corp. to refund $3.8 billion they had raised selling convertible debt as investment products to depositors without SEBI's approval.
The key question -- its answer buried in the underground vault in Mumbai where SEBI rents space -- is whether Sahara has complied with the court order.
Duplicate Payments
The company says the 31,675 cartons of documents it delivered in 128 truckloads after the ruling, prove it repaid the money. SEBI's lawyers told the court the math is muddled and the paper trails often lead nowhere.
SEBI officials declined to comment. A lawyer representing the agency, who asked not to be identified because he isn't authorized to speak publicly, offers the example of a man named Anirudh Singh, who appears 1,433 times in Sahara's documents with the same address and father's name. The person was marked as repaid 34 times on a single day, the lawyer says. A spokesman for Sahara declined to comment about the duplication.
In October, the Supreme Court directed Sahara to hand over to SEBI title to land valued at $3.3 billion as collateral for investors' money the regulator says remains unpaid. That's in addition to the more than $816 million Sahara has already deposited with SEBI. On Nov. 21, it restrained Roy from leaving the country and barred Sahara from selling properties. If the court rules that Roy failed to comply with its previous order, he could be sentenced to six months in jail and forced to forfeit his companies and assets.
Regulatory 'Vengeance'
"We will approach the Supreme Court so that we can submit all the documents directly to a state-run bank instead of going through SEBI," Roy told reporters on Nov. 29 in the eastern Indian city of Kolkata. "People come after Sahara because of political reasons and my emotional statements."
While Roy says that all of the money has been refunded, he said in his Lucknow interview with Bloomberg that investors may have chosen to reinvest some funds in other Sahara products. He calls the charges "clear-cut vengeance" on the part of the regulator, which oversees securities sales, and the Reserve Bank of India, the central bank, which supervises deposit-collecting businesses, including nonbanking companies.
Values, Ethics
Another Sahara company ran afoul of the central bank in 2008. Sahara India Financial Corp., which raised $11.5 billion in deposits as of June 2011, was ordered by the central bank to returnthe money with interest to savers by 2015. It said the company ignored regulations, including those requiring payment of minimum interest rates. The company says it fully repaid the money as of March 2012.
"It is very easy to say anything against anyone," says Roy, dressed in a black Nehru jacket and gesturing with his hands, adorned with blue-sapphire and emerald rings. "Someone should prove one thing where we have done some wrong. Prove one thing against values and ethics, and they can hang us."
Roy defends selling the investment products, a type of bond, saying that Sahara had approval from the Ministry of Corporate Affairs, which oversees unlisted entities such as Sahara, and that the company was never told to seek SEBI's approval. A spokesman for the ministry declined to comment.
SEBI Chairman U.K. Sinha said in an interview with Bloomberg TV in June that the roles of regulators and government agencies, when it comes to such approvals, have a "certain amount of lack of clarity."
'Very Mysterious'
Regulators are wary of companies collecting deposits from the public without oversight, says Sandeep Parekh, a former executive director in charge of enforcement at SEBI who wasn't involved in the Sahara case.
"We really don't know who the investors are," he says. "Everything about the Sahara group is very mysterious."
Only two of the more than 120 Sahara group companies are publicly traded, and a majority of their shares are held by Roy or other Sahara entities. Sahara Housingfina Corp., which provides home loans and consumer lending to the self-employed, is 71 percent owned by three other firms in the group, according to regulatory filings. Roy is chairman and the biggest shareholder in Mumbai-based Sahara One Media & Entertainment Ltd., which owns television channels and produces films. He has a 24 percent stake, worth about $5.5 million, while other Sahara companies control 51 percent, filings show.
Debt Sales
A June 2011 order by SEBI against the two Sahara companies said to have sold the convertible debt without the agency's permission cited a "callous lack of transparency regarding the source, collection and utilization of funds." It said filings revealed that some of the money collected through debt sales may have been parked with partnership firms or in accounts controlled by Sahara entities at other banks.
Spokesmen for Sahara didn't respond to multiple e-mails and phone calls during a five-month period seeking information on the ownership structure of the group or its companies.
Roy says he offered to help SEBI track down depositors and that regulators rebuffed him. Some of those customers say they appreciate the services the company provides even if they don't always understand the issues involved in the dispute.
"I'm able to save only because it's taken away from me daily, or else it'll get spent on something," says Mohammad Shabeer, 46, sitting by piles of truck tires and dusty rubber tubes alongside a highway in Lucknow. "Who would go to a bank daily to deposit 20 rupees, 50 rupees?"
Sahara Savings
Shabeer, who lives in a bamboo shack and earns 7,000 rupees a month repairing tires, or about $4 a day, says he saved enough with Sahara over 20 years to buy a plot of land for $1,000. A Sahara agent comes to his unmarked stall every day to collect 100 rupees, a sum too minuscule for traditional banks.
While Shabeer says he knows the maturity date of his deposit, he doesn't know how the money is invested or what interest it earns. He says he hasn't heard of SEBI and doesn't know if regulators are looking for him.
Neither does 72-year-old Kailash Chandra Rathore, who deposits 20 rupees a day earned selling a motley mix of snacks, shampoo sachets and wooden kite reels from a hole-in-the-wall convenience store on a snaky lane in Lucknow's Dandiya Bazaar.
"It's like putting money in a piggy bank," he says. "It doesn't pinch me." His Sahara agent told him the "TV controversy" about Sahara has "nothing to do with my money," and that's enough reassurance for him, he says.
Poor Student
No amount is too small for Sahara agents to chase in a country where two-thirds of the population lives on less than $2 a day, says Roy, whose official title is managing worker and whose employees call him Saharasri, a term of reverence.
Roy, the son of a sugar factory technologist in the northern state of Bihar, was a poor student who eventually earned a degree in mechanical engineering, according to his authorized biography, "A Bengali's Practice of Finance: The Sahara Story." He trained with the National Cadet Corps, a quasi-military outfit that grooms young people for India's armed forces. When he was selected as a trainee pilot, his mother intercepted and hid the letter, according to the book, by Mani Shankar Mukherjee.
Sahara Uniforms
Instead, he tried his hand at selling packaged snacks, electric-fan manufacturing and a metal-testing business before joining a struggling lending company called Sahara Finance in 1978. Roy took over the firm and has changed its deposit-collection model at least six times as regulation tightened. Today, he supervises 1.1 million employees working out of 4,512 offices across the country.
Roy's military training influenced the way he runs the company. Employees dress in uniform: white shirts, black trousers and black neckties embossed with Sahara's sunburst logo for men; black-and-white saris for women. They salute each other by placing their right palms over their hearts and have an anthem that lauds coming together in "collective prosperity."
Roy says he's proud that his workers have never gone on strike and that they value loyalty.
"If I call an employee and ask him to stand on one leg, he will stand on one leg and still talk nicely," Roy says. "This is the level of commitment and following."
Mother India
Sahara has an in-house deity, Mother India. A 3-meter-high statue of the goddess riding a chariot pulled by four golden lions and waving an Indian flag stands outside the company's gated Lucknow headquarters. The image, a version of which is known to every Indian schoolchild, appears in company literature and advertisements.
In May, 121,653 Sahara employees gathered in Lucknow to set a Guinness world record, as verified by two auditing firms, for the most citizens singing the Indian national anthem at the same time in the same place. Afterward, scores of workers touched Roy's feet -- a Hindu gesture of respect -- and then greeted him with the company salute and congratulated him.
"It is not a cult; it is a culture," Roy said later that day, insisting that an "emotional" chord binds the Sahara family, a word he used at least five times in a two-hour interview.
'Emotionally Speaking'
Sahara has published full-page advertisements in Indian newspapers countering SEBI's allegations, including one titled "Emotionally Speaking." Roy calls regulators "banning agencies" whose policies stifle entrepreneurship.
His most recent marketing campaign features a new deposit-collection program through Sahara's retail stores, Sahara Q, which falls outside of SEBI's purview. Roy says he plans to open 14,000 stores where customers can use savings or cash to buy goods, including rice, beverages and processed foods.
One depositor says the 5,000 rupees he saved with Sahara were converted without his permission into a voucher to be used at Sahara Q shops.
"I don't know whose fault it is," says Kailash Verma, 45, who sells chewing tobacco next to an open drain less than 10 kilometers (6 miles) from Roy's home in Lucknow. "I have told my wife, 'Don't put any more money in this company.'"
SEBI ran newspaper advertisements in October 2012 advising Sahara depositors not to be forced into Sahara Q conversions. Parekh, the former enforcement chief, says such conversions without consent are illegal. Roy says no deposits were converted without consent.
Air Sahara
Roy says his investments in land have appreciated as much as 10-fold. He also profited by selling Air Sahara, a discount airline he started, to Jet Airways (India) Ltd. for 14.5 billion rupees in 2007, before the country's aviation industry went into a tailspin.
Sahara is planning to expand its dairy business and wants to add 45,000 hotel rooms, Roy says. He intends to sell equity stakes of as much as 15 percent in his hospital, hotels, dairy and retail ventures. He says his tussle with SEBI has forced him to curtail spending in order to refund investors, pushing Sahara's growth plans back almost two years.
When Roy was considering whether to buy the Grosvenor House hotel, which he did in 2010 for 470 million pounds ($765 million), or to purchase a 75 percent stake in New York's Plaza Hotel, which he did in 2012 for $575 million, he consulted with Krishna Murari Mishra, his astrologer for 20 years.
Blue Sapphire
It was Mishra who recommended that Roy wear a blue-sapphire ring on his middle finger and an emerald on his pinkie to improve his fortune.
"These things are like an umbrella," Roy says of the rings. "They will save you from getting wet in rains but cannot save you from the flood."
Mishra says he suggested the gemstones because the financier was going from one meeting to another for three days without sleep and needed to slow down.
"Every good weather phase for him will come after an initial phase of bad weather," Mishra says. "And these phases have come again and again. But with each setback, he has emerged stronger and gone further."
To contact the reporters on this story: Anto Antony in Mumbai at aantony1@bloomberg.net; Bhuma Shrivastava in Mumbai at bshrivastav1@bloomberg.net
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* संसदका शीतकालीन सत्र आज से शुरू, कई अहम बिल ...
एनडीटीवी खबर-5 घंटे पहले
नई दिल्ली: संसदका शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह सत्र 12 दिन का है, जो 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र में कई अहम बिल सरकार के एजेंडा में हैं। इनमें महिला आरक्षण बिल, लोकपाल बिल और तरक्की में आरक्षण से जुड़े बिल शामिल हैं।
मनी कॉंट्रोल-5 घंटे पहले
Zee News हिन्दी-6 घंटे पहले
* आज के लिए संसदके दोनों सदन स्थगित
मनी कॉंट्रोल-1 घंटे पहले
संसदका शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है और शायद ये आम चुनाव के पहले आखिरी सत्र होगा। 12 दिन का ये छोटा सा सत्र हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं। दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद दोनों सदन आज के लिए स्थगित कर दिए गए हैं ...
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* संसदका सत्र आज से शुरू
दैनिक जागरण-13 घंटे पहले
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पांच विधानसभाओं के लिए बुधवार को खत्म हुए मतदान के बाद गुरुवार से संसदका शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। हालांकि, इस बार भी विवादास्पद मुद्दों की भरमार और भाजपा सहित विपक्षी दलों के रवैये के कारण ये ...
संसदसत्र पर होगा चुनावी नतीजों का असर : बीजेपी
Zee News हिन्दी-04-12-2013
संसदसत्र पर होगा चुनावी नतीजों का असर : बीजेपी नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि विधानसभा चुनाव के परिणाम संसदके शीतकालीन सत्र को प्रभावित करेंगे। भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने पार्टी नेताओं से ...
* संसदका शीत सत्र कल से, लोकपाल-महिला बिल एजेंडे में
आईबीएन-7-17 घंटे पहले
नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव के नतीजों की सुगबुगाहट के बीच संसदका शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। विपक्ष ने पहले ही दिन से महंगाई और आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है। विपक्ष सत्र की ...
* संसदसत्र पर होगा चुनावी नतीजों का असर: भाजपा
khaskhabar.comहिन्दी-21 घंटे पहले
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कहा कि विधानसभा चुनाव के परिणामसंसदके शीतकालीन सत्र को प्रभावित करेंगे। भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद कहा, पांच से 20 दिसंबर तक चलने वाले संसदसत्र ...
* संसदसत्र से पहले बीजेपी संसदीय बोर्ड की अहम बैठक
Sahara Samay-03-12-2013
संसदके शीतकालीन सत्र से पहले बुधवार को बीजेपी संसदीय बोर्ड की अहम बैठक हो रही है. माना जा रहा है कि बीजेपी ने संसदसत्र के दौरान अपनी रणनीति तय करने के लिए यह बैठक बुलाई है. इसके बाद शाम पांच बजे लाल कृष्ण आडवाणी के घर पर एनडीए ...
संसदमें रहेगी महंगाई और दंगों की गूंज
नवभारत टाइम्स-02-12-2013
सोमवार को संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आगामी 5 दिसंबर से शुरू हो रहे संसदके शीतकालीन सत्र में एक सुर में इस मसले को उठाने की मांग की गई। इसके साथ ही मुज्जफरनगर के सांप्रदायिक दंगों का ...
संसदकी साख बचाने का मौका
Live हिन्दुस्तान-03-12-2013
कल से संसदका जो सत्र शुरू होगा, उसमें संसदसिर्फ 12 दिन ही बैठेगी। इससे काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि यह विधायिका का महत्वपूर्ण सत्र होगा। आम चुनाव अब थोड़ी ही दूर हैं, इसलिए सरकार के सामने यह आखिरी मौका है, जब वह उन कुछ ...
* संसदका शीतकालीन सत्र कल से, सूची में 38 विधेयक ...
प्रभात खबर-03-12-2013साझा करें
नयी दिल्ली : गुरुवार से शुरू हो रहे संसदके 12 दिवसीय संसदके शीतकालीन सत्र के दौरान 38 विधेयक पेश किये जायेंगे. विपक्षी दलों ने सत्र बढ़ाने की मांग सरकार से की है,तो सरकार की ओर से कहा गया कि इस विषय पर विचार करेंगे. संसदसत्र ...
सहाराकी प्रॉपर्टी बेचने, सुब्रत रायके विदेश जाने पर रोकबिजनेस भास्कर - Nov 21, 2013 निवेशकों का पैसा वापस करने के मामले में सहाराग्रुप को तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बाजार नियामक सेबी के ताजा बयान को काफी गंभीरता से लेते हुए सहाराग्रुप के प्रमुख सुब्रत रायके विदेश जाने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही देश की शीर्ष अदालत ने गुरुवार को सहाराग्रुप द्वारा अपनी किसी भी प्रॉपर्टी (संपत्ति) को बेचने पर भी रोक लगा दी। मालूम हो कि सेबी ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था, 'सहाराग्र्रुप ने अपनी संपत्तियों की कीमतें बढ़ा-चढ़ाकर लगाई हैं। सहाराने अदालती निर्देश के अनुरूप अपनी 20,000 करोड़ रुपये मूल्य की परिसंपत्तियों की तमाम मूल टाइटिल डीड्स ... सहारानहीं बेच पाएगा प्रॉपर्टी, सुब्रतरॉय के देश छोड़ने पर रोकनवभारत टाइम्स - Nov 21, 2013 सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपये वापस करने के मामले में सहारासमूह की ना-नुकुर के मामले में सख्ती करते हुए इसके मुखिया सुब्रत रायके देश से बाहर जाने पर रोक लगाने के साथ ही इसकी संपत्ति बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। अदालत ने कहा कि हर तरह के विवादों से मुक्त 20 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज सेबी को सौंपने के उसके आदेश का सहारासमूह ने पूरी तरह पालन नहीं किया है। अदालत ने इसके साथ ही सुब्रत रॉय और समूह के अन्य निदेशकों वंदना भार्गव, रविशंकर दुबे और अशोक राय चौधरी के देश से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। जस्टिस के. एस. राधाकृष्णन ... सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रायकी विदेश यात्रा पर लगाई पाबंदीZee News हिन्दी - Nov 21, 2013 सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रायकी विदेश यात्रा पर लगाई पाबंदी. Tag: सुप्रीम कोर्ट, सुब्रत राय, विदेश यात्रा, सेबी, सहारासमूह, सहाराग्रुप के निदेशक, Supreme court, Subrata Roy, Sahara Group. Last Updated: Thursday, November 21, 2013, 19:10. सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रायकी विदेश यात्रा पर लगाई पाबंदी. Pic Courtesy: नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को सहारासमूह के प्रमुख सुब्रत रायऔर दो निदेशकों की विदेश यात्रा पर रोक लगा दी क्योंकि वे न्यायालय के 28 अक्टूबर के आदेश का पालन करने में असफल रहे। न्यायालय ने 28 अक्टूबर के आदेश में उन्हें निवेशकों के पैसे वापस करने की गारंटी के तौर पर अपनी 20 ... सुब्रत रायके देश छोड़ने पर रोकदैनिक जागरण - Nov 21, 2013 नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। निवेशकों का पैसा न लौटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सहारासमूह के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है। कोर्ट ने सहारासमूह के कर्ताधर्ता सुब्रत रायऔर तीन अन्य निदेशकों- वंदना भारद्वाज, रवि शंकर दुबे व अशोक राय चौधरी के देश छोड़ने पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं, सहारासमूह की कोई भी कंपनी अचल संपत्तिायों की बिक्री नहीं कर सकेगी। ये आदेश गुरुवार को न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और जेएस खेहर की खंडपीठ ने सेबी की शिकायत पर दिए हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड नेसहारापर शीर्ष अदालत के आदेश का पूरी तरह पालन नहीं करने का आरोप लगाया था। सहारासमूह : सुब्रत रायके देश छोड़ने पर रोकदेशबन्धु - Nov 21, 2013 नई दिल्ली ! सर्वोच्च न्यायालय ने 28 अक्टूबर के आदेश का पालन करने में विफल रहने के कारण गुरुवार को सहारासमूह के प्रमुखसुब्रत रायऔर दो निदेशकों की विदेश यात्रा पर रोक लगा दी। न्यायालय ने 28 अक्टूबर के आदेश में सहारासमूह की रियल एस्टेट और वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों-सहाराइंडिया रियल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड और सहाराहाउसिंग इनवेस्टमेंट कारपोरेशन लिमिटेड-को निवेशकों के 24 हजार करोड़ रुपये वापस करने की गारंटी के तौर पर अपनी 20 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति का गैर विवादित मालिकाना हक जमा करने का आदेश दिया था। दोनों कंपनियों ने वैकल्पिक रूप से पूरी तरह परिवर्तनीय ... सुब्रत रायके विदेश जाने पर रोकआज तक - Nov 21, 2013 कोर्ट ने इसके साथ ही सुब्रत रायऔर समूह के अन्य निदेशकों वंदना भार्गव, रवि शंकर दुबे तथा अशोक राय चौधरी के देश से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया. न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि समूह की किसी भी संपत्ति की न्यायालय की अनुमति के बगैर बिक्री नहीं की जायेगी. इस मामले की सुनवाई के दौरान सुबत राय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुन्दरम ने न्यायालय के आदेश पर अमल के बारे में न्यायाधीशों को संतुष्ट करने का अंतिम प्रयास किया लेकिन सेबी ने उनकी सभी दलीलों को ध्वस्त कर दिया. सेबी ने कहा कि सहारासमूह ने अपनी संपत्ति का ... सुब्रत रायके विदेश जाने-संपत्ति बेचने पर रोकअमर उजाला - Nov 22, 2013 निवेशकों के पैसे लौटाने में सहारासमूह की ना-नुकुर पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त निर्देश देते हुए बृहस्पतिवार उसके मुखिया सुब्रत रायके देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी। साथ ही समूह की ओर से कोई भी संपत्ति बेचे जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। सेबी ने कसा कंपनियों पर शिंकजा कोर्ट ने कहा कि सभी तरह के विवादों से मुक्त 20 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज सेबी को सौंपने के आदेश का समूह ने अक्षरश: पालन नहीं किया। इसके साथ ही सुब्रत रायऔर समूह के अन्य निदेशकों वंदना भार्गव, रवि शंकर दुबे तथा अशोक राय चौधरी के देश से बाहर जाने पर अदालत ने प्रतिबंध लगा दिया। सुब्रत रायके विदेश जाने पर सुप्रीमकोर्ट की रोकkhaskhabar.comहिन्दी - Nov 21, 2013 नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने गुरूवार को सहारासमूह के प्रमुख सुब्रत रायऔर दो निदेशकों की विदेश यात्रा पर रोक लगा दी क्योंकि वे न्यायालय के 28 अक्टूबर के आदेश का पालन करने में असफल रहे। न्यायालय ने 28 अक्टूबर के आदेश में उन्हें निवेशकों के पैसे वापस करने की गारंटी के तौर पर अपनी 20 हजार करो़ड रूपये की संपत्ति के देनदारी मुक्त टाइटल डीड जमा करने का आदेश दिया था। उन्होंने ऑप्शनली फुल्ली कनवर्टिबल डिबेंचर (ओएफसीडी) के जरिए निवेशकों से संपत्ति ली थी। अदालत ने कहा,प्रथम दृष्टया हम इस बात पर संतुष्ट हैं कि 28 अक्टूबर के हमारे आदेश पर अमल नहीं हुआ। हम सभी अवज्ञा करने वालों को ... सुब्रत रायके विदेश जाने पर लगाई रोकaapkisaheli.com - Nov 21, 2013 नई दिल्ली। सहारासमूह के प्रमुख सुब्रत रायपर सुम्रीम कोर्ट ने विदश जाने पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के 20 हजार करो़ड रूपये वापस करने के मामले में सहारासमूह की ना-नुकुर के मामले में सख्ती करते हुये इसके मुखिया सुब्रत रायके देश से बाहर जाने पर रोक लगाने के साथ ही इसकी संपत्ति बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि हर प्रकार के विवादों से मुक्त 20 हजार करोड रूपये की संपत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज सेबी को सौंपने के उसके आदेश का सहारासमूह ने "अक्षरश:" पालन नहीं किया है। कोर्ट ने इसके साथ ही सुब्रत रायऔर समूह के अन्य निदेशकों वंदना भार्गव ... उच्चतम न्यायालय ने सहारासमूह को कोई भी संपत्ति बेचने से रोकाप्रभात खबर - Nov 21, 2013 नयी दिल्ली :उच्चतम न्यायालय ने निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपए वापस करने के मामले में सहारासमूह की नानुकुर के मामले में सख्ती करते हुये आज इसके मुखिया सुब्रत रायके देश से बाहर जाने पर रोक लगाने के साथ ही इसकी संपत्ति बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि हर प्रकार के विवादों से मुक्त 20 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज सेबी को सौंपने के उसके आदेश का सहारासमूह ने 'अक्षरश:' पालन नहीं किया है. न्यायालय ने इसके साथ ही सुब्रत रायऔर समूह के अन्य निदेशकों वंदना भार्गव, रवि शंकर दुबे तथा अशोक राय चौधरी के देश से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा ... सहाराने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया: SEBIZee News हिन्दी - Nov 20, 2013 न्यायालय ने समूह को तीन सप्ताह के भीतर 20 हजार करोड़ रूपए की संपत्ति के मालिकाना हक से संबंधित दस्तावेज सेबी को सौंपने का निर्देश दिया था और ऐसा नहीं होने पर सहारासमूह के मुखिया सुब्रत रायभारत से बाहर नहीं जा सकेंगे। शीर्ष अदालत ने कहा था कि सेबी के पास निवेशकों का धन जमा कराने से बचने का उसके पास कोई रास्ता नहीं है। न्यायालय ने सहारासमूह से यह भी कहा था कि इन संपत्तियों के मूल्यांकन की रिपोर्ट भी सेबी को सौंपी जाये ताकि उसकी कीमत की पुष्टि की जा सके। न्यायालय राय, सहारासमूह की दो कंपनियों सहाराइंडिया रियल इस्टेट कार्प लि और सहाराइंडिया हाउसिंग ... सुब्रत रायके मुल्क से बाहर जाने पर रोकShri News - Nov 22, 2013 नई दिल्ली (एसएनएन) : सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपए वापस करने के मामले में सहारासमूह की ना-नुकुर के मामले में सख्ती करते हुए इसके मुखिया सुब्रत रायके देश से बाहर जाने पर रोक लगाने के साथ ही इसकी संपत्ति बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया. अदालत ने कहा कि हर तरह के विवादों से मुक्त 20 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज सेबी को सौंपने के उसकी आज्ञा का सहारासमूह ने पूरी तरह से पालन नहीं किया है. अदालत ने इसके साथ ही सुब्रत रॉय और समूह के अन्य निदेशकों वंदना भार्गव, रविशंकर दुबे और अशोक राय चौधरी के मुल्क से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. सहारासे ऊपर कोई नहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को भी धता बताती है कंपनी, सेबी उसके आगे कुछ नहींपर्दाफाश - Nov 20, 2013 इससे पहले सेबी ने सहाराप्रमुख समेत सहाराग्रुप के 3 डायरेक्टरों को 10 अप्रैल को पेश होने का समन भेजा गया था। सेबी ने सुब्रतरॉय और सहाराके तीन अन्य निदेशकों को 26 मार्च को निजी तौर पर पेश होने का निर्देश दिए थे। वह इसलिए कि वह उनकी व्यक्तिगत और कंपनियों की संपत्तियों और निवेश के ब्योरे की जांच की जा सके। इसलिए समूह के अधिकारियों ने सेबी के सामने पेशी की बात भी गुप्त रखी। सुब्रतरॉय और उनके समूह के अन्य अधिकारियों को सेबी के पूर्णकालिक सदस्य प्रशांत शरण के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। इन अन्य अधिकारियों में अशोक रायचौधरी, रवि शंकर दुबे और वंदना भार्गव के ... देश छोड़कर नहीं जा सकेंगे सुब्रत राय: सुप्रीम कोर्टपंजाब केसरी - Nov 21, 2013 नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपए वापस करने के मामले में सहारासमूह की नानुकुर के मामले में सख्ती करते हुए आज इसके मुखिया सुब्रत रायके देश से बाहर जाने पर रोक लगाने के साथ ही इसकी सम्पत्ति बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। न्यायमूर्ति के.एस. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जे.एस. खेहड़ की खंडपीठ ने निर्देश दिया, ''हर प्रकार के विवादों से मुक्त 20 हजार करोड़ रुपए की सम्पत्ति के मालिकाना हक के दस्तावेज सेबी को सौंपने के उसके आदेश का सहारासमूह ने 'अक्षरश:' पालन नहीं किया है। न्यायालय ने इसके साथ ही सुब्रत रायऔर समूह के अन्य निदेशकों वंदना भार्गव, रवि ... सहाराप्रमुख के देश छोड़ने पर रोकRaviwar - Nov 21, 2013 सुप्रीम कोर्ट ने सहारासमूह के प्रमुख सुब्रत रायऔर दो निदेशकों की विदेश यात्रा पर रोक लगा दी है. सर्वोच्च न्यायालय ने यह फैसला इसीलिए लिया क्योंकि वे तीनों न्यायालय के 28 अक्टूबर के आदेश का पालन करने में असफल रहे थे. इसकी साथ ही सहारासमूह की किसी भी संपत्ति के विक्रय पर भी रोक लगाई गई है. अदालत ने आदेश दिया कि 28 अक्टूबर के आदेश का पालन किए बिना सहारासमूह अपनी संपत्ति न तो बेचे और न ही इसे खुद से अलग करे. न्यायालय ने 28 अक्टूबर के आदेश में उन्हें निवेशकों के पैसे वापस करने की गारंटी के तौर पर अपनी 20 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के देनदारी मुक्त टाइटल डीड जमा करने का ... |
टीओआई में सुब्रत रायसे संबंधित आज कुल चार खबरें ...
Bhadas4Media-30-Nov-2013
Kumar Sauvir : द टाइम्स ऑफ इंडिया में आज एकसाथ चार खबरें हैं। एक ही शख्स से सम्बन्धित। नाम है सहाराइंडिया वाले सुब्रतराय। पहली खबर पहले पन्ने पर है। एक कॉलम में। हेडिंग है:- सुब्रतरायहिट्स आउट ऐट सोनिया, सेबी। दूसरी खबर पृष्ठ 13 ...
* सोनिया की मुखालफत करने की कीमत चुका रहा सहारा...
पर्दाफाश-29-Nov-2013
कोलकाता : सहाराग्रुप के मुखिया सुब्रत रायने आरोप लगाया है कि सेबी कांग्रेस के कुछ मंत्रियों के इशारे पर सहारासमूह को फंसाने का प्रयास कर रहा है। सुब्रत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम तो नहीं लिया| लेकिन उनके ...
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सहाराकर्मी सहाराके खिलाफ 9 दिसंबर को जंतर-मंतर ...
Bhadas4Media-13 hours ago
सहाराअपने आप को देश का सबसे बड़ा परिवार मानता है और सहाराश्री सुब्रत रायअपने आप को इस परिवार का अभिभावक होने पर गर्व महसूस करते हैं। लेकिन आज उसी अभिभावक के आदेश पर कर्मचारियों से जबर्दस्ती इस्तीफा लिखवाया जा रहा है, ...
सेबी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी सहारा
दैनिक जागरण-29-Nov-2013
नगर प्रतिनिधि, कोलकाता : सहाराइंडिया के मुखिया सुब्रतरायने कहा है कि वे सेबी के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में ...उल्लेखनीय है कि सहाराअपनी जमीनों की दलीलें किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के समक्ष पेश करने के लिए तैयार है लेकिन ...
सुब्रत रायके भारत से बाहर जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने ...
Bhadas4Media-21-Nov-2013
सुब्रत रायऔर सहारासमूह का संकट गहराता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रायको आदेश दिया है कि वे देश छोड़कर बाहर नहीं जाएं. यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सहाराग्रुप को किसी भी संपत्ति के बेचने पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने यह कदम ...
* संपत्ति के नए कागजात सौंपने से पहले SC जाएगा ...
Zee News हिन्दी-29-Nov-2013
संपत्ति के नए कागजात सौंपने से पहले SC जाएगा सहारासमूह कोलकाता : सहाराइंडिया परिवार के प्रमुख सुब्रत रायने शुक्रवार को कहा कि उनकी कंपनी बाजार नियामक सेबी को संपत्ति के नए कागजात सौंपने के संबंध में उच्चतम न्यायालय ...
पश्चिम बंगाल में परियोजनाओं की इच्छुक है सहारा...
Jansatta-30-Nov-2013
सहाराइंडिया के प्रमुख सुब्रत रायने कहा है कि उनकी कंपनी की पश्चिम बंगाल में निवेश की योजनाएं हैं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि हमारी सोनारपुर के निकट 500 बिस्तरों का अस्पताल तथा मेडिकल कालेज स्थापित करने की ...
* 'सोनिया के विदेशी मूल का मुद्दा उठाने का बदला ले ...
दैनिक जागरण-29-Nov-2013Share
कोलकाता [जासं]। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) कांग्रेस के कुछ मंत्रियों के इशारे पर सहारासमूह को फंसाने की कोशिश कर रहा है। सहारासमूह के सर्वेसर्वासुब्रत रायने यह आरोप लगाया है। सुब्रत रायने कांग्रेस अध्यक्ष ...
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