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लुधियाना में कविता पाठ और व्‍याख्‍यान संपन्‍न, अगला पड़ाव कानपुर

Previous: 'प्रधानजी ने चुने जाने के बाद एक विदेशी चैनल को सितंबर में पहला साक्षात्‍कार दिया। उन्‍होंने कहा, ''भारत का मुसलमान देश के लिए जिएगा और मरेगा।''खूब वाहवाही हुई। गजब। दस महीने बाद इस वाक्‍य का मतलब समझ में आया जब मुसलमानों को तलब किया गया। प्रधानजी ने पहले से पूछा, ''हां भाई, देश के लिए मरेगा?''वो बोला, ''जी जनाब। नागपुर जाएगा, हेडगंवार के सामने सिर नवाएगा, मिसाइल बनाएगा, गीता पढ़ेगा, मारेगा और मरेगा।''''ठीक है, गुड'', प्रधानजी बोले, ''इसे देशभक्‍त बना दो। भारत रत्‍न दो। समय आने पर बताया जाएगा इसे कब मरना है।''दूसरे की बारी आई। प्रधानजी ने पूछा, ''बोल भाई, देश के लिए मरेगा?''वो बोला, ''नहीं जनाब... मैं कानून का सामना करने के लिए, जिंदा रहने के लिए, अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वापस आया हूं। मुझे इस देश की अदालत पर भरोसा है।''प्रधानजी बोले, ''बहस करता है? देशद्रोही है ये... आतंकवादी कहीं का... इसे फांसी पर लटकाओ।''
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लुधियाना में कविता पाठ और व्‍याख्‍यान संपन्‍न, अगला पड़ाव कानपुर


कार्यक्रम का पंजाबी में पोस्‍टर 


लुधियाना के पंजाबी साहित्‍य भवन में कॉमरेड सुरेंदर हेमज्‍योति के यादगारी समागम में रविवार 26 जुलाई, 2015 को ''कविता:16 मई के बाद'' अभियान के तहत हिंदी व पंजाबी कवियों के काव्‍यपाठ का आयोजन किया गया और ''कॉरपोरेट ते फिरकू फासीवाद दे दौर विच बुद्धिजीवी दी भूमिका'' विषय पर ''समकालीन तीसरी दुनिया'' के संपादक आनंद स्‍वरूप वर्मा का एक व्‍याख्‍यान हुआ। 

श्रोताओं से खचाखच भरे हुए सभागार में तीन सत्रों के दौरान चले इस कार्यक्रम का आयोजन पंजाब के मशहूर संस्‍कृतिकर्मी गुरशरण सिंह की संस्‍था गुरशरण कला केंद्र के सचिव कंवलजीत खन्‍ना ने किया था। कविता पाठ की अध्‍यक्षता पंजाबी के कवि दर्शन खटकड़ को करनी थी जो किन्‍हीं निजी कारणों से नहीं आ पाए, लेकिन पंजाब के कवियों और संस्‍कृतिकर्मियों ने भारी शिरकत करते हुए आयोजन को यादगार बनाया। कवि मंगलेश डबराल को भी इस आयोजन में कविता पाठ करना था लेकिन किन्‍हीं कारणों से वे भी इसमें शिरकत नहीं कर सके।

कविता पाठ करते रंजीत वर्मा 
पहले सत्र में आनंद स्‍वरूप वर्मा के व्‍याख्‍यान के बाद शुरू हुए कविता पाठ में पंजाबी के कुछ कवियों ने फिरकापरस्‍ती के खिलाफ अपनी रचनाएं सुनाईं। उसके बाद  ''कविता: 16 मई के बाद'' की पृष्‍ठभूमि और यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कवि रंजीत वर्मा ने अपनी कविताओं का पाठ किया। दिल्‍ली से आए पत्रकार अभिषेक श्रीवास्‍तव ने विष्‍णु नागर और पाणिनि आनंद की कविताओं का पाठ किया जिस पर दर्शकों ने खूब ताली बजाकर सराहना की।

आनंद स्‍वरूप वर्मा का व्‍याख्‍यान 

गौरतलब है कि सुरेंदर हेमज्‍योति एक वामपंथी लेखक और कार्यकर्ता थे जो हेमज्‍योति नाम की पत्रिका निकालते थे। उनकी स्‍मृति में पंजाब के वामपंथी संस्‍कृतिकर्मी हर साल एक आयोजन करते हैं जिसके तहत इस साल एक व्‍याख्‍यान और कविता पाठ की योजना बनाई गई थी।

कविता पाठ का अगला आयोजन 24 अगस्‍त को कानपुर में होगा।

पोस्‍टर का अनुवाद: 

मरहूम सुरिंदर हेम ज्योति दी याद बिच यादगारी समागम 
26 जुलाई दिन इतवार सवेरे 10 बजे 
पंजाबी भवन लुधियाना बिखे 
बिचार चर्चा :- कॉर्पोरेट ते फिरकू फासीवाद दे दौर बिच बुद्धिजीवी दी भूमिका 
बिचारक : आनंद स्वरूप वर्मा,  सम्पादक, समकालीन तीसरी दुनिया
प्रधानगी मंडल :- दरसन खटकड़, डा.सुरजीत,प्रो. ए.के.मलेरी, अमोलक सिंह 
हिन्दी कवि दरबार : कविता 16 मई के बाद 
रनजीत वर्मा, मंगलेश डबराल, अभिषेक श्रीवास्तव 
निवेदक : पंजाब लोक सभ्याचारक मंच 
सहयोग : पंजाबी साहित्य अकादमी, लुधियाना

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