सरकार ने किया जातिगत जनगणना के आंकड़ें जारी करने का फैसला
नई दिल्ली : केन्द्र सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़ें जारी करने का फैसला किया है. सरकार 46 लाख जातियों, उपजातियों और गोत्रों आदि की समीक्षा करने के बाद यह आंकड़ें जारी करेगी. इसके लिए योजना आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगडिया की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है. केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी.
राज्य सरकार के पाले में डाली गेंद
उन्होंने बताया कि जातिवार जनगणना के आंकड़ों में 46 लाख जातियों, उपजातियों, गोत्रों और कबीलों का जिक्र है लेकिन कई जातियों के उपनामों को लेकर असमंजस है. इसलिए इन जातियों की समीक्षा की जाएगी और इसके लिए राज्यों से रिपोर्ट मांगी गयी है लेकिन अब तक बहुत कम राज्यों ने रिपोर्ट दी है. समिति आंकड़ों को लेकर तमाम कार्यवाही पूरी करेगी और उपयुक्त समय इन आंकड़ों को जारी किया जाएगा.
लालू ने निकाला था विरोध मार्च
उल्लेखनीय है कि जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव, राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू यादव और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने इस जनगणना के आंकड़ें सार्वजनिक करने की मांग की थी. लालू यादव ने इस संबंध में मार्च भी निकाला था और बिहार बंद का भी आह्वान किया था. गौरतलब है कि देश में 70 साल बाद जातिगत गणना की गई थी. इससे जुड़े कुछ आंकड़ें सरकार ने तीन जुलाई को जारी किए थे.
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