Quantcast
Channel: My story Troubled Galaxy Destroyed dreams
Viewing all articles
Browse latest Browse all 6050

जल सत्याग्रह स्थगित, संघर्ष जारी ! Posted by संघर्ष संवाद on बुधवार, मई 13, 2015 |

$
0
0

जल सत्याग्रह स्थगित, संघर्ष जारी !

Posted by संघर्ष संवाद on बुधवार, मई 13, 2015 | 
हजारो की संख्या में नर्मदा घाटी के किसान आज घोघलगांव आए। दिल्ली से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय नेता संजय सिंह भी जल सत्याग्रह स्थल पहुंचे।सत्याग्रहियों की बिगड़ती हुए स्थिति देख कर नर्मदा घाटी के किसानों और संजय सिंह जी ने सत्याग्रह को स्थगित करने का आग्रह किया।सब ने सत्याग्रहियों को आश्वासन दिया कि सब लोग मिल कर इस संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे। अधिकारों के लिए संघर्ष को तीव्र करने के संकल्प के साथ जल सत्याग्रह को स्थगित किया गया और प्रशाशन को विस्थापितों का पुनर्वास करने के लिए 2 महीने का समय दिया गया। सरकार की किसान के प्रति असंवेदनशीलता को देखते हुए, इस किसान विरोधी सरकार के खिलाफ प्रदेश भर व्यापक किसान-मज़दूर संघर्ष शुरू करने का संकल्प लिया। सत्याग्रह स्थगित होने के बाद सारे सत्याग्रहियों को एम्बुलेंस में खंडवा हस्पताल ले जाया गया।

किसान-मज़दूरों की लड़ाई की घोषणा

नर्मदा घाटी के गाँव के कई प्रतिनिधियों ने किसान-मज़दूर रैली को संबोधित किया। घोघलगांव से राधा बाई, कामनखेड़ा से सकू बाई, एखण्ड से मंशाराम भाई, टोकी से वासुदेव भाई और धाराजी से मौजीलाल अखारिया ने अपने गांवों की संघर्ष की कहानी बताई। उन्होंने अधिकारों के संघर्ष को व्यापक करने के संकल्प के साथ, अपने साथियों को सत्याग्रह स्थगित करने की अपील करी। आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने भी सभा को संबोधित किया जिसमे प्रमुख थे अक्षय हुनका एवं आतिशी मारलीना।आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने भी कहा की यह लड़ाई केवल नर्मदा घाटी के विस्थापितों की नहीं है, बल्कि देश भर के किसानों के हक़ की लड़ाई है। इस लड़ाई को देश भर में संगठित हो कर लड़ने के महत्व को बताते हुए, संजय सिंह जी ने सत्याग्रहियों की गंभीर शारीरिक स्थिति को देखते हुए, सत्याग्रहियों को पानी से बाहर आने का आग्रह किया।

घोघलगांव घोषणा पत्र
जल सत्याग्रहियों के पानी से बाहर आने के बाद नर्मदा बचाओ आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता एवं आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश के संयोजक, अलोक अग्रवाल ने सभा को संबोधित किया और प्रदेशव्यापी किसान-मज़दूर आंदोलन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई केवल पुनर्वास की लड़ाई नहीं है बल्कि ज़मीन छीनने की लड़ाई है, किसानों के शोषण के खिलाफ लड़ाई है। उन्होंने यह  बताया की नर्मदा घटी विकास विभाग के प्रमुख सचिव, रजनीश वैश्य ने कहा है की अगर सत्याग्रही पानी से बाहर आते है तो उनकी सारी मांगों पर कार्यवाही की जायेगी। तो अब प्रशासन पर अपनी पुनर्वास की निति को पूरी करने की ज़िम्मेदारी है।
किसान सम्मलेन में हजारो किसानो ने संकल्प लिया की जल्द ही पूरी द्रड़ता के साथ आन्दोलन को पुनः चलाया जायेगा
- See more at: http://www.sangharshsamvad.org/2015/05/blog-post_13.html#sthash.eIyHJ2ka.dpuf

Viewing all articles
Browse latest Browse all 6050

Trending Articles