मोदी जी अच्छे दिन लाने वाले थे लेकिन शायद उनके भीतर बैठा चायवाला आत्मश्लाघा से ऊपर नहीं उठ सका. यही कारण है कि लोकपाल गर्भ से बाहर नहीं निकल पा रहा है.. केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त और खाली है. केन्द्रीय सूचना आयुक्त की कुर्सी धूल फाँक रही है.
मसि कागद छूयो नहीं कलम गही नहिं हाथ ब्रांड शिक्षा मंत्री, भ्रष्टाचार का रोगी स्वास्थ्य मंत्री, नौकरशाह चाहे पदस्थ हों या पद-निवृत्त, जैसे भी कारनामों को अंजाम दें, उनकी जाँच के लिए अनुमति जरूरी. जिसे कोई बैंक उधार देने को तैयार नहीं था,उस अपने चहेते अदानी को, स्टेट बैंक से 1 अरब डालर. काला धन गोद में नगर में ढिंढोरा. जमीन हथियाओ विधान पर जोर . खुद हवा की डोर पर सवार बराक- बराक- बराक करता एक पंछी और विदेशी भूमि पर प्रायोजित मोदे- मोदी- मोदी---- उस पर हिन्दू नेताओं का बढ़्ता उन्माद. आज चुनाव हो जायें तो जनता को शायद यही गीत याद आयेगा बड़े अरमान से रखा था बलम तेरी कसम, प्यार की दुनिया में मैंने पहला कदम
धत तेरे की