Quantcast
Channel: My story Troubled Galaxy Destroyed dreams
Viewing all articles
Browse latest Browse all 6050

एक गुड़िया की कई कठपुतलियों में जान है

Next: गरीबों के हाथों में न्याय की तलवार हो, भोला जी यह चाहते थे: रवींद्रनाथ राय जनकवि भोला जी स्मृति आयोजन संपन्न शंकर बिगहा जनसंहार के अभियुक्तों की रिहाई पर क्षोभ और विरोध जाहिर किया गया, न्याय के संहार पर साहित्यकार-संस्कृतिकर्मियों ने गहरा शोक जाहिर किया तमिल उपन्यासकार पेरुमल मुरुगन की हिंदूवादी संगठनों द्वारा किये जा रहे विरोध और किताब जलाये जाने की निंदा
$
0
0

एक गुड़िया की कई कठपुतलियों में जान है
-------------------------------------------------------

एक गुड़िया की कई कठपुतलियों में जान है

आज शायर यह तमाशा देखकर हैरान है

ख़ास सड़कें बंद हैं तब से मरम्मत के लिए

यह हमारे वक़्त की सबसे सही पहचान है

एक बूढ़ा आदमी है मुल्क़ में या यों कहो—

इस अँधेरी कोठरी में एक रौशनदान है

मस्लहत—आमेज़ होते हैं सियासत के क़दम

तू न समझेगा सियासत, तू अभी नादान है

इस क़दर पाबन्दी—ए—मज़हब कि सदक़े आपके

जब से आज़ादी मिली है मुल्क़ में रमज़ान है

कल नुमाइश में मिला वो चीथड़े पहने हुए

मैंने पूछा नाम तो बोला कि हिन्दुस्तान है

मुझमें रहते हैं करोड़ों लोग चुप कैसे रहूँ

हर ग़ज़ल अब सल्तनत के नाम एक बयान है

-दुष्यंत कुमारसौजन्य से प्रिय कवि भाई नित्यानंद गायेन


Viewing all articles
Browse latest Browse all 6050

Trending Articles