ज़्यादा पुरानी बात नहीं है -
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आज से पचास साल पहिले किसी भी प्रथा या परंपरा को वेद सम्मत बता कर उसके पालन के लिए प्रेरित किया जाता था l हिन्दुओ की सभी परंपराओ को शास्त्रोक्त (शास्त्र अनुसार ) माना जाता था l अब विज्ञान के युग मे हर बात और चलन को वैज्ञानिक बताने का दौर चल रहा है l यज्ञ,हवन ,यज्ञोपवीत से लेकर ग्रहण पर स्नान, दुग्ध अभिषेक जैसी हर बात को वैज्ञानिक सिद्ध करने के लिए कई वैज्ञानिक पैदा हो गए है l बाबा रामदेव के सहयोगी वैद्य बालकृष्ण दवाईयो की मार्केटिंग के साथ अपनी इस तरह की दुर्लभ खोजो से जनता को अवगत कराते रहते है l हिन्दू परिवार मे जन्म लेकर हम भी कई परम्पराओ का अनुसरण करते आ रहे है ,... हमे उसके वैज्ञानिक या अवैज्ञानिक होने से कोई फर्क नहीं पड़ता l मज़ेदार स्थिति यह है कि ऐसी बाते किसी राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक शोध संस्थान द्वारा आज तक प्रमाणित नहीं की गई l
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हिन्दुओ की सभी परंपराओ को शास्त्रोक्त (शास्त्र अनुसार ) माना जाता था l अब विज्ञान के युग मे हर बात और चलन को वैज्ञानिक बताने का दौर चल रहा है l
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