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कल रात प्राइम टाइम के दौरान बनारस से एक मित्र का फोन आया। बोले, ''अबे, ये मरहबा मरहबा चल रहा है टीवी पर मोदी के साथ... ''मरहबा मोदी'' मने?''
मैंने अपनी अज्ञानता को छुपाते हुए शोले के सुसाइड से प्रेरणा लेकर मज़ाक में कह दिया कि जब दुबई के शेख मरने जाते हैं तो मरहबा मरहबा कहा जाता है।
वे सीरियस हो गए। बोले, ''त बुजरो के 'मर जइबा मोदी' लिखे के चाहत रहल।''