RIHAI MANCH
For Resistance Against Repression
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जीनत की मौत हुई दो बजेे रात तो अपराधी पुलिसवालों को क्यों बचा रही है
अखिलेश सरकार-रिहाई मंच
रिहाई मंच जांच दल ने किया महमूदाबाद का दौरा
लखनऊ, 17 अगस्त 2015। सीतापुर की महमूदाबाद थाना में युवती जीनत की मौत
मामले की जांच के लिए रिहाई मंच जांच दल ने 14 अगस्त को महमूदाबाद का
दौरा किया। मंच ने मृतका जीनत के परिजनों, पुलिस महकमें के जिम्मेदारों,
एसडीएम, घटना के बाद हुए प्रदर्शन में मारे गए युवक नदीम के परिजनों तथा
आम लोगों से मुलाकात की। जांच दल के नेता और रिहाई मंच के अध्यक्ष
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि संगठन अभी और भी दौरे करेगा जिसके बाद अपनी जांच
रिपोर्ट जारी करेगा। मंच ने कहा कि पोस्टमार्टम पर सीएमओ के आए बयान कि
जीनत की मौत ढाई बजे के तकरीबन हुई, महमूदाबाद पुलिस की उस कहानी को
खारिज कर देता है कि उसकी मौत सुबह छह बजे के तकरीबन हुई। ऐसे में
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिस विवेके से मुआवजा देने की घोषणा करते हैं
उसी विवके का इस्तेमाल अपराधियों के पक्ष में न करते हुए इंसाफ के पक्ष
में घटना की वास्तविकता जानने के लिए सीबीआई जांच कराएं।
मोहम्मद शुऐब ने कहा कि जीनत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा कि
जीनत की मौत रात को ढाई बजे के आस पास हुई थी, पुलिस की कहानी कि जीनत ने
थाने के टाॅयलेट में सुबह छह बजे आत्महत्या की, को पूरी तरह झूठ ही साबित
नहीं करती है बल्कि इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका को भी संदेह के
दायरे में ला देती है कि उसने रात में हुई मौत को क्यों सुबह छह बजे हुई
मौत बता रही है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटना हो जाने के बावजूद थाना
प्रभारी को निलंबित न किया जाना और मृतका के पिता पर एफआईआर दर्ज न कराने
का दबाव बनाना और कोतवाली में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाने वाले लोगों
को उनके घरों से उठाकर जेल में डाल देना पूरे मामले में पुलिस को कटघरे
में खड़ा कर देता है। मोहम्मद शुऐब ने कहा कि पुलिस की कहानी और
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आए अंतर्विरोध के बावजूद महमूदाबाद थाना महकमे
को अब तक निलंबित न किया जाना साबित करता है कि सरकार ऐसे पुलिस कर्मियों
को सिर्फ बचा ही नहीं रही है बल्कि ऐसी और भी घटनाओं को आमंत्रित कर रही
है। उन्होंने कहा कि ऐसी ही घटना लखीमपुर में सोनम हत्याकांड में रूप में
सामने आई थी जिसमें जन दबाव में पूरे थाने को ही निलंबित करके सीबीआई
जांच का आदेश दिया गया था। लेकिन यहां सरकार पुलिस को ही बचाने में लगी
है। रिहाई मंच नेता ने कहा कि घटना के बाद हुए प्रदर्शन में नदीम पुलिस
की गोली से मारा गया, लेकिन उसकी हत्या को प्रशासन यह कहकर प्रचारित करने
में लगा है कि वह प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई फायरिंग में मारा
गया। जबकि प्रदर्शनकारियों की ओर से कोई फायरिंग हुई ही नहीं थी।
उन्होंने कहा कि रिहाई मंच जांच दल की तफ्तीश अभी जारी है।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
09415254919
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