Quantcast
Channel: My story Troubled Galaxy Destroyed dreams
Viewing all articles
Browse latest Browse all 6050

डॉ योगेन्द्र थोड़ी देर पहले अलका स्कूल से लौटी है।आते ही बोली-चौथे क्लास के एक लड़के ने एक लडकी को किस की और उसे धरती पर गिरा दिया और बोला-'प्रिग्नेंट कर दें क्या?'अंत में बोली-सब खत्म हुआ।परिवार,घर, संसार......,...

$
0
0

थोड़ी देर पहले अलका स्कूल से लौटी है।आते ही बोली-चौथे क्लास के एक लड़के ने एक लडकी को किस की और उसे धरती पर गिरा दिया और बोला-'प्रिग्नेंट कर दें क्या?'
अंत में बोली-सब खत्म हुआ।परिवार,घर, संसार......,...

Like   Comment   
  • Pulkit Kr Mandal आज तीव्रगामी विद्युत संचार-साधनों ने बच्चों से बचपन छिन लिया है सर.
    Like · Reply · 1 · 6 hrs
  • Ashutosh Singh समाज का असर बच्चों के मन गहरा होता है।परिवेश भी पाठशाला है।केवल स्कूल पर सारा दायित्व छोड़ना उचित नहीं है।अभिभावक के साथ मिलकर इस मसले पर विचार करने की जरूरत है।मनोविष्लेषक की भी सहायता लेनी पड़ सकती है।बच्चे को निकाल बाहर करना समस्या का हल नहीं है।
    Like · Reply · 1 · 6 hrs
  • Geeta Kumari डरावना सच
    Like · Reply · 3 · 6 hrs
  • रविश रवि भागलपुर इसके लिए खान पान से लेकर ,सामाजिक वातावरण,टीवी और संस्कार विहीन शिक्षा जिम्मेदार है । इस लिए भारतीय संस्कृति की ओर पुनः लौटना बहुत जरुरी
    Like · Reply · 2 · 6 hrs
  • Prabhakar Kumar बच्चे समय से पहले ही जवान हो रहे हैं।टेलीविजन, कम्प्युटर, स्मार्ट फोन आदि उनके सादे दिमाग को गंदा कर रहे हैं।माता-पिता भी उन्हें नहीं रोकते-टोकते हैं।अपने भी मशगूल रहते हैं।चौतरफा बच्चों के दिमाग पर हमला हो
    Like · Reply · 1 · 6 hrs
  • Prabhakar Kumar रहा है।हम सब बाजार में खडे हैं जिसका काम ही है अश्लीलता परोसकर सामान बेचना।घर- घर में हमेशा ऐसा माहौल।कोई भी इसे बहिष्कार नहीं करता है।तो दुष्प्रभाव सामने है।
    Like · Reply · 5 hrs
  • Ravi Shankar Singh आने वाले खतरनाक दिनों यह एक बानगी है।
    Like · Reply · 1 · 5 hrs
  • Raman Parminder Mujhe lagta h ki kya karna chahiye se jyada mahatavpuran h ki aisa kyon hua? 
    Pehle pati patni dono ka naukri karna taaki wo samaj me chl rhe main sabse aage ke competetion me jeet sakein,fir dohra bojh parrne se aurat ki sehanshakti kam hona aue ekal 
    ...See More
    Like · Reply · 5 hrs
  • Awdhesh Jaiswal ऐसी अपसनंसक्रृति के विकास का आखिर कारण क्या है। सामाजिक सरोकार के लोगों को बहस कर इसका कारण ढूढ़ना चिहिए और निदान भी। .......। कुछतो करो यारो। जाति और सम्प्रदायवाद में कबतक उलझे रहोगे? सुन देख कर बड़ी पीड़ा होती है।
    Like · Reply · 5 hrs
  • Shyamsundar Saini I agree with Raman JI,now it is time to ban cinema,
    Like · Reply · 5 hrs
  • Mukutdhari Agrawal क्या हो रहा है ?
    Like · Reply · 5 hrs
  • Awdhesh Jaiswal पुनश्च। घर,परिवार, समाज{ और आजकल अब मीडिया भी } का संसकार निमर्माण में ९५% भागी दारी होती है। विद्यालय क्या करेगा
    Like · Reply · 1 · 5 hrs
  • Ram Sharan डरपोक सत्ता/दबंग पूंजीपति/लाचार संस्कृति
    ₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹₹
    पिछले दिनों एक युवक ने अश्लील वीडियो देख देख कर तीस से अधिक बच्चियों से बलात्कार किया और हत्या कर दी। इसके बाद ही संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने करीब नौसौ अश्लील वेब साइटों पर रोक का आदेश
    ...See More
    Like · Reply · 3 hrs
  • Neerad Janvenu Ye kaisa smaj vikas ye kaisi shiksha sanskriti...lomharsak...bhaybheet kadne hila dene vale prasang...disha kaun ...dasha kaisi...how many ugliest faces... We r cursed to see n face............ugliest faces of time or society...dnt know...
    Like · Reply · 2 hrs
--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

Viewing all articles
Browse latest Browse all 6050

Trending Articles