नयी दिल्ली : पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन के नाम के साथ साल 2000 में भारतीय क्रिकेट को हिला कर रख देने वाली मैच फिक्सिंग की समस्या का जिक्र करते हुए यहां की एक अदालत ने रोष जाहिर किया कि इन हालातों को कवर करने के लिए अब तक कोई कानून नहीं बनाया गया है।
अदालत ने कहा कि यहां यह जिक्र करना लाजमी होगा कि साल 2000 में मैच फिक्सिंग के बारे में ऐसी ही एक स्थिति बनी थी जिसके साथ अजहरूद्दीन और अन्य के नाम जुड़े थे।
अदालत ने कहा कि सीबीआई ने शुरूआत में जांच की लेकिन यह बताया गया कि भारतीय कानून के मुताबिक कोई आरोप इन खिलाड़ियों के खिलाफ नहीं बनता है जो मैच फिक्सिंग में संलिप्त रहे हैं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा ने कहा, हालात से अवगत होने के बावजूद इन हालातों को कवर करने के लिए आज की तारीख तक कोई कानून नहीं बना है।
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