Mamata Banerjee added 6 new photos.Bengal is now No.1 in development. We are committed to surge ahead further with the 5Ds – Discipline, Dedication, Devotion, Determination, Development.
ममता ने अव्वल बंगाल का दावा ठोंका तो महाश्वेता दी ने ठोंकी दीदी की पीठ
हमें सिर्फ अफसोस है कि दीदी ने महाश्वेता दी को क्यों तकलीफ दी!
पलाश विश्वास
दीदी ने 21 जुलाई के शहीद दिवस पर मीडिया के भरोसे न रहकर रैली की तस्वीरें खुद फेसबुक पर दर्ज करायी है।फेसबुक पर ही उनका दावा है कि बंगाल 5Ds – Discipline, Dedication, Devotion, Determination, Development के करिश्मे से बाकी तमाम राज्यों के मुकाबले तरक्की में अव्वल नंबर है।तो उनके भतीजे ने कामरेड ज्योति बसु की खिंचाई करने में भी कोताही नहीं बरती और कहा कि परिवर्तन अगर उनके जीते जी हो गया होता तो वे देख लेते कि बिन गोली चलाये मां माटी मानुष की सरकार कितने शानदार तरीके से राजकाज चलाती है।
अमूमन हमारी दिलचस्पी बंगाल या किसी सूबे के या देश के रोज बनते बिगड़ते या बदलते राजनीतिक समीकरण में कतई होती नहीं है क्योंकि इस राजनीति का कोई जनसरोकार या जन प्रतिबद्धता नहीं होती।न संसद और विधानसभाओं की रियेलिटी शो को हम कोई हकीकत का आइना मानते हैं।
हमने दीदी का भाषण सिलसिलेवार सुना भी नहीं है।भीड़ तो हर रैली में हो जाती है क्योंकि भीड़ का बंदोबस्त चाकचौबंद होता है।
दीदी के फेसबुक मंतव्य और उनके लगाये पोस्ट ही हमारे ब्लागों के लिए काफी थे।
हमने खासतौर पर इस रैली का नोटिस इस लिए लिया कि अपने सबसे प्रिय लेखक कवि नवारुणदा के निधन के बाद उनकी मां, हम सबकी महाश्वेता दी खासतौर पर मंच पर थीं.
मैं बहुत अरसे से महाश्वेता दी से नहीं मिला।आखिरी बार मैं और सविता नवारुणदा के गोल्फग्रीन वाले घर में उनसे मिले थे।वे नब्वेपार हैं और करीब पचास साल से मधुमेह की वजह से इंशुलिन पर हैं और अब भी लिखना उनने नहीं छोड़ा है।
मां माटी मानुष सरकार बनने के बाद वे जैसे सत्ता में निष्णात हुई हैं,वैसा हमने 1980 से लगातार लगातार उनके साथ गहराये संबंधों की जमीन पर कभी बुरे से बुरे ख्वाबों में भी नहीं सोचा था।
हम चूंकि सत्ता की राजनीति से कोई वास्ता रखते नहीं हैं चाहे सत्ता का रंग जो भी हो,हम तो हाशिये पर जो जनता है,उसके हमसफर हैं।इस मोर्चे पर महाश्वेता दी देशभर के लड़ाकों की निर्विवाद सिपाहसालार रही हैं।
हमें पता ही न था कि नवारुण दा से भी उनके रिश्ते के तार इसी वजह से टूट गये और महास्वेता दी कैंसर से जूझते अपने बेटे को देखने भी नहीं गयी।उस परिवार से सारे रिश्ते तोड़ लेने की वजह से हमें भी नहीं मालूम पड़ा कि कब हमारे नवारुणदा कैंसर के शिकार होकर चल दिये हम सबसे रूठकर।
आज उन्हीं महाश्वेता दी को उठाकर मंच पर लाया गया राजनीतिक मकसद से।
वे खड़े होकर बोल नहीं सकती थी और हम जानते हैं कि उन्हें वहां बैठने में कितनी तकलीफ होगी।
उनके हाथों में माइक थमा दिया गया और वे एक ही वाक्यबोलीं कि चार साल से मां माटी मानुष की सरकार ने इतने काम किये हैं जो किसी बी राज्य ने नहीं किये हैं।
सियासत के इस नजारे से दिल तार तार हो गया।
महाश्वेतादी की राजनीति अब भले बदल गयी हो लेकिन जनप्रतिबद्ध साहित्य का पाठहमारी पीढ़ी को पढ़ाने वाली भी वे रही हैं और इस देश के मेहनतकशों के तमाम आंदोलनों के दस्तावेज बी उन्होंनेही साहित्य में तब्दील किये हैं।
ममता दीदी से उन्हें बेपनाह प्यार इसलिए है सिर्फ कि उनने बेदखल किसानों के आंदोलन की अगुवाई की है।
हमें सियासत से कोई मतलब नहीं है।दीदी के दावे और बाकी लोगों की रायउनकी सियासत के बारे में क्या है,इसकी भी हमें खास परवाह नहीं है।
हम जानते हैं कि जैसे दीदी ने 1916 में चुनाव जीतकर फिर ब्रिगेड में विजय रैली मनाने का ऐलान किया है,वैसा ही कुछ होने वाला है क्योंकि बंगाल में दीदी के मुकाबले कोई फिलहाल नहीं है।
हमें सिर्फ अफसोस है कि दीदी ने महाश्वेता दी को क्यों तकलीफ दी!
Mamata Banerjee added 6 new photos.
Today is 21st July – historic Maa Mati Manush Dibas.
We fondly remember the martyrs who gave their lives to restore democracy in Bengal.
Lakhs and lakhs of people from all corners of the state participated in today's event to salute the martyrs and express solidarity with our agenda of development, harmony and peace.
Lakhs of people could not reach the venue due to the huge turnout.
We are proud of our people. They are our asset, our future.
Bengal is now No.1 in development. We are committed to surge ahead further with the 5Ds – Discipline, Dedication, Devotion, Determination, Development.
My heartiest greetings and best wishes to everyone.
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