ऐसा नहीं है कि कभी लोगों ने अपना समस्याएं प्रशासन को नहीं बताई हो. लोग परेशान भी होते रहे और खूब चिल्लाते भी रहे मगर कभी किसी मामले में सुनवाई तब जाकर हुई जब सत्ता से संबद्ध पार्टी की कमेटी या वजनदार कार्यकर्ता की ओर पहल हुई. मगर मैं दमदम नगरपालिका के नए चेयरमैंन व प्रशासन की प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकता कि पहली बारिश में ही तालाब बन गए गोराबाजार की न सिर्फ चिंता की बल्कि समस्या के समाधान की पहल भी कर दी. यह बात मुझे प्रभातखबर में छपी खबर से पता चली. मैंने भी उस बारिश के बाद अपने वार्ड नंबर १८ के जलजमाव पर फेसबुक में लिखकर दमदम नगरपालिका से इस ओर ध्यान देने की गुजारिश की थी. मैं व्यक्तिगत तौरपर कुछ कहने नहीं गया था मगर समस्या पर उन्होने स्वतः संज्ञान लिया. इसके मैं व्यक्तिगत तौर उनकी प्रशासनिक सतर्कता का कायल हो गया हूं. तृणमूल के ऐसे सिपाही ही लोगों में अपनी पैठ बनाए रखने में कामयाब रहेंगे. जनता को धोखा देने वालों से जनता दूर ही होती चली जाती है. जब मुखिया इतना मुस्तैद हो बाकी प्रशासन उसके नक्शेकदम पर ही चलेगा. विकास का यह कारवां अपनी हर मंजिल फतह कर लेगा, ऐसा कम से कम मुझे पूरा भरोसा है. इस टिप्पणी के साथ प्रभातखबर में छपी उस खबर को भी दे रहा हूं जिसके कारण मैं दमदम नगरपालिका के चेयरमैन हरेंद्र सिंह को उनके प्रयास के लिए साधुवाद भी दे रहा हूं. खबर में उनके प्रयासों का विवरण आप भी देखिए.