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Channel: My story Troubled Galaxy Destroyed dreams
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1880 के भू स्खलन में जीवित दफ्न हो जाने वाले 151 लोगों की स्मृति में बना बोट हाउस क्लब के सामने का यह उद्यान 5 जुलाई की मूसलाधार बारिश में रौखड़ बन कर चेता रहा है कि नैनीतालवासियों प्रकृति अब ज्यादा अत्याचार सहन नहीं करेगी। 1880 के बाद अंग्रेजों ने कठोर बायलॉज बनाये थे, निरापद रहना है तो तुम्हें और भी कठोर कदम उठाने होंगे..ब्रजेन्द्र सहाय कमेटी की रिपोर्ट को निर्ममता से लागू करना होगा....

Previous: सानिया,सुमीत और पेस के मजहब का क्या? दरअसल नफरत के खिलाफ यह हुआ मुहब्बत का कारनामा दरअसल रब से कोई कर लें मुहब्बत तो इबादत करें न करें,इबादत फिर मुकम्मल है फिर इंसानयत के जज्बे से बड़ा कोई रब भी नहीं है यारों और मजहब किसी वतन काा होता नहीं है और इंसानियत के भूगोल का कोई बार्डर कहीं नहीं होता आइये, हमारी बेटियों की जीत का जश्न मनायेंं,बूढ़ापे के जोश को करें सलाम और जवानी को गले लगायें! क्योंकि ख्वाहिशों और ख्वाबों का कोई मजहब होता नहीं है,मजहबी हो जाये सियासत पूरी की पूरी लेकिन वतन कोई मजहबी होता नहीं है। माना कि इन दिनों ख्वाहिशों और ख्वाबों के खिलाफ बेपनाह बेइंतहा फतवे दनादन दस्तूर हुआ है कातिल जमाने का,किसी ख्वाहिश या क्वाब पर मुकम्मल कोई पहरा होता नहीं है और चिड़िया पर न मार सकें,इंसानियत को मजहबू दीवारों में बांटने का कोई बंदोबस्त मुकम्मल हो नहीं सकता। पलाश विश्वास
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1880 के भू स्खलन में जीवित दफ्न हो जाने वाले 151 लोगों की स्मृति में बना बोट हाउस क्लब के सामने का यह उद्यान 5 जुलाई की मूसलाधार बारिश में रौखड़ बन कर चेता रहा है कि नैनीतालवासियों प्रकृति अब ज्यादा अत्याचार सहन नहीं करेगी। 1880 के बाद अंग्रेजों ने कठोर बायलॉज बनाये थे, निरापद रहना है तो तुम्हें और भी कठोर कदम उठाने होंगे..ब्रजेन्द्र सहाय कमेटी की रिपोर्ट को निर्ममता से लागू करना होगा....



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