हमारी महजबीं अब कोई हो न हो,हर दिल में जो रोशन महजबीं हैं,हमें उसकी खैरियत की फिक्र है,तो आपका रब हमें माफ करें कि हमारा कोई खुदा नहीं है।
इसी सेक्सी सेनसेक्स के भरोसे हरिकथा विकास अनंत में स्वाहा जिंदड़ी ओ जहां!
गल सल गपशप मटरगश्ती और चांदनी रातें ओम स्वाहा!
स्वाहा पीएफ!
स्वाहा पेंशन!
स्वाहा ग्रेच्युटी!
स्वाहा सैलेरी!
स्वाहा बीमा!
स्वाहा जमा पूंजी!
स्वाहा जल जंगल जमीन!
स्वाहा देश सारा!
हम तो उल्लू के पट्ठे,म्लेच्छ,अछूत और आप जनाब हिंदू राष्ट्र के सिपाही,जरा उस महजबीं के रोशन चेहरे का ख्याल भी करें,जिनके खातिक चांद मंगल शनि तक सीढ़ियां बनाने कबंध हो गये आप!
ग्रीस के असर से गिरा चीन का बाजार, सेंसेक्स हुआ धड़ाम!
पलाश विश्वास
कल तक वे दावे करते रहे कि ग्रीस का भारत पर कोई असर होगा नहीं और हम चीखते रहें कि महामंदी का आलम है भइया और वे जो हुक्मरान हैं,देश बेचो बगुलाब्रिगेड है,वो हमारा सबकुछ बाजार में झोंके हैं।
अब लीजियेः
चीन के शेयर बाजारों में बुधवार सुबह आई भारी बिकवाली के चलते ट्रेडिंग रोक दी गई है. यह कदम दिन के कारोबार के दौरान शंघाई बाजार में 8 फीसदी से ज्यादा गिरावट आने के बाद उठाया गया. शेयर बाजार के जानकारों का मानना है कि यह गिरावट चीन के बाजारों पर ग्रीस संकट के चलते मंडराते खतरे के कारण देखने को मिली है.
शंघाई पर लिस्टेड कंपनियों में लगभग 43 फीसदी कंपनियों ने इस गिरावट को देखते हुए कारोबार रोक दिया. चीन के शेयर बाजाररेग्युलेटर सीएसआरसी (चाइना सिक्योरिटीज रेग्युलेटरी कमीशन) के मुताबिक बाजार में पैनिक सेंटीमेंट हावी है. इसके चलते बुधवार की गिरावट में चीन की जीडीपी के 50 फीसदी के बराबर का मार्केट कैप साफ हो गया है.
सेंसेक्स और निफ्टी पर कोहराम
ग्रीस संकट के असर से चीन के बाजारों में आई गिरावट के असर से भारतीय शेयर बाजारों में भी बुधवार के कारोबार में भारी गिरावट दर्ज हुई है. बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स 500 अंक और एनएसई इंडेक्स निफ्टी 160 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. निफ्टी 8352 के स्तर तक गिरकर निचे के रुझान पर है तो सेंसेक्स भी 27700 के स्तर के नीचे पहुंचकर लाल निशान पर बना है.
सोना-चांदी और क्रूड की कीमतों में भारी गिरावट
चीन के बाजारों में गिरावट की सबसे बड़ी मार कमोडिटी बाजार पर देखने को मिली. ग्लोबल स्तर पर सोना-चांदी, क्रूड और बेस मेटल्स में भारी बिकवाली है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और सोने-चांदी, क्रूड का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है. नायमैक्स पर क्रूड का भाव 51 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है. वहीं, सोना और चांदी चार महीने के निचले स्तर पर है कारोबार कर रहा है. वहीं निकेल और कॉपर की कीमतें 6 साल के निचले स्तर पर लुढ़ककर कारोबार कर रही हैं.
क्यों टूटा चीन का बाजार?
बैंक ऑफ अमेरिकाकी रिपोर्ट कि चीन के बाजार में गिरावट से अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा और इसके परिणाम यूरोजोन से भी गंभीर हो सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि चीनी इक्विटी मार्केट में गिरावट, ग्रीस संकट के होने से डॉलर की सेहत में बेहतरी के डर से गोल्ड की कीमतों में गिरावट बढ़ने की आशंका है. इसके चलते चीन के शेयर मार्केट में जिन इनवेस्टर्स ने उधार के पैसों से बड़ा दांव लगाया था, वह तेजी के अपने सौदे काट रहे हैं.
और भी... http://aajtak.intoday.in/story/greek-crisis-impacts-china-market-and-india-too-crashes-1-821577.html
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हमउ साल दर साल भौेंके रहल बानी के डालर पर कयामत की इबारत है और तेलकुंओं की आग मध्यपूर्व के भारत समेत इस महादेश को निगलने काथिर वरनम वन की तरह बढ़ी चली आ रही है।ड्रैकुला के खूनी दांत की चमक यह सेनसेक्स है।हमउ कहत रहे।मुक्त बाजाक की कंडोम आस्था कयामत है।हमउ कहत रहे।उड़ा दो हमारा सर।
हमारे सहकर्मी सुमित गुहा विश्व मशहूर आर्टिस्ट हैं।आर्ट कालेज टाप करके हमारे यहां अभीतक सहायक पेस्टर हैं,पच्चीस साल हो गये।मजीठिया सिफारिशों से उनकी कलाकार हैसियत से कोई वास्ता नहीं है।जैसे हम सत्तर के दशक से अबतक सिर्फ घुइयां छीलते रहे हैं अपने ही स्वजनों से गालियां खाने के लिए,जबकि हैसियत तो दो कौड़ी की भी नइखै।अंधियारा के तेज बत्तीवाले कारोबारी जो हुए,हम यकीनन उनमें शामिल न हुए।
हम उल्लू के पट्टे हैं जी जो हर कहीं जहां भी संभव दौड़े दौड़े हर सेक्टर जा जाके बताते रहे कि आसमान गिरने जा रहा है और आप हमें दिखाते रहे आसमान का रंग कित्ता तो नीला है।हम कहते रहे कि हिमालय एटमो बम है और आप हसीं हिल स्टेशन से अपनी सेल्फियां दागते रहे। हमारी जजरें खराब है जनाब कि हम इंसानों की बस्ती कहीं नहीं देख रहे और आपकी यह जन्नत हमारे लिए दोजख से बुरी चीज हुई ठहरी जहां कयामत बरपते हुए सिर्फ हमीं देख रहे हैं।
माफ कीजियेगा कि हम बूढ़ापे में फिर मुहब्बत का राग अलापने लगे।
एक पांव कब्र में तो दूजा श्मशानघाट।
फिर भी करें तो क्या मुहब्बत से शुरु इंसानियत तो मुहब्बत के इंतकाल से फसाना खत्म।आशियाना की जड़ों में फिर वही मुहब्बत तो कायनात की तमाम बरकतों और रहमतों में वही मुहब्बत फिर।आस्था का आधार कहीं नफरत हो तो बताइये।मजहब चाहे कोई हो,मुहब्बत के खिलाफ कोई मजहब हो तो बताइये।
हमें उस नीली झील से इतनी मुहब्बत न होती तो हिमालय के हर जख्म के साथ हम मर नहीं रहे होते रोज रोज।
जो गालियां बरसाने में कसूर नहीं करते कभी,गालियां फिर फिर खाने के लिए फिर फिर उन्हीं को आवाज दे न रहे होते हम,जो उनसे मुहब्बत न होती।
हमारी महजबीं अब कोई हो न हो,हर दिल में जो रोशन महजबीं हैं,हमें उसकी खैरियत की फिक्र है,तो आपका रब हमें माफ करें कि हमारा कोई खुदा नहीं है।
यह तो वैसे ही हुआ कि जैसे रिटायर होने से ऐन पहले हम पढ़ रहे हैं नये सिरे से आखेर खबरें क्या होती हैं।
यह तो वैसे ही हुआ कि जैसे रिटायर होने से ऐन पहले हम पढ़ रहे हैं नये सिरे से आखेर क्या परोसा जाये और क्या नहीं।
यह तो वैसे ही हुआ कि जैसे रिटायर होने से ऐन पहले हम पढ़ रहे हैं नये सिरे से आखेर कि मैपिंग होनी हैं अभी पूरे देश की ताकि पूंजी अबाध हो,यह सुनिशिचत हो और एफडीआई हो सही सलामत और चांदी की बरसात रहे जारी,ऐसा जनमत हो।
यह तो वैसे ही हुआ कि जैसे रिटायर होने से ऐन पहले हम पढ़ रहे हैं नये सिरे से आखेर इतिहास और भूगोल,विज्ञान और गणित अपनी आस्था के हिसाब से हकीकत का रंग बदले हैं हुक्मरान की मर्जी और मिजाज के मुताबिक।
के आखेर हम भी कबंधो है,जिसका न दिल न दिमाग।
यह तो वैसे ही हुआ कि जैसे हमारे ब्लागों पर नैनीताल की ताजा तस्वीरों को पोस्ट होते देख विश्व मशहूर कलाकार हमारे सुमित गुहा गुगल और न्यूज चैनल और तमामो अखबार ब्राउज किये परेशां परेशां कि नैनीताल कहीं खबरों में नहीं है।
हमें न उस झील से इतनी बेपनाह मुहब्बत है कि परियां सारी की सारी उनकी लहरों पर उतरती हमीं देखते हैं और किसी कि आंखों में न वे परियां है,न वो नूर है और न कोई पर्दानशीं फऱहा महजबीं दिख रही किसी को कहीं!
मलब जो गिरता है झील में कहीं तो नासूर सा पैदा हो दिल में।भूस्खलन हो या बाढ़,या भूकंप या सुनामी या दुष्काल या महामारी या भुखमरी - जहां भी जो लाश निकलती है,वह लाश भी आखिर हमारी है!
मरा नहीं है अक्षय,मरे हैं हम!यकीनन हमीं मरे हैं।
हमारा मसला बस इत्ता सा है कि कबंध बनकर भी पूरी तरह कबंध हो न सके हम।जबकि दसों दिशाओं में रोबोट गरज रहे हैं।टाइटैनिको ह रोबोट धुआंधार रिेएक्टर ह रोबोटमहाराजो।
दिशायें बायोमेट्रिक हैं।
हर चेहरा क्लोन है।
और हम बेगानी महजबीं की खातिर अब्दुल्ला दीवाना।
हमें माफ करें न करें,गाली दे न दें,हमारे खिलाफ फतवे जारी करें न करें तनिको अपनी अपनी महजबीं की खैर मनाइये।
हमें माफ करें न करें,गाली दे न दें,हमारे खिलाफ फतवे जारी करें न करें तनिको अपनी अपनी महजबीं की खैरियत का कोई पुख्ता इंतजाम कीजिये।
हमें माफ करें न करें,गाली दे न दें,हमारे खिलाफ फतवे जारी करें न करें तनिको अपनी अपनी महजबीं की खातिर अपना खोया हुआ चेहरा खोज लाइये कहीं से मगर।
हमें माफ करें न करें,गाली दे न दें,हमारे खिलाफ फतवे जारी करें न करें तनिको अपनी अपनी महजबीं की खातिर टूटी हुई रीढ़ के कैंसर के खिलाफ आखिरी जंग के लिए कमसकम मंसूबा तो बांध लीजिये अगर हालात बदलना चाहे तो।
हम क्या करें जनाब कि हम देख रहे हैं कि महबूब जो भी हो,महबूबा जो भी हो,ड्राकुला के दांतों के दरम्यान उसका वजूद कैद लहूलुहान,जो आप देख नहीं रहे हैं।
हम क्या करें जनाब कि हम अब भी ख्वाब देख रहे हैं इस कायनात में सही सलामत इंसानियत का,अदब तहजीब का,आजाद लबों का और हसीं मुहब्बत का।
हम क्या करें जनाब कि हमीं जान रहे हैं कि हम जो जी रहे हैं ,वह कोई जिंदगी नहीं दरअसल, हम मुक्त कारागार बाजार में उपभोक्ता कैदी है और महामंदी मौत की सजा है।जो मरे हुए हैं,उन्हें मौत से क्या डरना,वे बेखौफ हैं और फिजां व्यापमं है।
हम क्या करें जो अमेरिका इजराइल चीन जापान रूस तक हिंदुत्व का शामियाना टांग रहे हैं,जो कंडोम का भूगोल तान रहे हैं,उनके मुकाबले हम तन्हा तन्हा इंसानियत का भूगोल तामीर करने लगे हैं और हम देख रहे हैं कि यूनान के भूगोल में दाखिला ले रहे हैं मुक्तबाजार के तमाम सितारे।ग्रीक ट्रेजेटी का एरैना बनरहा है हमारा यह हिंदू राष्ट्र,हम यह खौफनाक ख्वाब बी देख रहै हैं कि कमीनों का जमाना है और शराफत मना है।
हमारी महजबीं अब कोई हो न हो,हर दिल में जो रोशन महजबीं हैं,हमें उसकी खैरियत की फिक्र है,तो आपका रब हमें माफ करें कि हमारा कोई खुदा नहीं है।
इसी सेक्सी सेनसेक्स के भरोसे हरिकथा विकास अनंत में स्वाहा जिंदड़ी ओ जहां!
गल सल गपशप मटरगश्ती और चांदनी रातें ओम स्वाहा!
स्वाहा पीएफ!
स्वाहा पेंशन!
स्वाहा ग्रेच्युटी!
स्वाहा सैलेरी!
स्वाहा बीमा!
स्वाहा जमा पूंजी!
स्वाहा जल जंगल जमीन!
स्वाहा देश सारा!
हम तो उल्लू के पट्ठे,म्लेच्छ,अछूत और आप जनाब हिंदू राष्ट्र के सिपाही,जरा उस महजबीं के रोशन चेहरे का ख्याल भी करें,जिनके खातिक चांद मंगल शनि तक सीढ़ियां बनाने कबंध हो गये आप!
ग्रीस के असर से गिरा चीन का बाजार, सेंसेक्स हुआ धड़ाम!
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हमारी आपकी स्वप्नसुंदरी बोले हैंः
हेमा मालिनी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- 'काश, लड़की के पिता ने यातायात के नियमों का पालन किया होता'
मुंबई डेटलाइन की खबर है:राजस्थान में एक दुर्घटना का शिकार होने के कुछ दिनों बाद अभिनेत्री एवं भाजपा सांसद हेमामालिनी ने हादसे में जान गंवाने वाली लड़की के पिता पर आज आरोप लगाया कि उसने यातायात के नियमों का पालन नहीं किया।
दुर्घटना में घायल हुई अभिनेत्री ने कहा, 'मेरी संवेदनाएं इस हादसे में जान गंवाने वाली बच्ची और दुर्घटना में घायल हुए परिवार के लोगों के साथ हैं।'उन्होंने ट्वीट किया, 'काश, लड़की के पिता ने यातायात के नियमों का पालन किया होता, तो यह हादसा टाला जा सकता था और छोटी बच्ची की जान बचाई जा सकती थी।'राजस्थान के दौसा जिले में दो जुलाई को हेमामालिनी की कार की एक अन्य कार से टक्कर हो जाने से चार वर्षीय एक बच्ची की मौत हो गई थी और अभिनेत्री समेत पांच लोग घायल हो गए थे।
हादसे में घायल हुई 66 वर्षीय अभिनेत्री की पिछले सप्ताह जयपुर के एक अस्पताल में सर्जरी हुई थी। दुर्घटना के कुछ देर बाद लड़की के पिता ने कहा था कि यदि उसकी बच्ची को अभिनेत्री के साथ अस्पताल ले जाया जाता तो उसकी जान बच सकती थी।
सोनम के पिता हनुमान महाराज ने कहा था, 'मेरी छोटी बेटी ने कार में अपनी मां की गोद में दम तोड़ दिया। यह दु:खद है कि उसकी मां भी पॉलीट्रोमा वार्ड में जीवन के लिए संघर्ष कर रही है और वह यह नहीं जानती कि सोनम अब नहीं रही।'
हमारी महजबीं अब कोई हो न हो,हर दिल में जो रोशन महजबीं हैं,हमें उसकी खैरियत की फिक्र है,तो आपका रब हमें माफ करें कि हमारा कोई खुदा नहीं है।
इसी सेक्सी सेनसेक्स के भरोसे हरिकथा विकास अनंत में स्वाहा जिंदड़ी ओ जहां!
गल सल गपशप मटरगश्ती और चांदनी रातें ओम स्वाहा!
स्वाहा पीएफ!
स्वाहा पेंशन!
स्वाहा ग्रेच्युटी!
स्वाहा सैलेरी!
स्वाहा बीमा!
स्वाहा जमा पूंजी!
स्वाहा जल जंगल जमीन!
स्वाहा देश सारा!
हम तो उल्लू के पट्ठे,म्लेच्छ,अछूत और आप जनाब हिंदू राष्ट्र के सिपाही,जरा उस महजबीं के रोशन चेहरे का ख्याल भी करें,जिनके खातिक चांद मंगल शनि तक सीढ़ियां बनाने कबंध हो गये आप!