बताईए भला ललित मोदी की नाव पर सवार हो कर सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे निरंतर डगमगा रही हैं। स्मृति ईरानी भी अपनी डिग्री को ले कर लगातार उलझती जा रही हैं । उधर महाराष्ट्र में पंकजा मुंडे भी भ्रष्टाचार की लहरों पर सवार हो कर लहरा रही हैं। और तमाम हो -हल्ले के बावजूद नरेंद्र मोदी चुप हैं । नरेंद्र मोदी का नया नामकरण भी कर दिया जयराम रमेश ने कल और मौननेंद्र कहा । यह भी सब गुड है। पर इस सारी फेहरिस्त में सोनिया गांधी भी क्यों चुप हैं। चलिए कांग्रेस पार्टी की कमांडर है, सो ऐन मौके पर ही बोलेंगी। लेकिन राहुल गांधी भी सिरे से क्यों चुप हैं ? कहीं लुक भी नहीं हो रहे हैं । न चीख़-पुकार मचा रहे हैं , न कोई कागज़ पत्तर फाड़-फूड़ रहे हैं। नरेंद्र मोदी से इन मुद्दों पर न बोलने का हिसाब तो लेना लाजिमी है ही पर राहुल गांधी के न बोलने , न लुक होने पर भी हिसाब नहीं मांग लेना चाहिए ? मनो कि पूछ रहे हैं ! कहां हैं कम से कम यह ही बता दिया जाए ! कि यह बार-बार अंतर्ध्यान होने की बीमारी अब नियमित हो गई है ?
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