असम की सांप्रदायिक हिंसा मोदी के भड़काऊ भाषणों की देन- रिहाई मंच
जीटीवी को कैसे मिला आतंकवाद के नाम पर पकड़े गए लोगों के पूछताछ का
वीडियो बताए एनआईए
फैयाज आजमी की कथित गिरफ्तारी से एक बार फिर आजमगढ़ को बदनाम करने की साजिश
भाकपा नेता अतुल कुमार अंजान के समर्थन में कल मऊ में रहेंगे रिहाई मंच
के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब
लखनऊ, 4 मई 2014। रिहाई मंच ने असम में जारी मुस्लिम विरोधी जनसंहार और
अचानक आजमगढ़ के फैजान आजमी की आंतकवाद के नाम पर कथित गिरफ्तारी को
भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की सांप्रदायिक तत्वों और खुफिया
एजेंसियों की रणनीति बताया है।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने असम में जारी हिंसा के लिए
नरेन्द्र मोदी के बंगाली और असमी भाषी मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषड़ों
को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि आखिरी चरणों के मतदान से पहले
मोदी के ऐसे बयान साबित करते हैं कि मोदी भी मान चुके हैं कि कथित विकास
के उनके गुजरात माॅडल के हव्वे को जनता ने नकार दिया है और अब वे 2002 के
दंगा माॅडल के भरोसे वोटों के जुगाड़ में लग गए हैं। उन्होंने कहा कि
मोदी के बयानों से उपजी हिंसा के बावजूद जिस तरह से मोदी को रैलियों और
देश को बांटने वाले भाषण देने की छूट चुनाव आयोग ने दे रखी है, उससे
चुनाव आयोग भी असम की इस हिंसा में भागीदार बन जाता है।
रिहाई मंच के प्रवक्ताओं शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि आजमगढ़ के
फैयाज आजमी को जिस तरह शारजाह में महीनों अवैध हिरासत में रखकर ऐन
चुनावों से पहले इंडियन मुजाहिदीन के नाम पर भारत लाकर गिरफ्तार करने का
दावा किया जा रहा है उससे एक बार फिर खुफिया एजेंसियों की अवैध
कार्यप्रणाली उजागर हो जाती है, जिससे यह भी पता चलता है कि सुरक्षा
एजेंसियां इस भ्रम का शिकार हो गई हैं कि ऐसे बेगुनाहों को फंसाकर
सांप्रदायिक विभाजन कराकर भाजपा को लाभ मिल सकता है।
रिहाई मंच आजमगढ़ के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि जिस तरीके से
चुनावों के दरम्यान आजमगढ़ के लोगों की गिरफ्तारी दिखाई जा रही है इसी
तरह दो दिनों पहले पटना धमाकों के सिलसिले में पकड़े गए मुस्लिम लड़कों
की एनआईए से की गई पूछताछ के वीडियो को जीटीवी द्वारा प्रसारित किया गया।
जिससे साफ हो गया है कि आतंकवाद को हथियार बनाकर जनता में भय व्याप्त
किया जा रहा है, जिसमें मीडिया और एनआईए, भाजपा की सहयोगी बन गए हंै।
उन्होंने एनआईए से सवाल किया कि क्या एनआईए पूछताछ के वीडियो मीडिया को
जारी करता है और अगर नहीं करता है तो उसे बताना चाहिए कि यह वीडियो
जीटीवी को कैसे मिला और उसने इसे प्रसारित करने पर जीटीवी के खिलाफ क्या
कार्रवाई की। रिहाई मंच नेता ने कहा कि जब मामला न्यायालय में विचाराधीन
है तो ऐसे में अगर एनआईए इस तरह का मीडिया ट्रायल करता है तो यह एक
आपराधिक कृत्य है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण पर चुनाव आयोग की चुप्पी पर
सवाल उठाया।
रिहाई मंच प्रवक्ताओं ने बताया कि कल से रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद
शुएब के नेतृत्व में रिहाई मंच के नेता मसीहुद्ीन संजरी, राघवेन्द्र
प्रताप सिंह, अनिल आजमी समेत अनेक समर्थक घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़
रहे भाकपा नेता अतुल अंजान के समर्थन में क्षेत्र में जनसंपर्क करेंगे।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
9415254919, 9452800752
जीटीवी को कैसे मिला आतंकवाद के नाम पर पकड़े गए लोगों के पूछताछ का
वीडियो बताए एनआईए
फैयाज आजमी की कथित गिरफ्तारी से एक बार फिर आजमगढ़ को बदनाम करने की साजिश
भाकपा नेता अतुल कुमार अंजान के समर्थन में कल मऊ में रहेंगे रिहाई मंच
के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब
लखनऊ, 4 मई 2014। रिहाई मंच ने असम में जारी मुस्लिम विरोधी जनसंहार और
अचानक आजमगढ़ के फैजान आजमी की आंतकवाद के नाम पर कथित गिरफ्तारी को
भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की सांप्रदायिक तत्वों और खुफिया
एजेंसियों की रणनीति बताया है।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने असम में जारी हिंसा के लिए
नरेन्द्र मोदी के बंगाली और असमी भाषी मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषड़ों
को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि आखिरी चरणों के मतदान से पहले
मोदी के ऐसे बयान साबित करते हैं कि मोदी भी मान चुके हैं कि कथित विकास
के उनके गुजरात माॅडल के हव्वे को जनता ने नकार दिया है और अब वे 2002 के
दंगा माॅडल के भरोसे वोटों के जुगाड़ में लग गए हैं। उन्होंने कहा कि
मोदी के बयानों से उपजी हिंसा के बावजूद जिस तरह से मोदी को रैलियों और
देश को बांटने वाले भाषण देने की छूट चुनाव आयोग ने दे रखी है, उससे
चुनाव आयोग भी असम की इस हिंसा में भागीदार बन जाता है।
रिहाई मंच के प्रवक्ताओं शाहनवाज आलम और राजीव यादव ने कहा कि आजमगढ़ के
फैयाज आजमी को जिस तरह शारजाह में महीनों अवैध हिरासत में रखकर ऐन
चुनावों से पहले इंडियन मुजाहिदीन के नाम पर भारत लाकर गिरफ्तार करने का
दावा किया जा रहा है उससे एक बार फिर खुफिया एजेंसियों की अवैध
कार्यप्रणाली उजागर हो जाती है, जिससे यह भी पता चलता है कि सुरक्षा
एजेंसियां इस भ्रम का शिकार हो गई हैं कि ऐसे बेगुनाहों को फंसाकर
सांप्रदायिक विभाजन कराकर भाजपा को लाभ मिल सकता है।
रिहाई मंच आजमगढ़ के प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि जिस तरीके से
चुनावों के दरम्यान आजमगढ़ के लोगों की गिरफ्तारी दिखाई जा रही है इसी
तरह दो दिनों पहले पटना धमाकों के सिलसिले में पकड़े गए मुस्लिम लड़कों
की एनआईए से की गई पूछताछ के वीडियो को जीटीवी द्वारा प्रसारित किया गया।
जिससे साफ हो गया है कि आतंकवाद को हथियार बनाकर जनता में भय व्याप्त
किया जा रहा है, जिसमें मीडिया और एनआईए, भाजपा की सहयोगी बन गए हंै।
उन्होंने एनआईए से सवाल किया कि क्या एनआईए पूछताछ के वीडियो मीडिया को
जारी करता है और अगर नहीं करता है तो उसे बताना चाहिए कि यह वीडियो
जीटीवी को कैसे मिला और उसने इसे प्रसारित करने पर जीटीवी के खिलाफ क्या
कार्रवाई की। रिहाई मंच नेता ने कहा कि जब मामला न्यायालय में विचाराधीन
है तो ऐसे में अगर एनआईए इस तरह का मीडिया ट्रायल करता है तो यह एक
आपराधिक कृत्य है। उन्होंने इस पूरे प्रकरण पर चुनाव आयोग की चुप्पी पर
सवाल उठाया।
रिहाई मंच प्रवक्ताओं ने बताया कि कल से रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद
शुएब के नेतृत्व में रिहाई मंच के नेता मसीहुद्ीन संजरी, राघवेन्द्र
प्रताप सिंह, अनिल आजमी समेत अनेक समर्थक घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़
रहे भाकपा नेता अतुल अंजान के समर्थन में क्षेत्र में जनसंपर्क करेंगे।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
9415254919, 9452800752