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हिंदू राष्ट्र का शंखनाद।भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए योग, शाखा और साधना अहम त्रिकोण,संघ परिवार का खुलासा। पलाश विश्वास

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हिंदू राष्ट्र का शंखनाद।भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए योग, शाखा और साधना अहम त्रिकोण,संघ परिवार का खुलासा।
पलाश विश्वास

योग दिवस मनाने का आशय हिंदू राष्ट्र का निर्माण है,ऐसा हम बार बार कह रहे हैं।लोगों को लग सकता है कि विशुद्ध योग को हम लोग खामखां हिंदुत्व से जोड़ रहे हैं।आडवाणी जी अपने इमरजेंसी वाले बयान से बदल गये हैं और संघ परिवार का राजपथ पर राजयोग 


राजसूय का मतलब फिर वही भारतीयसेनाओं,सुरक्षा बलों का हिदूकरण और राष्ट्र का हिंदू सैन्य राष्य्र बनाने का कार्यक्रम है।आपातकाल का मतलब आप पिछले पचास साल से जारी संसदीय सहमति के जनसंहारी राजकाज से समझें हो या नहीं, योग दिवस के वैश्विक आयोजन से ग्लोबल हिंदू साम्राज्यवाद का एजंडा खुलकर सामने आ गया है।
योगदिवस की पूर्व संध्या पर फैशन कन्या पूनम पांडेय का योग वीडियो वाइरल है और राजपथ पर ललित मोदी की मित्र शिल्पा सेट्टी जलवा बिखेरेंगी लेकिन इस चकाचौंध और सेनाओं की देशभक्ति के संग संग मुसलमानों को योग के लिए मजबूर करने के कतरब के मध्य मोदी दीदी मिलन आसन के माहौल में संघ परिवार ने हिंदू राष्ट्र का शंखनाद कर दिया है।

नमो चुनाव क्षेत्र वाराणसी से भारत को महाबारत बना देने 

की युद्धघोषणा हो गयी है।

हिंदुत्व के मुद्दे पर संघ किसी तरह का समझौता नहीं करेगा। भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए योग, शाखा और साधना अहम त्रिकोण हैं। यह बयान वाराणसी के निवेदिता शिक्षा सदन मे चल रहे संघ के पुनश्चर्या शिविर में अनुशांगिक इकाइयों के पदाधिकारियों संग अलग-अलग बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत ने दिया है। इस बैठक में सहसरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, शिव नारायण, रामचंद्र, इंद्रेश कुमार जैसे संघ के पदाधिकारी मौजूद थे। सूत्रों की मानें तो भागवत की मौजूदगी में राम मंदिर निर्माण से लेकर कश्मीर में धारा 370 की सामप्ति तथा घर वापसी जैसे मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा हुई।
गौरतलब है कि अब तोगड़िया फिर से एक नेता के रूप में उभर रहे हैं और पूरे देश में घूमकर कट्टरहिंदुत्व का पाठ पढ़ा रहे हैं। ... संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बार बार दावा किया है  "भारत में रहने वाला हर कोई हिंदू है." 

खबरों के मुताबिक भागवत की मौजूदगी में राम मंदिर निर्माण से लेकर कश्मीर में धारा 370 की सामप्ति तथा घर वापसी जैसे मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा हुई। बैठक में इस बात पर जोर रहा कि अब मंदिर निर्माण के लिए ज्यादा इंतजार करना ठीक नहीं है। एक बार फिर पहले की तरह देशव्यापी जन आंदोलन के जरिए माहौल बनाकर सरकार को इस बारे में फैसला लेने के लिए विवश किया जा सकता है। सरकार कानून या फिर बीच का रास्ता निकाल इस बारे में निर्णय ले। 

21 को वाराणसी में योग करेंगे भागवत 

भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए योग, शाखा और साधना को माध्यम बनाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत 21 जून को अर्न्तराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मोदी के बनारस में योग करते दिखेंगे। महमूरगंज स्थित निवेदिता शिक्षा सदन में पूर्ण गणवेशधारी संघ के वरिष्ठ व चुनिंदे स्वयंसेवकों की मौजूदगी में सुबह की शाखा के बाद योग का कार्यक्रम होगा। 

बयान नहीं भाषण देते हैं 

भागवत ने बनारस पहुंचने पर मंडुआडीह स्टेशन पर मौजूद मीडिया के सवालों के जवाब में इतना ही कहा कि 'बयान देने वाले दूसरे हैं, वह सिर्फ भाषण देते हैं'। इस बयान के अलग-अलग निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। किसी ने इसे आडवाणी प्रकरण से जोड़ा तो संघ के लोगों ने माना कि वह किसी राजनीतिक बयान से दूर विचारधारा और सिद्धांतों की बात स्वयंसेवकों के बीच रखते हैं।

दूसरी तरफ,पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ संचालक मोहनराव भागवत के खिलाफ पटना में मुकदमा दर्ज करने के लिए अदालत में परिवाद पत्र दाखिल किया गया है। उनपर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से सरकारी धन का दुरुपयोग करने और दूसरे धर्मों के लोगों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है। परिवाद पत्र पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकरी की अदालत में शनिवार को दायर किया गया है।

फतुहा के बेला पंचायत के पूर्व मुखिया देव कुमार सिंह ने अदालत में आइपीसी की धारा 295 (ए) और 120 (बी) के तहत परिवाद पत्र दायर किया। याचिका पर अगली सुनवाई सोमवार (22 जून) को होगी। सिंह ने अदालत से अनुरोध किया है कि कदमकुआं थाने में आरोपियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाए।

शिकायतकर्ता ने मोहन राव भागवत की ओर से केंद्र सरकार द्वारा 17 जून को जारी पुस्तिका पर आपत्ति जताई है। पुस्तिका में नमाज के आसनों को योग का आसन बताया गया है। इसके अलावा उन्होंने योग दिवस के आयोजन पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने और नमाज को योग से जोड़कर मुस्लिम धर्मावलंबियों को जबरन योग में शामिल कराने की हिंदुत्व का वर्चस्व कायम करने की साजिश बताया है।


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