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क्या पुलिस वाले इंसान नहीं होते हैं
दूसरों की सुरक्षा करने वाले कितनी असुरक्षा में रह रहे हैं
जी हाँ ये हाल है
बनभूल पूरा थाने का
टूटा फूटा टिन शेड झोपड़
दीवारों में दरारें
सीलन बदबू
मछरों का आतंक
हाथ की छू रहा पंखा
दीमक की चित्रकारी
दीवारों से गिरता गारा
टूटा फर्नीचर
एक ही अकेले थाना इंचार्ज कोई SI नहीं
24 घंटे की ड्यूटी
झुलसाती गर्मी
नेकर बनियान में भी 24 घंटे की ड्यूटी को दे रहे है अंजाम
रहने का कमरा एक कुर्सी एक चारपाई
कभी भी छत नीचे न आ जाए
कल किसी काम से गया था देख के दंग रह गया
दूसरों की सुरक्षा करने वाले कितनी असुरक्षा में रह रहे हैं
जी हाँ ये हाल है
बनभूल पूरा थाने का
टूटा फूटा टिन शेड झोपड़
दीवारों में दरारें
सीलन बदबू
मछरों का आतंक
हाथ की छू रहा पंखा
दीमक की चित्रकारी
दीवारों से गिरता गारा
टूटा फर्नीचर
एक ही अकेले थाना इंचार्ज कोई SI नहीं
24 घंटे की ड्यूटी
झुलसाती गर्मी
नेकर बनियान में भी 24 घंटे की ड्यूटी को दे रहे है अंजाम
रहने का कमरा एक कुर्सी एक चारपाई
कभी भी छत नीचे न आ जाए
कल किसी काम से गया था देख के दंग रह गया