Quantcast
Channel: My story Troubled Galaxy Destroyed dreams
Viewing all articles
Browse latest Browse all 6050

साल भर पहले "अच्छे दिन"का सपना देखने वाले लोग आज मा. अटल बिहारी वाजपेयी की यह कविता गुनगुना रहें होंगे... =============== चौराहे पर लुटता चीर प्यादे से पिट गया वजीर चलूँ आखिरी चाल कि बाजी छोड़ विरक्ति सजाऊँ मैं? राह कौन सी जाऊँ मैं?

$
0
0
   
Dhananjay Aditya
June 14 at 10:41am
 
साल भर पहले "अच्छे दिन" का सपना देखने वाले लोग आज मा. अटल बिहारी वाजपेयी की यह कविता गुनगुना रहें होंगे... 
=============== 
चौराहे पर लुटता चीर 
प्यादे से पिट गया वजीर 
चलूँ आखिरी चाल कि 
बाजी छोड़ विरक्ति सजाऊँ मैं? 
राह कौन सी जाऊँ मैं? 

सपना जन्मा और मर गया 
मधु ऋतु में ही बाग झर गया 
तिनके टूटे हुये बटोरूँ या 
नवसृष्टि सजाऊँ मैं? 
राह कौन सी जाऊँ मैं? 

दो दिन मिले उधार में 
घाटों के व्यापार में 
क्षण-क्षण का हिसाब लूँ या 
निधि शेष लुटाऊँ मैं? 
राह कौन सी जाऊँ मैं ? 
By Dhananjay Aditya. 
facebook.com/adityasir 
Please Like / Share.

Viewing all articles
Browse latest Browse all 6050

Trending Articles