तमिलनाडु और केरला के हाईकोर्टस के टोटल 60 जज में से 25 जज ओबीसी और 5 जज एससी है. लेकिन देश के अन्य 16 राज्यों के हाईकोर्टस के टोटल 421 जजस में से सिर्फ 10 ओबीसी, 10 एससी और 5 एसटी है..
अब आप ही कहिये कि देश के विकास के मोडल तमिलनाडु और केरला नहीं है क्या? संवैधानिक सामाजिक न्याय और पिछड़ेवर्गों के संवैधानिक अधिकारों का सबसे ज्यादा अमल तमिलनाडु और केरला में हुवा है या नहीं?