सदियाँ लग गयी थीं जब इस देश के हिंदुओं और मुसलमानों ने एक साथ मिलकर मिश्रित सभ्यता बनायीं थीं, यह एक ऐसा खूबी थी जिसे दुनिया की दूसरी सभ्यतायें हम से सीख सकती थीं।लेकिन ब्रिटिश शासकों ने भारत में आज़ादी की लड़ाई को नियंत्रित करने के लिए दोनों संप्रदायों के नेताओं में होड़ को पैदा करते हुए "फूट डालो और राज्य करो" की नीति पर अमल किया और योजनाबद्ध रूप से हिन्दू और मुसलमान दोनों संप्रदायों के प्रति शक को बढ़ावा दिया, अब आज हमारे अपने ही लोग ठीक वही काम कर रहे हैं और सांझेपन की इस बहुमूल्य पूँजी को तार–तार किये जा रहे हैं।