तोमर तो एक प्रकार से मर गया. अब स्मृति भी क्यों बची रहे. झूठे तो दोनों ही हैं. फिर जब सफाई होनी है तो प्यादों की भले ही न हो फर्जियों की तो हो ही जानी चाहिए.
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तोमर तो एक प्रकार से मर गया. अब स्मृति भी क्यों बची रहे. झूठे तो दोनों ही हैं. फिर जब सफाई होनी है तो प्यादों की भले ही न हो फर्जियों की तो हो ही जानी चाहिए.