आज समाजवादी नेता साथी जार्ज फर्नांडीस का 85 वां जन्मदिन है l
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जार्ज फर्नांडीस के नेतृत्व मे 1974 मे हुई एतिहासिक रेल हड़ताल के वक़्त हमारी उम्र 15 साल थी l जार्ज फर्नांडीस किशोर अवस्था मे हमारे हीरो थे l हम उनका भाषण सुनने घर वालों को बिना बताए ,बिना टिकिट पिपरिया से इटारसी गए थे l बिना टिकिट यात्रा का यह पहला मौका था l इसके बाद इमरजेंसी लग गई l इसी दौरान अखबार और दिनमान ,धर्मयुग जैसी पत्रिका पढ़ने का चस्का लगा l इमरजेंसी मे सरकार का गुणगान , इंद्रा गांधी के बीस सूत्र और संजय गांधी के पाँच सूत्र की बहुत चर्चा होती थी l इन्दिरा गांधी की तानाशाही का मुक़ाबला करने के लिए जार्ज फर्नांडीस भूमिगत हो गए थे और साथियो के साथ मिलकर तानाशाह सरकार को अपदस्थ करने का प्रयास कर रहे थे l इमरजेंसी के दौरान खबर आई कि जार्ज फर्नांडीस बड़ौदा डाइनाइमाइट कांड मे गिरफ्तार हो गए है l 1977 मे इमरजेंसी के बाद हुए लोकसभा चुनाव के समय जार्ज जेल मे थे ,उन्होने जेल से चुनाव लड़ा और बिहार के मुजफ्फरपुर से रिकॉर्ड मतो से जीते थे l
1980 के बाद जार्ज साहब न हमारे हीरो रहे और ना नेता l उड़ीसा और गुजरात दंगो मे उनके द्वारा क्लीन चिट देने से हम दुखी जरूर हुए थे l अपनी सांप्रदायिक राजनैतिक छवि के कारण भारत की राजनीति मे अछूत भाजपा को स्वीकार्य बनाने मे जार्ज साहब का योगदान रहा है l उल्लेखनीय है कि यही जार्ज फर्नांडीस 1979 मे दोहरी सदस्यता के मुद्दे पर जनता पार्टी तोड़ने वालों मे अगुआ थे l मोरारजी सरकार मे मंत्री बनकर उन्होने रेल कर्मचारियो और मजदूरो के साथ न्याय नहीं किया -- उनसे बहुत अपेक्षा थी l फिलहाल वे बीमार है l अपने भूतपूर्व नेता को सलाम l