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जल सत्याग्रह का 24वां दिन : सत्याग्रहियों के पैरों की हालत गंभीर

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जल सत्याग्रह का 24वां दिन : सत्याग्रहियों के पैरों की हालत गंभीर

Posted by संघर्ष संवाद on सोमवार, मई 04, 2015


आज 4 मई को 24 वें दिन जल सत्याग्रह जारी है, स्वास्थ्य बहुत ज्यादा ख़राब हो रहा है पर अपने हक के लिए लड़ने का उत्साह अभी भी है । निरंतर स्वस्थ ख़राब होने के बावजूद लोगो में लड़ने की शक्ति बढ़ती जा रही है । नर्मदा बचाओ आन्दोलन की विज्ञप्ति; - 

घोगलगाँव में ओम्कारेश्वर डूब प्रभावितों का जल सत्याग्रह 23 दिन बाद भी पुरे उत्साह से जारी रहा। 

आज 23वें दिन जिला चिकित्सा अधिकारी खंडवा डा. आर सी पनिका ने फिर से घोगल गाँव पहुँच कर सत्याग्रहियों के पैरों की जाँच की और बताया की 23 लोगों के पैरों की हालत
अति गंभीर है। पैरों की ऊपर की खाल निकल गयी है।उन्होंने सुजन और खुजली की शिकायत भी पायी । उन्होंने अग्राह किया की सत्याग्रही इलाज ले लें, पर सभी सत्याग्रही इलाज न करने की अपनी बात पर कायम हैं । -
वही आज सत्याग्रह कर रहे लोगों की हालत बहुत ज्यादा ख़राब हो गयी है , उन्हें चलने और खड़े रहने में भी बहुत तकलीफ  हो रही है ।कुछ लोगों को शौच इत्यादि के लिए भी उन्हें उठा कर ले जाना पड़ रहा है । उनके पैर गल गए है और अत्याधिक पीड़ा हो रही है नर्मदा बचाओ आन्दोलन की वरिष्ट कार्यकर्ता चितरुपा पालित ने बताया की जहाँ तक विस्थापितों के पुनर्वास का प्रश्न है, ओम्कारेश्वर बांध बना रही सरकारी कंपनी एन एच डी सी ने आज तक जितना लाभ कमाया है उसमे से ही सम्पूर्ण पुनर्वास हो सकता है। उल्लेखनीय है कि गत वर्षों में बांध का निर्माण कर रही सरकारी एन एच डी सी कंपनी ने ओम्कारेश्वर और इंदिरा सागर बांध से लगभग 4000 करोड़ रूपये का शुद्ध मुनाफा कमाया है। यह मुनाफा जिन विस्थापितों के सर्वस्व त्याग के बाद कमाया है यदि इसका एक हिस्सा ही पुनर्वास पर खर्च किया जाये तो सभी प्रभावितों का सम्पूर्ण पुनर्वास हो सकता है। अतः स्पष्ट है कि सरकार के पास संसाधनों की कमी नहीं है कमी है तो इच्छा शक्ति की। सरकार को अपनी इच्छा शक्ति दिखाते हुए तत्काल सभी प्रभावितों का पुनर्वास पूरा करना चाहिए। आज भोपाल में भी अलग अलग संघठनो एवं समूहों द्वारा भोपाल के बड़े तालाब के पास जल सत्याग्रह के समर्थन में प्रदर्शन किया गया और हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया । प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया की बिना पुनर्वास डूब लाना अन्याय है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अहवेलना भी है । वही प्रदर्शन कारियों ने सैकड़ों लोगो को इस मुद्दे से अवगत भी करवाया । - See more at: http://www.sangharshsamvad.org/2015/05/24.html#sthash.lGlveGxi.dpuf


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