Press note Ektaparishad Fasting जमीन सिर्फ उद्योगपतियों की नही, देश की जनता की है : राजेन्द्र सिंह
दिनांक : 28 अप्रैल, 2015
प्रेस विज्ञप्ति
प्रति,
संपादक महोदय,
भोपाल।
ऽ जमीन सिर्फ उद्योगपतियों की नही, देश की जनता की है : राजेन्द्र सिंह
ऽ 15 लाख की जमीन डेढ़ लाख में अधिग्रहित कर रही है सरकार : लक्ष्मण सिंह
ऽ भूमि के मुद्दे पर राजगोपाल का उपवास जारी
भोपाल। पहले जिनके पास जमीन नहीं थी, वे जमीन हासिल करने के लिए लड़ाई लड़ रहे थे, अब किसानों को अपनी जमीन बचाने के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है। न तो भूमिहीनों को जमीन मिल रहा है और न ही सरकार किसानों की जमीन को सुरक्षित रखने का कानून ला रही है। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पूंजीपतियों को लाभ दिलाने के लिए लाया गया है। इसके खिलाफ संघर्ष चल रहा है। जमीन सिर्फ अडानी, अंबानी या दूसरे उद्योगपतियों के लिए नहीं है, बल्कि जमीन पूरे देश की जनता की है। मोदी ऐसे तानाशाह हैं, जो किसी की नहीं सुनते।
उक्त बातें आज जल बिरादरी से जुड़े पर्यावरणविद् राजेन्द्र सिंह ने एकता परिषद द्वारा मध्यप्रदेश में जमीन संबंधी समस्याओं के निराकरण नहीं होने पर प्रसिद्ध गांधीवादी एवं एकता प्रसिद्ध के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. व अन्य 20 साथियों द्वारा भोपाल के नीलम पार्क में चल रहे चार दिवसीय उपवास और धरने के समर्थन में कही। धरने में प्रदेश भर से आए सैकड़ों किसान शामिल हैं। श्री सिंह ने कहा कि जल, जंगल और जमीन को बाजार के नजरिए से देखने के कारण ऐसे कानून सरकारें ला रही हैं, जिससे वंचित समुदाय के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने धरने को समर्थन देते हुए सभा में कहा कि सरकार किसानों की जमीन जबर्दस्ती अधिग्रहण करने के लिए कानून ला रही है। 15 लाख की जमीन की कीमत सरकार डेढ़ लाख रुपए लगा रही है। प्रदेश सरकार राजगढ़ में सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए 6000 एकड़ जमीन लेना चाहती है, पर हम उसका विरोध कर रहे हैं। सोहावलपुर में एक नदी को सरकार ने कंपनी को दे दिया अब वह कंपनी किसानों को नदी से पानी नहीं लेने दे रही है। आज देश में भूमि अधिग्रहण कानून की नहीं बल्कि संपत्ति अधिग्रहण कानून की जरूरत है। सारे दौलतमंदों की संपत्ति अधिग्रहित कर जरूरतमंदों को देना चाहिए।
उपवास एवं धरने में देश एवं प्रदेश के वरिष्ठ राजनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश के विभिन्न संगठन एवं राजनीतिक दल धरने पर आकर समर्थन व्यक्त कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा, कांग्रेस नेता मुकेश नायक, किसान नेता शिवकुमार शर्मा, राजनेता शरद कुमरे सहित कई लोगों ने समर्थन व्यक्त किया। श्री राजगोपाल ने कहा कि समग्र विकास के लिए भूमि सुधार आयोग एवं टास्क फोर्स आज की सबसे बड़ी जरूरत है। एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार ने बताया कि कल सुबह 10 बजे शाहजहांनी पार्क से 2000 लोगों की रैली निकाली जाएगी और 11 बजे से नीलम पार्क में आम सभ कर उपवास का समापन किया जाएगा।
भवदीय
दीपक अग्रवाल, प्रांतीय संयोजक, एकता परिषद, मोबाइल - 9425735037
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प्रेस विज्ञप्ति
प्रति,
संपादक महोदय,
भोपाल।
ऽ जमीन सिर्फ उद्योगपतियों की नही, देश की जनता की है : राजेन्द्र सिंह
ऽ 15 लाख की जमीन डेढ़ लाख में अधिग्रहित कर रही है सरकार : लक्ष्मण सिंह
ऽ भूमि के मुद्दे पर राजगोपाल का उपवास जारी
भोपाल। पहले जिनके पास जमीन नहीं थी, वे जमीन हासिल करने के लिए लड़ाई लड़ रहे थे, अब किसानों को अपनी जमीन बचाने के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है। न तो भूमिहीनों को जमीन मिल रहा है और न ही सरकार किसानों की जमीन को सुरक्षित रखने का कानून ला रही है। भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पूंजीपतियों को लाभ दिलाने के लिए लाया गया है। इसके खिलाफ संघर्ष चल रहा है। जमीन सिर्फ अडानी, अंबानी या दूसरे उद्योगपतियों के लिए नहीं है, बल्कि जमीन पूरे देश की जनता की है। मोदी ऐसे तानाशाह हैं, जो किसी की नहीं सुनते।
उक्त बातें आज जल बिरादरी से जुड़े पर्यावरणविद् राजेन्द्र सिंह ने एकता परिषद द्वारा मध्यप्रदेश में जमीन संबंधी समस्याओं के निराकरण नहीं होने पर प्रसिद्ध गांधीवादी एवं एकता प्रसिद्ध के संस्थापक राजगोपाल पी.व्ही. व अन्य 20 साथियों द्वारा भोपाल के नीलम पार्क में चल रहे चार दिवसीय उपवास और धरने के समर्थन में कही। धरने में प्रदेश भर से आए सैकड़ों किसान शामिल हैं। श्री सिंह ने कहा कि जल, जंगल और जमीन को बाजार के नजरिए से देखने के कारण ऐसे कानून सरकारें ला रही हैं, जिससे वंचित समुदाय के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने धरने को समर्थन देते हुए सभा में कहा कि सरकार किसानों की जमीन जबर्दस्ती अधिग्रहण करने के लिए कानून ला रही है। 15 लाख की जमीन की कीमत सरकार डेढ़ लाख रुपए लगा रही है। प्रदेश सरकार राजगढ़ में सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए 6000 एकड़ जमीन लेना चाहती है, पर हम उसका विरोध कर रहे हैं। सोहावलपुर में एक नदी को सरकार ने कंपनी को दे दिया अब वह कंपनी किसानों को नदी से पानी नहीं लेने दे रही है। आज देश में भूमि अधिग्रहण कानून की नहीं बल्कि संपत्ति अधिग्रहण कानून की जरूरत है। सारे दौलतमंदों की संपत्ति अधिग्रहित कर जरूरतमंदों को देना चाहिए।
उपवास एवं धरने में देश एवं प्रदेश के वरिष्ठ राजनेता एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का समर्थन लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश के विभिन्न संगठन एवं राजनीतिक दल धरने पर आकर समर्थन व्यक्त कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा, कांग्रेस नेता मुकेश नायक, किसान नेता शिवकुमार शर्मा, राजनेता शरद कुमरे सहित कई लोगों ने समर्थन व्यक्त किया। श्री राजगोपाल ने कहा कि समग्र विकास के लिए भूमि सुधार आयोग एवं टास्क फोर्स आज की सबसे बड़ी जरूरत है। एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार ने बताया कि कल सुबह 10 बजे शाहजहांनी पार्क से 2000 लोगों की रैली निकाली जाएगी और 11 बजे से नीलम पार्क में आम सभ कर उपवास का समापन किया जाएगा।
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Gandhi Bhavan, 2/3A,2nd Floor,
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0755- 4223821 011-24373998/9
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