दिनांक : 24 अप्रैल, 2015
प्रेस विज्ञप्ति
प्रति,
संपादक महोदय,
भोपाल।
ऽ एकता परिषद के उपवास में देश भर से समर्थन देने आएंगे आंदोलनकारी
ऽ भूमिहीनों व किसानों के साथ सरकार के वादाखिलाफी के विरोध में प्रसिद्ध
गांधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. के नेतृत्व में 500 अदिवासी किसानों का
भोपाल में 26 से धरना और उपवास
भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले कुछ सालों में गरीबों, आदिवासियों,
किसानों और भूमिहीनों के लिए बहुत सारी घोषणाएं की हैं, पर उस अमल नहीं
किया है, पर आदिवासियों के जंगल और किसानों के खेत आसानी से उद्योगपतियों
को हवाले करने के लिए नियम-कानून बना रही है। सरकार के इस वादाखिलाफी के
विरोध में प्रसिद्ध गांधीवादी राजगोपाल पी.व्ही. 500 आदिवासियों एवं
किसानों के साथ 26 अप्रैल से भोपाल के नीलम पार्क में सामूहिक उपवास के
साथ धरना देंगे। आदिवासियों और वंचितों के लिए अहिंसात्मक रूप से
संघर्षरत एकता परिषद के इस धरना में देश भर से कई वरिष्ठ सामाजिक
कार्यकर्ता, राजनेता एवं जनप्रतिनिधि समर्थन देने आएंगे। धरना में पूर्व
केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान, राजनीतिक चिंतक एवं स्वाभिमान आंदोलन
के संस्थापक के.एन. गोविंदाचार्य, जल बिरादरी के राजेंद्र सिंह, लोक
संघर्ष मोर्चा की सुश्री प्रतिभा शिंदे, किसान संघर्ष समिति के संस्थापक
पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम्, किसान मजदूर प्रजा पार्टी के संस्थापक शिव
कुमार शर्मा 'कक्काजी'सहित कई वरिष्ठजन शामिल होंगे। धरने के अंतिम दिन
29 अप्र्रैल को प्रदेश से 2000 लोग आकर रैली निकालेंगे। भोपाल में आयोजित
धरने के समर्थन में प्रदेश के लगभग 30 जिलों में एकता परिषद के नेतृत्व
में किसान एवं आदिवासी धरना और उपवास करेंगे।
एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रनसिंह परमार ने कहा कि एक ओर भारत
सरकार भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के माध्यम से किसानों की जमीन छिनने का काम
कर रही है, जिससे देश भर के किसान चिंतित हैं और आंदोलन कर रहे हैं, तो
दूसरी ओर प्रदेश सरकार भी अब उसी राह पर चलते हुए कृषि भूमि को गैर कृषि
के कार्यों के लिए उपयोग में बदलना आसान कर खेती-किसानी को चौपट करने पर
तूली हुई है।
एकता परिषद के राष्ट्रीय संयोजक अनीष कुमार ने कहा कि एकता परिषद द्वारा
आयोजित जनादेश 2007 एवं जनसत्याग्रह 2012 में प्रदेश के मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने गरीब एवं आदिवासियों को जमीन देने, पट्टे से जुड़ी
विसंगतियां सुधारने, आवासहीनों को उनके निवास स्थान पर घर देने की बात की
थी, पर भूमिहीनों को भूमि मालिक एवं आवासहीनों को घर देने के बजाय
किसानों को भूमिहीन बनाने की प्रक्रिया पर जोर दे रही है। सरकार ने यदि
जल्द ही गरीबों, वंचितों एवं आदिवासियों के हित में काम करना शुरू नहीं
किया, तो एकता परिषद इससे भी बड़ा आंदोलन करेगा।
भवदीय
दीपक अग्रवाल, प्रांतीयय संयोजक, एकता परिषद, मोबाइल - 9425735037