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ठेंगे पे सियासत … लफ़्फ़ाज़ी की हुकूमत ! ससुरा जइसन काश्मीर दखल कर लीन्हीं,वइसन ही बंगाल आउर दिेहलिवा दखल कर लिहिस,धखत रह।एको सीट इधर उधर होने दे बै चैतू,फिर वही पताका हिंदी हिंदू हिदुस्तान,सारे जहां से अच्छा कत्लगाह यह। त अबहु वैलेंटाइन डे वैदिकी हो गइल।प्रेम त चाहि तो विधर्मी पार्टनर पटाये चाहि।फिन उनर घर वापसी उपरांते विवाह वैध,प्रेम वैध। धर्मांतरण धर्म स्वतंत्रता बन गइल। सर्वधर्म प्रार्थना जारी रहिस। ससुरे अंतरजातीय प्रेम आउर अंतरजातीय विवाह कै एइसन कैंपेन करै तो बाबासाहेब आंबेडकर तर जइहैं,जातो पांतो ना रहै। अंतरजातीय विवाहे खातेर लव नाही। अंतरजातीय विवाह वास्ते वैलेंटाइन डे नाही। मनुस्मृति अनुशासन बहाल चाहि। पलाश विश्वास

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ठेंगे पे सियासत … लफ़्फ़ाज़ी की हुकूमत !

ससुरा जइसन काश्मीर दखल कर लीन्हीं,वइसन ही बंगाल आउर दिेहलिवा दखल कर लिहिस,धखत रह।एको सीट इधर उधर होने दे बै चैतू,फिर वही पताका हिंदी हिंदू हिदुस्तान,सारे जहां से अच्छा कत्लगाह यह।


त अबहु वैलेंटाइन डे वैदिकी हो गइल।प्रेम त चाहि तो विधर्मी पार्टनर पटाये चाहि।फिन उनरघर वापसी उपरांते विवाह वैध,प्रेम वैध।


धर्मांतरण धर्म स्वतंत्रता बन गइल।

सर्वधर्म प्रार्थना जारी रहिस।

ससुरे अंतरजातीय प्रेम आउर अंतरजातीय विवाह कै एइसन कैंपेन करै तो बाबासाहेब आंबेडकर तर जइहैं,जातो पांतो ना रहै।

अंतरजातीय विवाहे खातेर लव नाही।

अंतरजातीय विवाह वास्ते वैलेंटाइन डे नाही।

मनुस्मृति अनुशासन बहाल चाहि।


पलाश विश्वास

चैतू बै कहां कहां भटकल ह,कथे कथे जात ह।बड़का मउका आ गइल हो।

चनाजोर गरम खबर हके आरआरऐश वैलेंटाइन डे मनावल चाहे ।


मीडिया खबर ह के 14 फरवरी को आने वाले वैलेंटाइन डे अर्थात प्रणय दिवस पर अखिल भारतीय हिन्दू महासभा प्यार करने वाले जोड़ों को विवाह बंधन में बांधने का कार्य करेगी। हालांकि यह धर्मान्तरण कार्यक्रम का ही एक हिस्सा होगा, लिहाजा महासभा ने प्रणय दिवस जैसा विशेष दिवस चुना है।


बताया गया है कि महासभा अपने इस कार्यक्रम के तहत अंतरजातीय जोडों का स्वागत करेगी और इसके लिये महासभा ने अपने कार्यालय में शादी कराने का भी निश्चय किया है।


महासभा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश कौशिक ने बताया कि प्रणय दिवस को प्रेम विवाह दिवस के रूप् में मनाया जायेगा, ताकि यह दिन यादगार साबित हो सके।


हमउ सोच रहल वानी के आपण गुरुजी जो हर साल मंदाकिनी नंदाकिनी मनमोहिनी दर्शन खातिरे कड़ाके की सर्जी मा पच्चीस साल से गंगासागर बिना नहाय जावत रहिन,उनर क्रिया कर्म भी हो जाई।


विधर्मी आबादी हो हमार दप्तर आस पास भौते।

आरआरऐश बंगाल मा वैलेंटाइन डे मनावल रहि तो भागवत महाराज हमार गुरुजी खातिर दुल्हन कोई खोजि निकालो।

जौन विधर्मी होय,उकर घर वापसी हो जाई तो फिन केसरिया हो जायई सगरा बंगाल।


राहुल सिन्हा साहेब,सिद्धार्थ सिंह भागमबाग किरपा कर दी तो शारदा फर्जीवाड़ा मध्ये हमउ खातिर एको गुरुमाता मिल जाइब।


उदय प्रकाश भइया बड़का लेखक हुआ करै बै चैतू।

फेसबुक ओपन करते ही उनर फोटू धांसू और ई उनर झन्नाटा  मंतव्य के ठेंगे पे सियासत … लफ़्फ़ाज़ी की हुकूमत ! फटाके से लिख दिहिस,यूज करलन वानी।


एकदम सटीक चित्र है जनता जनार्दन को ठेंगा का।


सगरे खिलाड़ी राजनीति के बुरबक बनाये जात ।

बनाये जात त हम कहां तक खनै रहबै गढ़वा आपण खातिर।


गिरै का कोई हद्द होईबे चाहि।

वक्त आ गइलन,डढ़वा से निकर बै ,चैतू।


जो खना है,सो तोप दे उनर कब्र बनाइके।

फिर नाच उसपर दमादम मस्त कलंदर।


हमार वोट उनर नोटे आगे फेल ह।

ससुरा जइसन काश्मीर दखल कर लीन्हीं,वइसन ही बंगाल आउर दिेहलिवा दखल कर लिहिस,देखत रह।


एको सीटइधर उधर होने दे बै चैतू,फिर वही पताका हिंदी हिंदू हिदुस्तान,सारे जहां से अच्छा कत्लगाह यह।


आइडिया खातिर उदय भाई का आभार।पहिले उनर दर्शन फिर आपण रामलीला।महाभारत गीता महोत्सव और वैलेंटाइन डे एकमुश्त।

Uday Prakash

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ठेंगे पे सियासत … लफ़्फ़ाज़ी की हुकूमत !

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ठेंगे पे सियासत …  लफ़्फ़ाज़ी की हुकूमत !  :)



बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह

रविवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाहकी मौजूदगी में करीब 100 से ज्यादा कंपनियों के सीईओ और कॉरपोरेट हस्तियों ने बीजेपी का दामन थाम लिया. पार्टी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति इस बात का दावा किया गया है.

बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर की अगुवाई में आयोजित इस कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहित राष्ट्रीय सचिव अरुण सिंह भी मौजूद थे. बीजेपी में शामिल होने वाले सीईओ में नीता अग्रवाल (AT&T), जसमीत लांबा (Icon Technology), कपिल कुमरिया (Corporate Alliance), अनिल पराशर (Inter Globe) के साथ साथ बैंक ऑफ अमेरिका, रेडिफ, हेनीबेल, स्पाइस जेट, ग्लोबल इंटरनेशनल, बंबार्डियर, स्टारहुड होटल्स और डेल्फाई जैसी कंपनियों के प्रमुख उपस्थित थे.

कॉरपोरेट जगत के शीर्षस्थ लोगों को बीजेपी का सदस्य बनाते हुए अमित शाह ने कहा, 'बीजेपी ना सिर्फ एक दल है बल्कि एक परिवार है और आप सब उस परिवार का हिस्सा बन रहे हैं'. अमित शाह ने कॉरपोरेट जगत के लोगों से आह्वाहन किया कि वो अधिक से अधिक संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन करें और देश के युवा शक्ति को रोजगार उपलब्ध कराएं.

शाह ने इस दौरान मोदी सरकार के आठ महीने के कार्यकाल के बारे में भी बताया. शाह ने कहा, 'आठ महीने में बीजेपी की नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में देश आगे बढ़ा है. बीजेपी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों जैसे स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया ने स्वरूप लेना शुरू कर दिया है और इसके बेहतरीन परिणाम सामने आएंगे. इन प्रोजेक्ट्स में कॉरपोरेट जगत को सहयोग करना चाहिए. उनके सहयोग से देश के विकास को गति मिलेगी. आज नरेंद्र मोदी के नेतृत्व क्षमता का ही परिणाम है कि दुनियाभर की कंपनियां भारत में व्यापार करने को आतुर हो रही हैं.'

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बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष और सांसद अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर कॉर्पोरेट जगत की नामचीन हस्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि कॉरपोरेट प्रोफेशनल्स के बीजेपी के साथ जुड़ने से पार्टी को एक नई गति मिलेगी.



और भी... http://aajtak.intoday.in/story/over-100-corporate-leaders-professionals-join-party-bjp-1-797712.html


कहत वानी देहलिवा मा फर्स्ट क्लास चुनाव बा।

मतबल के उथे जौन चुनाव होइखे,उ डिजिटल बायोमैट्रिक रोबोटिक क्लोनी ड्रोन वगैरह वगैरह जो होई सो होई।


विकास गाथा का मजा ई ह कि परिभाषा और पैमाना बदल दी तो ग्रोथे ग्रोथ ह,उत्पादने उत्पादन ह फिन कागजो मा गरीबी उन्मलन क्रिया कर्म निबट जाई।


जनता जनार्दन वास्ते ठेंगा तय होइबै करै ह।


मसलन जीडीपी के बेस ईयर में बदलाव किया गया है। सरकार ने बेस ईयर वित्त वर्ष 2005 से बदलकर वित्त वर्ष 2012 किया है। अब जीडीपी आकलन में ग्लोबल मार्केट प्राइस पर फोकस रहेगा।


बेस ईयर में बदलाव के असर से पिछले 2 वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ, जारी आंकड़ों से बेहतर हो गई है। वित्त वर्ष 2013 जीडीपी ग्रोथ 0.4 फीसदी बढ़ाकर 4.9 फीसदी की गई है। वहीं वित्त वर्ष 2014 जीडीपी ग्रोथ 4.7 फीसदी से बढ़ाकर 6.6 फीसदी की गई है। वित्त वर्ष 2014 की रियल जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी से संशोधित कर 6.9 फीसदी की गई

है।

एकर दूसरा पहलू भी देख लीज्यो महाराज के वाकस दर तेज हो गइलन पण जनवरी में घरेलू इंडस्ट्री की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है। एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स 3 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। जनवरी में पीएमआई इंडेक्स 53 के नीचे चला गया जबकि दिसंबर में ये 2 साल की ऊंचाई 54.5 के स्तर के आसपास था। जनवरी में एचएसबीसी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स 52.9 रहा। हालांकि इसका 50 के ऊपर बने रहना इस बात का संकेत है कि घरेलू और विदेशी बाजारों से ऑर्डर आ रहे हैं लेकिन उनकी रफ्तार धीमी है।


एचएसबीसी के सर्वे के मुताबिक नए फैक्ट्री ऑर्डर कम भाव पर आए हैं जबकि इंडस्ट्री की ओर से मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स के दाम में मामूली बढ़ोतरी की गई थी। जनवरी में विदेशी बाजारों में खासकर यूरोजोन से भी मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की मांग में कमी दिखी।



मैन्यूफैक्चरिंग, होटल की वजह से आंकड़ों में ज्यादा संशोधन हुआ है। वित्त वर्ष 2014 में मैन्यूफैक्चरिंग ग्रोथ 0.2 फीसदी बढ़ाकर 5.8 फीसदी की गई है और इसी दौरान होटल सेक्टर ग्रोथ 1 फीसदी बढ़ाकर 12.3 फीसदी की गई है। मैन्युफैक्चरिंग की बेहतर ग्रोथ से जीडीपी में इंडस्ट्री का योगदान बढ़ा है। वित्त वर्ष 2012, वित्त वर्ष 2013 के लिए वित्तीय घाटे और करेंट अकाउंट घाटे में 0.1 फीसदी की बढ़त हो गई है। वित्त वर्ष 2014 के वित्तीय घाटे और करेंट अकाउंट आंकड़ो में खास बदलाव नहीं हुआ है।


सचमुच किरण बेदी देश की पहली महिला आइपीएस है एक बहुत पुरानी कतरन पेश है !

टाइम्स आफ इण्डिया 1957

क्या सचमुच किरण बेदी देश की पहली महिला आइपीएस है एक बहुत पुरानी कतरन पेश है !  टाइम्स आफ इण्डिया 1957




ना जाने सुषमा को मिशेल से छुपाइके किस गरज से देहलिवा से हटाइके किरण जलवा बिखेरे फेंकू शो मस्त चल रहल वानी।


ई कहत है प्याजे माफिक राजनय है।

स्ट्रैटेजिक गोलबंदी अमेरिका और इजराइल सातथे तो कैलाश मानरोवर मा मोदी की जयजात्रा खातिरे चाइना साथे कारोबारी वार्ता हेतु  दलित महिला सुजाता सिंह को विदेश सचिव पदमुक्त कर दिहिस ।


फिन जयशंकर जो चाइना एक्सपर्ट बाड़न,सुषमा साथ उथे नत्थी कर दिहिस।


Sushma Swaraj, Sushma Visit China, Sushma Talk Wang

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "दोनों अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे देश में निवेश के लिये आगे बढ़ रही हैं।'' (फ़ोटो-पीटीआई)


सुषमा नाही बाकी ससुर सगरे मंत्री सांसद,वित्तमंत्री ,सीरियल बहू,परधानमंत्री कैंप डाल ह देहलिवा मा के फर्स्टक्लास राजधानी के सुपर नागरिकों के लिए फर्स्ट क्लास सरकार चुनल चाहि।


उ सगरे देश के ध्वस्त जनपदों के जइसन भूक्खड़ नंगो जनता नाही।


ना पीपली लाइव शो गुंजाइशो है।

नत्थू बेभाव,बैमौत धमाको मा मर जाई तो कछु लाइव ना होई।


थोड़ भौत मजा शाजिया इल्मी की केसरिया बहार जो जस्टिस काटजू ने बिखेरी ,फिन  क्रेनकी जो हवा पंक्चर होई और कौनो निर्मल सिंह का बाइट मिलल,ई गरम मसाला है।


बाकीर चिकन कबाबो ह।


आपैक चुनाव घोषमा पत्र देख लीजौ,बाकीर देश मा आम नागरिकौ के किस्मत मा एइसन धूम धड़का का।



बाकी जो ठेंगा हुइबे करै बारकीर देश खातिर ,वहींच ठेंगा देहलिवा में खूंटी बन गइलन।


पिछलका चुनाव मा जइसन ठेंगा देखलन,ई चुनाव मा फिर वहींच ठेंगा।


बंगाल मा नाटक जम रहल बा।

मुक्त मुकुल तो बंद मातंग।

दीदी जेहादे मा।


दीदी जो माटी उत्सव करलन बाड़न,उमा विभीषण फसल लहलहायो के कोलकाता मा केसरिया लहरायो।

मतुआ पुत्तर सुब्रत ठाकुर कहलन बाड़ा के पिटा गयो रे।सिमपैथी लहर वानी।

भीतरघात अंदेशा आउरे बा।


देहलिवा मा संतन दरबारे झगड़ा भारी।

भीतरघाते वाइरल बंगाल मार्फते संक्रमित ह।

सबै किरण बेदी को धूल चटावल वास्ते गोलबंद बा,दुश्मनो खेमे मा ई जोर हल्ला ह।


फिन देख ई मीडिया खबर के  दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को लगा है बड़ा झटका। पार्टी की ओर से सीएम पद की प्रत्याशी किरण बेदी के प्रचार प्रमुख नरेंद्र टंडन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि," मैं भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं पिछले लगभग 30 साल से बीजेपी से जुड़ा रहा हूं और पार्टी के विभिन्न पदों पर रहा हूं। लेकिन आज जिस तरह किरण बेदी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है, मैं उससे आहत हूं।"


फिन ई हिंदुत्व का का का बहार होइखे मसलन के राजधानी दिल्ली के वसंतकुंज इलाके के एक चर्च में तोड़फोड़ की गई है।


दिसंबर से अब तक राजधानी में चर्चों को निशाना बनाए जाने की ये पांचवीं वारदात है, सेंट एल्फोंसा चर्च के सदस्यों के मुताबिक तड़के कुछ अज्ञात लोग दीवार फांदकर चर्च के अंदर घुस आए और काफी तोड़फोड़ की। हालांकि पुलिस ने तोड़फोड़ की बात से इनकार किया है और उसका कहना है कि ये चोरी की घटना है। लेकिन चर्च के फादर इसे तोड़फोड़ की घटना बता रहे हैं। इस खबर के सामने आने के बाद केरल के गृहमंत्री ने सरकार से दखल की मांग की है और कहा है कि वो चर्चों को सुरक्षा देने के लिए गृहमंत्री से अपील करेंगे।


बाकीर बंगाल मा टोल फ्री नंबर घुमाइक केके बीजेपी हो गइलन,कुछो पता नाही।

बुक फेयरवा मा केसरिया ड्राइव पुरकश हो।

भारत अमेरिकी दोस्ती का परचम लहरायो।


देहलिवा मा सबै राम हनुमान होइखे चाहि त सीता मिया क वनवास चाहि।

त ओबामा का जलवा भी चाहि।


फर्स्ट क्लास का कहत बै चैतू,देहलिवा ग्लोबल हो गइलन।

मेट्रो सवारी करकै वैतरनी तर गइलन दिल्लीर वातानुकूलित आम आदमी।


बंगाल मा सबसे बढ़िया खबर तो ई ह के जो बाच्चा लोग भूख हड़ताल पर पांचे दिन बंद ह एशएशशी बिल्डंग मा और मीडिया बाइट ना मिलल,नौकरी मिलल के नाही मिलल कह ना सकत,पण अब उनन को भी मीडिया कवरेज मिलल हो।


चैतू तोर मस्त जलबा बै के होक आलोड़न ,होक कलरव गड़बड़झाला हुई गवा।

बेरोजगार भाई बहन वास्ते सड़क मा उतर गइलन स्टुडेंट सगरे।

पाशे आछे जादवपुर।


बुक फेयर मा कल ही भारत अमेरिका ब्रिज बनाउल कातिर राजनय पर किताबो एक अमेरिकी राजदूत तान दिहिस।


सुबहोसुबह अखबार बांचिकै सविता बाबू मचल गयी रहिस। ताना जो मारन भूल गइलन,उकर जलवा बिखरल कहत का के उनका बुक फेयरवा मा जाइब चाहि।


ससुरा पचास लाख एक करोड़ फ्लैटवा मा रहलन बाड़न सखीवृंद सगरी रोजै कारौ मा पिकनिक मना रहिस बुक फेयरवा मा।


रामकृष्ण चरणामृत पढ़ रहिस सविता बाबू।

के चाहि के मिशन मा घर वापसी जरुरी बा।


हम तो पति वति नइखे अबहुं।

लिव इन ह।

फ्रेंडली गवर्नेंस ह।

मुक्त बाजार त जौन दुकान मा जेकर मन करै,जावै,हम काहे रोकी।


पहेली हमर खातिर ई ह के हिंदुत्व खातिर जौन ई मिशन ह,उमा दुई दुई दफा अर्जी डालै पर हिंदुत्व ह्रदय सम्राट को दीक्षा काहे ना मिलल।

बूझो तो बताइयो।


तेली दर्शन अबहुं राजदर्शन हो गइलस सो मिशन रेड कार्पेट सजा रहिस।


पहेली हमर खातिर ई ह के जौन मछुआरा कन्या रानी रासमणि रही,जिनने दक्षिणेश्वर मा रामकृ्ष्ण धाम बनावल ह ।

फिन जां विवेकानंद अवतार होई।

उनर नामोनिसान नाही बेलुर मा।

दक्षिमेश्वर मा मंदिरसम्मुखे जौन रासमणि मंदिर ह,उथे कोई माल चढ़बै ना करै,चैतू बै।


इथे उ नजारा होय ,उथे पुरखौती  मा जो नजारा होय।

आदिवासी पुरखौती मा समा गइलन।

सैकड़ों आदिवासी गांव उजाड़।

जल जंगल जमीन उजाड़।


मस्त कारोबार तेज बत्तीवाला।

दुलारो बाबा चमकल ह।

बांधलि आश्रमे मस्त मस्त।

वैलेंटाइन डे टालू आहे।


चमचमाचम उ बहाऱ वइसन के हिंदी बांग्ला तमामो न्यूज चैनल ब्राउज करके हार गइलन हम,ससुरे हर कहीं शापिंग माल वानी।

कोनो ना कोनो ताबीजयजंत्र मंत्र आयुर्वेद महिमा बिखेरत ह।

न्यूज सिरे से गायब।


पर्दा मा स्क्रालिंगओ गायब।

टोल फ्री नंबर ह।


मुक्त बाजार मा एको नंबर ठोंकिके जो चाहि बेच देब।

मुक्त बाजार मा एको नंबर टोंकिके जो चाहि खरीद लेबो।

मुहब्बतो नीलाम ह।


गुजरात वाइब्रेंट अब दिशा ह,दशा ह।

डालरो मा कारोबार होइबे करै गुजरातमा।

देश बेचल वास्ते वहींच एक्सचेंजवा बन रहिल सेजवा मा।


अबहुं आरआरऐश का नयका फंडा होय।

लव जेहाद इति।

घर वापसी जारी बा।


अबहुं जौन वैलेंटाइल ढेर विरोध करत रहि,मराल पुलिस बजरंगी होइखै रहि,उ आयुर्वेदिक कैंसर मधुमेह चिकित्सा के वैदिकी गणित और वैदिकी साइंस के वैदिकी इतिहास वृतांत जइसन अब वैलंटाइन डे मनावल चाहि।


प्रेम पुजारी तो उ आसाराम बापू भी रहै।

रामदेवो बाबा कपाल भाति योग मार्फते आयुर्वेद कारपोरेट बन गइलन।


त अबहु वैलेंटाइन डे वैदिकी हो गइल।

प्रेम त चाहि तो विधर्मी पार्टनर पटाये चाहि।

फिन उनर घर वापसी उपरांते विवाह वैध,प्रेम वैध।


धर्मांतरण धर्म स्वतंत्रता बन गइल।

सर्वधर्म प्रार्थना जारी रहिस।


ससुरे अंतरजातीय प्रेम आउर अंतरजातीय विवाह कै एइसन कैंपेन करै तो बाबासाहेब आंबेडकर तर जइहैं,जातो पांतो ना रहै।


अंतरजातीय विवाहे खातेर लव नाही।

अंतरजातीय विवाह वास्ते वैलेंटाइन डे नाही।


मनुस्मृति अनुशासन बहाल चाहि।


मैसूरू। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवतने विविधता का उत्सव मनाने तथा धार्मिक आधार पर भेदभाव नहीं करने की अपील की है। रविवार को यहां गणपति सçच्चदानंद आश्रम के परिसर में रविवार को इंटरनेशनल सेंटर फॉर कल्चरल स्टडीज (आईएससीएस) के तत्वावधान में आयोजित बुजुगोंü के पांचवें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विविधता का उत्सव मनाया जाना चाहिए न कि उसका विरोध होना चाहिए। सभी को साथ लेकर चलने का रास्ता तलाशना चाहिए। संघ प्रमुख का यह बयान ऎसे वक्त में आया है, जब आरएसएस के आनुषांगिक संगठन घर वापसी (पुन:धमांüतरण) को लेकर …



सर्वधर्म भाव का नजारा वइसन ह जइसन मसलने के बीजेपी के नेताओं के द्वारा विवादित बयान देने का सिलसिला एक बार फिर से शुरू हो गया है। हांलाकि इस पर पीएम मोदी ने भी हिदायत दे रखी है कि सांसद विवादित बयानों से बचें। बावजूद इसके बीजेपी नेताओं का विवादित बयान देने का सिलसिला जारी है।


एक सम्मेलन में बीजेपी नेता साध्वी प्राची ने एक बार फिर से विवादित बयान देकर सनसनी फैला दी है। साध्वी प्राची ने जोर देकर कहा कि आज देश की जरूरत है कि हिंदू चार बच्चे पैदा करे। उन्होंने कहा कि चार बच्चे ही पैदा करने को कहा है 40 पिल्ले नहीं। प्राची ने कहा कि लव जिहाद करनेवाले 40 पिल्ले पैदा कर रहे हैं।


विश्व हिंदू परिषद के सम्मेलन में साध्वी प्राची ने ऐलान किया कि जो हिंदू चार या उनसे ज्यादा बच्चे पैदा करेंगे, उन लोगों का सम्मान किया जाएगा। ऐलान के बाद साध्वी प्राची ने मंच पर कुछ लोगों को बुलाया जिनके चार बच्चे थे और उनका सम्मान भी किया। प्राची ने बेटी बचाओ और बहू लाओ का नारा भी दिया। प्राची ने जामा मस्जिद के शाही इमाम और यूपी के मंत्री आजम खान को घर वापसी का न्यौता भी दे दिया। वहीं साध्वी के इस बयान के बारे में जब बीजेपी से पूंछा गया तो पार्टी ने खुद को इस बयानबाजी से अलग कर लिया।

खबर ई भी नवभारत टाइम्स मध्ये जोरगदार रहिसः


जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटियां बचाने के लिए लोगों से भीख मांग रहे हैं, तब उनके घोर समर्थक योग गुरु बाबा रामदेव 'बेटा पैदा होने की दवाई' बेच रहे हैं। बेटा पैदा होने की दवाई को कोमा में इसलिए लिखा गया है क्योंकि यह दवाई ऐसा कहकर नहीं बेची जा रही है लेकिन इसका नाम बेहद भ्रामक है और ऐसा संदेश देता है कि इससे पुत्र पैदा होगा।


रामदेव के उत्पाद बेचने वाली पतंजलि फार्मेसी पर 'दिव्य पुत्रजीवक बीज' नाम का एक उत्पाद बिकता है जिसे नपुंसकता का इलाज बताया जाता है। सोशल मीडिया पर इस उत्पाद को लेकर बाबा रामदेव की खासी आलोचना हो रही है। हैरतअंगेज है कि यह दवा काफी सालों से बिक रही है। इस बारे में नवभारत टाइम्स डॉट कॉम ने 2011 में भी इस बारे में खबर छापी थी। उसे आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।


रामदेव की इन दुकानों पर यह दवाई 35 रुपये के पैकेट में मिलती है और कई दुकानदार दावा करते हैं कि इससे बेटा ही पैदा होता है। हालांकि पैकेट पर ऐसा कुछ नहीं लिखा है लेकिन ऐसे ग्राहकों की कमी नहीं है जो बेटे की उम्मीद में यह दवा खरीदते हैं।


रामदेव की पतंजलि फार्मेसी पर काम करने वाले डॉ. श्याम सुंदर ने टीवी चैनल एनडीटीवी को बताया, 'जिन्हें बेटा हो जाता है वे दूसरों से कहते हैं कि हमसे खरीदी दवाई से ही उन्हें बेटा मिला।' एनडीटीवी के मुताबिक श्याम सुंदर कहते हैं कि स्वामीजी से उन्हें यही संदेश मिला है कि जिन्हें बेटा नहीं होता वे पुत्रजीवक बीज खाएं।


इस दवा की खपत हरियाणा में काफी बताई जाती है जहां लिंग अनुपात देश में सबसे खराब है। यहीं प्रधानमंत्री मोदी ने 'बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ' योजना शुरू की है।

http://navbharattimes.indiatimes.com/india/in-name-of-ramdevs-infertility-cure-the-promise-of-a-boy-child/articleshow/46074030.cms




जाहिरै ह कि फर्स्ट  क्लास चुनाव नतीजे से सांढों की सेहत पर खास फर्क तो होइबै करै ह,सो इाकनामिक टाइम्स की यह रपट गौरेतलब हैः

राजेश मैस्करेनस, मुंबई


दिल्ली असेंबली इलेक्शन की जंग में बड़ी पार्टियों के नर्वस होने का असर दलाल स्ट्रीट पर भी महसूस किया जा रहा है । किसी राज्य के चुनावी नतीजों का राष्ट्रीय राजनीतिक समीकरण पर कोई खास असर तो नहीं पड़ता रहा है, लेकिन ब्रोकर्स और ऐनालिस्ट्स का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने अगर बीजेपी को पस्त कर दिया तो कुछ देर के लिए ही सही, मार्केट की सांस फूल सकती है।


स्टॉक मार्केट पार्टिसिपेंट्स को डर है कि अगर AAP ने बीजेपी को इस जंग में चित कर दिया तो दलाल स्ट्रीट पर कुछ बिकवाली देखने को मिल सकती है क्योंकि मार्केट का मानना है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी पॉप्युलिस्ट पॉलिसीज को फेवर करती है। हालांकि इन पार्टिसिपेंट्स का कहना है कि इसका असर ज्यादा नहीं होगा क्योंकि इनवेस्टर्स इसी महीने पेश होने वाले बजट के प्रो-मार्केट होने पर दांव लगा रहे हैं।


एंबिट कैपिटल के सीईओ (इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज) सौरभ मुखर्जी ने कहा, 'अगर AAP ने दिल्ली चुनाव जीता तो मार्केट की प्रतिक्रिया नकारात्मक हो सकती है। हालांकि यह शॉर्ट-टर्म प्रतिक्रिया ही होगी क्योंकि सेंट्रल गवर्नमेंट पर दिल्ली चुनाव का खास असर नहीं पड़ने वाला है।'


एबीपी न्यूज-नील्सन की ओर से 24 और 25 जनवरी के बीच कराए गए एक पोल में दिखाया गया था कि AAP को 50% वोट मिल सकते हैं। वहीं, बीजेपी को 41% और कांग्रेस को 9% वोट मिलने का अनुमान जताया गया था।


मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशल सर्विसेज के सीएमडी मोतीलाल ओसवाल ने कहा, 'अगर AAP की जीत हुई तो कुछ नेगेटिव सेंटीमेंट दिख सकता है, लेकिन यह बेहद छोटे समय के लिए होगा।'


ब्रोकर्स और मार्केट पार्टिसिपेंट्स को डर है कि AAP की नीतियों की राह पर दूसरे राज्य भी चल सकते हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशल सर्विसेज के डिप्टी एमडी रामदेव अग्रवाल ने कहा, 'AAP के दिल्ली चुनाव जीतने की संभावना तो नहीं है, लेकिन अगर उलटफेर हुआ तो मार्केट रिएक्ट कर सकता है।' उन्होंने कहा, 'पहले भी मार्केट ने AAP के पॉप्युलिस्ट कदमों की अच्छी रेटिंग नहीं की थी।'


पिछले साल के शुरू में जब केजरीवाल ने प्राइवेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के ऑडिट का ऐलान किया था तो इन कंपनियों के शेयर लुढ़क गए थे। केजरीवाल के इस्तीफा देने पर इन शेयरों में तेजी आई थी।

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बजट आने में कुछ ही पल बाकी हैं और इस अहम मौके पर बाजार के दिग्गज जानकार बता रहे हैं कि कौन से उपाय अपनाने से देश का बजट सभी की उम्मीदों को पूरा कर सकता है।


आईकैन इंवेस्टमैंट के एमडी अनिल सिंघवीका कहना है कि पुरानी तारीख से टैक्स लगाने में नियमों में बहुत सफाई आनी चाहिए। विदेशी निवेशकों को इस देश में पूंजी लगाने के लिए भरोसा होना चाहिए। टैक्सेशन नियमों को एक ही बार अच्छी तरह तय कर दिया जाना चाहिए। हालांकि बाजार को रातोंरात बदलाव की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। देश की इकोनॉमी को बदलने में वक्त लगता है।


बजट के बाद अनिल सिंघवी ने वित्त मंत्री के बजट को 10 में से 7 अंक दिए हैं।


एक्सिस कैपिटल के एमडी और सीईओ निलेश शाहका कहना है कि आंकड़ों में सिर्फ बाजीगरी दिखाने से काम नहीं चलेगा। सरकार को सही तरीके से अपने वित्तीय घाटे को प्रस्तुत करना होगा। जिस तरह वोट ऑन अकाउंट में बाजीगरी दिखाकर वित्तीय घाटे को कम दिखाया गया उससे किसी को भी लाभ नहीं होने वाला है।


प्राइम डेटाबेस के एमडी, पृथ्वी हल्दियाका कहना है कि जिस तरह नई सरकार ने अच्छा रेल बजट प्रस्तुत किया है उसी तरह आम बजट भी अच्छा आने की उम्मीद है। हालांकि जिस तरह इतने बड़े देश की समस्याएं हैं उसको देखते हुए सिर्फ एक बजट में सारी समस्याओं को सुलझाना संभव नहीं है। इस बजट में लंबी अवधि की पॉलिसी पर फोकस रहेगा। बाजार भी मोदी सरकार पर भरोसा बनाए हुए है और कुछ वक्त के लिए इंतजार करने के लिए तैयार है।


इंटरनेशनल टैक्स एक्सपर्ट टी पी ओस्तवालका कहना है कि टैक्स नियमों में सफाई के लिए बजट में आश्वासन आ सकता है। वोडाफोन जैसे मामले सुलझाने के लिए टैक्स नियमों में स्पष्टता आ सकती है। गार और जीएसटी का रोडमैप आना चाहिए और ऐसा हो भी सकता है क्योंकि पहले जीएसटी के खिलाफ बीजेपी शासित राज्यों ने ही विरोध किया था लेकिन अब बीजेपी की सरकार है तो इस मुद्दे के सुलझने की उम्मीद है।


बजट के बाद टी पी ओस्तवाल ने वित्त मंत्री के बजट को 10 में से 7 अंक दिए हैं।


आदित्य बिड़ला ग्रुप के ग्रुप एक्जिटिव प्रेसिडेंट डी डी राठीका कहना है कि इस बजट में वित्तीय घाटा और महंगाई को दूर करने के उपाय आने का अनुमान है। आंकड़ों में हेरफेर ना करते हुए देश की अर्थव्यवस्था की सच्ची तस्वीर पेश करनी चाहिए। वित्तीय घाटे को 4.5 फीसदी से ज्यादा पर रोकने के लिए पैसा कहां से आएगा इसकी सही योजना बनाई जाएगी।


ग्रीन ग्रामीण की को फाउंडर और सीईओ नेहा जुनेजाका कहना है छोटे बिजनेस को आगे बढ़ाना इस देश में ज्यादा दिक्कतें हैं। कई तरह के सेल्स टैक्स और वैट की कार्रवाई पूरी करनी है, हर राज्य में अलग अलग वेयरहाउस खोलने पड़ते हैं। छोटे बिजनेस को चलाना में आने वाली इस तरह की कठिनाइयां दूर होनी चाहिए।


टैक्स गुरू सुभाष लखोटियाका मानना है कि इस बजट में 80सी की लिमिट बढ़ाई जानी चाहिए। और टैक्स की सीमा में भी 2 लाख से बढ़ोतरी होनी चाहिए। हालांकि इसे महंगाई से जोड़ना संभव नहीं है। इस साल 2.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट नियम जरूर होनी चाहिए।


यस बैंकके एमडी राणा कपूरका कहना है कि इस बजट में महंगाई, वित्तीय घाटे पर ध्यान दिया गया है।

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मुंबई (एसएनएन):रिजर्व बैंक मंगलवार को पेश होने वाली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के लिए ब्याज दरों में चौथाई फीसदी की और कटौती कर सकता है. माना जा रहा है कि मुद्रास्फीति के अंकुश में आने व कोल इंडिया के रिकॉर्ड विनिवेश से राजकोषीय स्थिति बेहतर दिखने के बाद केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में और कटौती कर सकता है.

रिजर्व बैंक ने पिछले महीने अपनी अल्पकालिक ब्याज दर (रेपो) में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर बाजार को सुखद आश्चर्य में डाल दिया था. 20 माह तक सख्त नीतिगत रुख अपनाने के बाद केंद्रीय बैंक ने पहली बार नरम रुख किया है. केंद्रीय बैंक अपनी छठी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा कल पेश करेगा.

बैंकरों व अर्थशास्त्रियों के अनुसार खुदरा व थोक मुद्रास्फीति नीचे आ गई है. ऐसे में रिजर्व बैंक के पास नीतिगत ब्याज दर में और कमी की गुजांइश बनती है. कोल इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री से 22,500 करोड़ रुपए से अधिक हासिल हुए हैं. इससे राजकोषीय मोर्चे पर चिंता कम हुई है. रिजर्व बैंक ने पिछले माह रेपो दर को 8 से घटाकर 7.75 प्रतिशत करते हुए कहा था कि ब्याज दरों में और कटौती मुद्रास्फीति के परिदृश्य व राजकोषीय स्थिति पर निर्भर करेगी.

उद्योग जगत पिछले लम्बे समय से आर.बी.आई. को ब्याज दरें कम करने की गुजारिश कर रहा था लेकिन पिछली बार आर.बी.आई. द्वारा ब्याज दरें कम किए जाने के बाद उद्योग जगत ने ब्याज दरों में और कमी की मांग की थी. आर.बी.आई. ने 15 जनवरी को अचानक लिए गए फैसले में सी.आर.आर. में कोई कमी नहीं की थी और इसे 4 फीसदी पर ही रखा गया था जबकि रिजर्व रेपो रेट को भी 6.75 प्रतिशत पर ही रखा था.

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बात करते हैं कि बजट से क्या हैं इंडस्ट्री की उम्मीदें। आज से रोजाना सीएनबीसी आवाज़ पर इंडस्ट्री के दिग्गज जुड़ेंगे और उनसे जानेंगे कि बजट से उनकी उम्मीदें क्या हैं। इसी कड़ी में जानते हैं गोदरेज ग्रुपके चेयरमैन अदि गोदरेजकी बजट से क्या हैं उम्मीदें।


अदि गोदरेज के मुताबिक ग्लोबल कमोडिटी की कीमतों में गिरावट से वित्त मंत्री की दिक्कतें काफी कम हो गई हैं। लिहाजा उम्मीद है कि कमोडिटी की कीमतों में गिरावट से बजट में सरकार की ओर से मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए रियायतें दी जा सकती हैं।


इंडस्ट्री की मांग है कि बजट में वित्तीय घाटा कम करने पर जोर दिया जाए और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़े। इसके अलावा ग्रोथ बढ़ाने के लिए सरकारी निवेश पर जोर दिया जाए। साथ ही निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकारी बैंकों में पूंजी डाली जाए। जीएएआर को 1 अप्रैल 2015 से लागू नहीं करने के ऐलान की संभावना है। इंडस्ट्री की सलाह है कि टैक्स पॉलिसी को और सरल बनाए जाए और टैक्स विवाद सीमित समय में सुलझाने पर कदम उठाए जाए। इंडस्ट्री ये भी उम्मीद कर रही है कि जीएसटी लागू करने से पहले इनडायरेक्ट टैक्स एक्ट में बदलाव संभव है।


इंडस्ट्री की ओर से एमएसएमई, एसईजेड और इंफ्रा पर मैट की दर में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। इंडस्ट्री को उम्मीद है कि मौजूदा 20 फीसदी मैट की दर में 5-10 फीसदी की कमी संभव है। मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स (डीडीटी) में भी कमी संभव है। होम लोन पर मिलने वाली टैक्स छूट में बढ़त संभव है।


वहीं अदि गोदरेज की मांग है कि सरकार को मैट की दर को घटाकर 10 फीसदी कर देना चाहिए। अदि गोदरेज का मानना है कि जीएसटी बिल इस बजट सत्र में पारित होगा और ये 1 अप्रैल 2016 से लागू होगा। जीएसटी लागू होने से देश की जीडीपी ग्रोथ में 2 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है।


अदि गोदरेज का कहना है कि एमएसएमई सेक्टर को छूट के अलावा एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव की भी जरूरत है। ग्लोबल कमोडिटी कीमतों में गिरावट से वित्तीय घाटे को काबू करने की चिंताएं कम हुईं हैं, ऐसे में आने वाले समय में करेंट अकाउंट घाटा सरप्लस में भी तब्दील हो सकता है।


अदि गोदरेज ने कहा कि बजट में होने वाले रियायतों के ऐलान से वित्त वर्ष 2016 में निवेश के बड़े फैसले या ऐलान होने का अनुमान है। वहीं अदि गोदरेज का मानना है कि ब्याज दरें घटने से देश की ग्रोथ में और मदद मिलेगी। आरबीआई गवर्नर की ओर से कल की पॉलिसी में दरों में 0.25 फीसदी की और कमी का अनुमान है।

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28 फरवरी को बजट आने वाला है और इसके लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इंडस्ट्री को इस बार के बजट से काफी उम्मीदें हैं और सीएनबीसी आवाज़ इन्हीं उम्मीदों को आपके सामने ला रहा है। इसी कड़ी में सीएनबीसी आवाज़ के संपादक संजय पुगलिया ने सोना ग्रुप के चेयरमैन सुरिंदर कपूर से जाना कि उनकी इस बजट से क्या अपेक्षाएं हैं।


सोना ग्रुपकेचेयरमैन सुरिंदर कपूरका कहना है कि पॉजिटिव संदेश देने के लिए बजट एक बड़ा मौका है और सरकार के अच्छे बजट से सेंटिमेंट सुधारने में मदद मिलेगी। बजट में आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना जरूरी है और देश में नए उद्यमियों को बढ़ावा देना जरूरी है। ये बजट बड़े बदलाव वाला बजट होना चाहिए। लालफीताशाही से छुटकारा मिलना चाहिए। इंडस्ट्री का पेपर वर्क करने में काफी वक्त बर्बाद होता है। देश में बिजनेस करना आसान होना चाहिए और बिजनेस बंद करना भी आसान होना चाहिए।


अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा दौरा काफी सफल रहा है और ओबामा के आने से सेंटिमेंट सुधरे हैं। ओबामा को गणतंत्र दिवस पर बुलाना मोदी का मास्टर स्ट्रोक है। दोनों देशों का कारोबारी रिश्ते सुधारने पर जोर है और ओबामा का भारत के साथ ट्रेड बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करने पर जोर है।


अमेरिका ने इंफ्रा, रेलवे, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में निवेश की इच्छा जताई है और एनर्जी सेक्टर में अमेरिका काफी मदद कर सकता है। न्यूक्लियर डील होना अच्छा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश पॉलिसी बहुत दमदार है और उनके आने के बाद विदेश में भारत की छवि में निखरी है।


सुरिंदर कपूर के मुताबिक मेक इन इंडिया को सफल बनाने के लिए बड़े एलान करने होंगे। लेबर रिफॉर्म ग्रोथ के लिए काफी जरूरी हैं। बीमारू कंपनी को बंद करने के नियम आसान बनाए जाने चाहिए। देश में माइंडसेट बदलने के लिए चर्चा होनी चाहिए। कॉन्ट्रैक्ट लेबर की सुविधाएं बढ़नी चाहिएं और कॉन्ट्रैक्ट लेबर आज एक हकीकत है जिसे मानना ही चाहिए। मजदूरों की ट्रेनिंग पर जोर देना चाहिए।


सीएसआईआर (काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च) को सरकारी कंट्रोल से मुक्त कर देना चाहिए। सीएसआईआर प्राइवेट फंडिंग भी होनी चाहिए। इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से रिसर्च होनी चाहिए। जर्मनी का रिसर्च मॉडल बेहतरीन है।


भारत में युवा वर्ग बहुत बड़ा है और इसको आगे लाने के लिए आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। देश में इंफ्रा प्रोजेक्ट को तुरंत मंजूरी मिलनी चाहिए। अटके पड़े प्रोजेक्ट पर काम शुरू होना चाहिए। देश में टैक्स पॉलिसी आसान बनाई जानी चाहिए। देश में सिर्फ 5 फीसदी लोग 95 फीसदी टैक्स भरते हैं और इ स्थिति को बदलने के लिए बजट में कुछ बड़ा करना होगा।


सुरिंदर कपूर के मुताबिक प्राइवेटाइजेशन पर सरकार का जोर होना चाहिए। आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है और रोजगार पैदा करना आज सबसे बड़ी जरूरत है। नई नौकरियों से ही देश की गरीबी खत्म होगी। सरकार को इंफ्रा में निवेश बढ़ाना होगा। इस दिशा में काम हो भी रहा है। इस समय बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट पर सरकार की नजर है।

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हिंद रेक्टिफायर्सके चेयरमैन सुशील कुमार नेवटियाका कहना है कि इस बार के रेलवे बजट से काफी उम्मीदें हैं। इस बार उम्मीदों से बेहतर बजट आना चाहिए। सरकार द्वारा नए कोच बनाए जाने का ऐलान होना चाहिए। इस बार उम्मीद है कि सरकार रेलवे में कई नए प्रोजेक्ट्स पर ध्यान देगी।


कंपनी को वित्त वर्ष 2015 में 200 करोड़ रुपये का टर्नओवर कमाने की उम्मीद है जिसमें से 50 फीसदी रेलवे के ऑर्डर होंगे। वित्त वर्ष

2015-2016 में कंपनी को 500 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने की उम्मीद है। भारतीय कंपनियों के पास कोचेज बनाने की क्षमता नहीं है जिससे अगर इस सेक्टर में एफडीआई आता है तो घरेलू सप्लायर्स को फायदा होगा। एफडीआई आने से भारतीय कंपनियों को इंपोर्ट से होने वाले खर्चे से राहत मिल सकती है।


सरकार का फोकस रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने पर होगा। हालांकि पिछले 4 सालों से प्लेटफॉर्म को बड़ा करना ज्यादा बड़ा कदम नहीं रहा है।

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चीन के साथ व्यापार घाटा लगातार ऊंचा रहने को लेकर चिंताओं के बीच भारत ने उम्मीद जतायी कि यह देश भारतीय कंपनियों के लिये अपने बाजार खोलेगा साथ ही। भारत ने इसके साथ ही चीनी कंपनियों के लिये अपने यहां कारोबार करने का रास्ता आसान बनाने का वादा किया।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां कहा, ''पिछले कुछ दशकों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण बदलाव यह हुआ है कि इसका आर्थिक आयाम बढ़ रहा है। वस्तुओं के व्यापार के मामले में चीन हमारा सबसे बड़ा भागीदार है। दोनों अर्थव्यवस्थाएं एक-दूसरे देश में निवेश के लिये आगे बढ़ रही हैं।''

यहां दूसरे भारत-चीन मीडिया मंच को संबोधित करते हुए सुष्मा ने कहा, ''संपर्क सुविधाओं के बढ़ाने को लेकर गंभीर चर्चा शुरू हुई है। हम अपने आर्थिक सहयोग को को गुणत्मक रूप से नये स्तर पर ले जाना चाहते हैं।''

सुषमा ने कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पिछले साल सितंबर में भारत यात्रा के दौरान विकास भागीदारी बढ़ाने पर सहमति बनी। यह आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के संकल्प का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि रेलवे समेत नये क्षेत्र में सहयोग के नये युग की शुरुआत हुई है जहां दोनों देश मालगाड़ियों की भार वहन क्षमता बढ़ाने, रेलगाड़ियों की गति बढ़ाने, रेलवे स्टेशनों के विकास तथा क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।

सुषमा स्वराज ने कहा, ''भारत के दो राज्यों में चीन के औद्योगिक पार्कों की स्थापना पर भी ध्यान केंद्रित है जो 'मेक इन इंडिया'पहल में योगदान देगा।''

चार दिवसीय यात्रा पर यहां आयीं विदेश मंत्री ने कहा, ''हम चीनी कंपनियों के लिये भारत में कारोबार करने को आसान बनाएंगे और उम्मीद है कि चीन में भी हमारी कंपनियों को अपना कारोबार बढ़ाने के लिये इसी प्रकार का प्रोत्साहन दिया जाएगा।''

चीन ने भारत के साथ 38 अरब डॉलर के व्यापार घाटे का हल निकलाने का वादा किया है। दोनों देशों के बीच 2014 में 70 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार हुआ और इसमें भारत का व्यापार घाटा (आयात निर्यात के बीच का अंतर) 38 अरब डॉलर रहा।

सुषमा ने कहा, ''हम उम्मीद करते हैं कि संबंधों में पिछले कुछ महीनों में जो गति आयी है, उससे न केवल बनाये रखा जाएगा बल्कि विभिन्न स्तरों पर इसमें और तेजी भी लायी जाएगी।''

विदेश मंत्री आज चीन में ''भारत-यात्रा वर्ष:2015''अभियान का उद्घाटन करेंगी। देशों के बीच आपसी सूझबूझ बढाने में पर्यटन को एक प्रभावी माध्यम बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि हमें इस संदर्भ में मजबूत प्रयास करने की जरूरत है।

सुषमा ने कहा, ''दोनों देशों की महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय भूमिका है, ऐसे में हमारे संपर्क और बातचीत उसी अनुपात में बढ़ना चाहिए। चूंकि दोनों देश प्राचीन काल से एशिया की दो शक्तिशाली सभ्यताएं रहे हैं, हमें साझा हितों के लिये एक-दूसरे में विश्वास रखना चाहिए। मैं उम्मीद करती हूं कि इस यात्रा के दौरान बातचीत इस मकसद में योगदान देगा।''

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डीज़ल से भी सस्ता हुआ विमान ईंधन, 11.3% की भारी कटौतीLPG, LPG Price, LPG ATF Price

बिना-सब्सिडी वाले एलपीजी का दाम 105 रुपए प्रति सिलिंडर घट गया जबकि जेट र्इंधन में 11.3% की कटौती की गई। (फाइल फ़ोटो)

विमान ईंधन (एटीएफ) कीमतों में 11.3 प्रतिशत की भारी कटौती की गई है। इससे जेट ईंधन अब डीजल से भी सस्ता हो गया है। पिछले महीने जेट ईंधन के दाम पेट्रोल से नीचे आ गए थे।

हालांकि, एक पखवाड़े में होने वाले संशोधन में अभी तक पेट्रोल व डीजल कीमतों में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम 105 रुपए घटाकर 605 रुपए प्रति सिलेंडर कर दिए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम इस समय पिछले छह साल के निचले स्तर पर आ गए हैं।

पेट्रोलियम कंपनियों ने आज विमान ईंधन या जेट फ्यूल के दाम 5,909.9 रुपए प्रति किलोलीटर या 11.27 प्रतिशत घटाने की घोषणा की है। इससे एटीएफ के दाम दिल्ली में घटकर 46,513.02 रुपए प्रति किलोलीटर पर आ गए हैं।

इससे पहले एटीएफ कीमतों में एक जनवरी को सबसे अधिक 7,520.52 रुपए प्रति किलोलीटर या 12.5 प्रतिशत घटाया गया था। इससे अब एटीएफ की कीमत डीजल से भी कम हो गई है।

पिछले महीने एटीएफ की कीमत दिल्ली में घटकर 52.42 रुपए प्रति लीटर पर आ गई थी। उस समय पेट्रोल का दाम 58.91 रच्च्पये लीटर था। आज की कटौती के बाद एटीएफ की कीमत 46.51 रुपए प्रति लीटर रह गई है और यह डीजल से भी सस्ता हो गया है। डीजल का दिल्ली में दाम 51.52 रुपए प्रति लीटर है। परंपरागत रूप से वाहन ईंधन गुणवत्ता में एटीएफ से कम होता है और उसकी कीमत भी कम होती है।

लेकिन नवंबर के बाद से पेट्रोल व डीजल पर सरकार ने चार बार उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी की है, जिसकी वजह से वाहन ईंधन एटीएफ से महंगा गया है। इस दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 7.75 रुपए प्रति लीटर व डीजल पर 7.50 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है।

पिछले साल अगस्त से पेट्रोल कीमतों में नौ बार में 14.69 रुपए लीटर की कटौती हुई है। वहीं अक्तूबर में डीजल को नियंत्रणमुक्त किए जाने के बाद से इसकी कीमत में 10.71 रुपए लीटर की कटौती हुई है। एटीएफ पर आठ प्रतिशत का उत्पाद शुल्क लगता है।

आज की कटौती के बाद अगस्त से एटीएफ के दाम सात बार घटाए जा चुके हैं। किसी एयरलाइन की परिचालन लागत में एटीएफ की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत बैठती है। हालांकि, एटीएफ कीमतों में कटौती के बाद यात्री किरायों पर पड़ने वाले असर के बारे में किसी एयरलाइंस से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।

वैश्विक रुख के अनुरूप 14.2 किलोग्राम के बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम घटाकर 605 रुपए कर दिए गए हैं। अभी तक दिल्ली में इसकी कीमत 708.50 रुपए थी। अगस्त के बाद से बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 12 बार कटौती की जा चुकी है। उपभोक्ताओं को एक साल में सब्सिडी वाले 12 सिलेंडर मिलते हैं। उसके बाद उन्हें बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर लेना पड़ता है।

फिलहाल दिल्ली में सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का दाम 417 रुपए है। बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर का दाम आखिरी बार एक जनवरी को घटाया गया था। उस समय इसमें 43.50 रुपए प्रति सिलेंडर की कटौती हुई थी। पिछले सात महीनों में कटौती के बाद बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 317.50 रुपए प्रति सिलेंडर की कटौती हो चुकी है। इससे इसके दाम तीन साल के निचले स्तर पर आ गए हैं।

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मोदी सरकार के ड्रीम प्रॉजेक्ट 'मेक इन इंडिया' को लेकर भारतीय कंपनियों के साथ-साथ विदेशी निवेशकों में काफी उत्साह है। लेकिन, मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान को सफल बनाने के लिए कुछ सुधार बहुत ही जरूरी है। मोदी सरकार के दूसरे बजट से सभी को काफी उम्मीदें हैं। उसमें कुछ बातों पर अगर ध्यान दिया गया तो विदेशी निवेश आकर्षित करने में सरकार सफल हो सकती है।


'मेक इन इंडिया' मुहिम को कामयाब बनाने के लिए सबसे पहले निवेश जरूरी है। अधिक से अधिक भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित हों, इसके लिए सरकार को कर के ढांचे में सुधार करना होगा। कोई नया टैक्स लोगों पर थोपना नहीं होगा और न ही टैक्स में किसी प्रकार की कटौती करनी होगी। टैक्स कानून में स्पष्टता भी लानी होगी। भारत में टैक्स के कई मामलों में अलग-अलग इलाकों में टैक्स अधिकारियों की पोजिशन अलग-अलग होती है। पूरे देश में एक ही तरह का कानून लागू होना चाहिए। नई स्थापित होने वाली मैन्युफैक्चरिंग इकाई को यदि टैक्स से राहत दे दिया जाए तो निवेश बढ़ेगा। इस प्रकार की इकाइयों से न्यूनतम वैकल्पिक टैक्स (एमएटी) नहीं लिया जाना चाहिए। इसके अलावा पहले से टैक्स छूट का लाभ उठा रही इकाइयों के लिए एमएटी को कम किया जाए।


पूरे देश में जीएसटी को लागू करने और बहुत सारे अप्रत्यक्ष कर नियमों को हटाने से व्यापार पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। इससे निवेशक भारत में निवेश की अपनी योजना को विस्तार देने के लिए प्रोत्साहित होंगे।


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व्यापार से जुड़े मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए विवाद निपटारा कमिटी को अधिक पावर दिए जाने और इसका दायरा बढ़ाने से मामले तेजी से निपटेंगे जिस स्थिति में निवेशकों को निवेश करना आसान होगा।

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Feb 02 2015 : The Economic Times (Kolkata)

Gujarat to Gift Finance Centre by Apr

Sugata Ghosh & Reena Zachariah

Mumbai





Financial market regulators set to lay down rules for international finance centre at SEZ

All financial market regulators have agreed to lay down the rules to enable the country's first international finance centre (IFC) to take off in Gujarat by April.

At a meeting on December 24, officials of RBI, Sebi and insurance regulator IRDA discussed the contours of the proposed regulations that will pave the way for dealings and settlement in foreign currency within the IFC that will be housed at the special economic zone of the Gujarat International Finance Tec-City -or Gift City -that New Delhi and Gujarat want to design as a global financial services hub to win back some of the financial businesses that have migrated to Dubai and Singapore.

"To begin with, regulators will explore what all activities can be carried out within the existing laws and without amending Fema (Foreign Exchange Management Act). The next step would be to roll out regulations for a full-blown IFC... Even though there are objections from a few quarters, we expect the finance minister will set the tone for this in the Budget document," said a person.


बंगालो पीछे नइखै।एको क्लिक मा निवेशक जेबो मा जल जंगल जमीन,ई इंतजाम पुरकश ह।






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