भूख से भूख को लड़ते देखा है !
हरे भरे इन बगीचों में
हमने देखा है किसी को
डूबते पतवारों को तड़प से
मरते देखा है हमने
आंधियो से लड़ते
किसानों को देखा है हमने
नंगे बदन धूप से खेलते
इंसानों को देखा है हमने
हरी भरी फसलों के बीच
मरते अरमानों को देखा है हमने
संसद में गूंजती आवाजों के बीच
टूटती साँसों को देखा है हमने
हमें फक्र है कि हमने
भूख से भूख को लड़ते देखा है
भूख से भूख को लड़ते देखा है ............................
के एम् भाई
cn. - 8756011826