बाहर से उठने वाले हाथ इसलिए मजबूत हैं क्यूंकि हमारे घरों की दीवारें खोखली है. हमारी खामोशी ही उनकी ताकत है.......
सच उतना ही नहीं होता, जितना हम जानते हैं. सच उससे कहीं अधिक कड़वा, कहीं अधिक भयानक है.
'जनकृति (साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था) महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र 'प्रस्तुत करता है.
भ्रूण ह्त्या व् वर्तमान समय में महिलाओं की स्थिति पर केन्द्रित
नुक्कड़ नाटक
'आवाज़'
लेखक
मनीष कुमार, कुमार गौरव, भूपेश प्रसाद
निर्देशक
मनीष कुमार
सह निर्देशक
भूपेश प्रसाद, कुमार गौरव
कलाकार
श्वेता क्षीरसागर, दीप्ती ओग्रे, नीतू जैन, भूपेश प्रसाद, रवि, नितीश भारद्वाज, राकेश विक्रम सिंह, लाल सिंह, आबिद, कुमार गौरव, मनीष कुमार, दक्षम, सौरभ पाण्डेय, मंगल.
स्थान
नज़ीर हाट परिसर
महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र)
समय
शाम 5:30 बजे
दिनांक
12 जनवरी 2015
— with Shweta Kshirsagar, महिला कल्याण समिति, Dream Theater and 60 others.सच उतना ही नहीं होता, जितना हम जानते हैं. सच उससे कहीं अधिक कड़वा, कहीं अधिक भयानक है.
'जनकृति (साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था) महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र 'प्रस्तुत करता है.
भ्रूण ह्त्या व् वर्तमान समय में महिलाओं की स्थिति पर केन्द्रित
नुक्कड़ नाटक
'आवाज़'
लेखक
मनीष कुमार, कुमार गौरव, भूपेश प्रसाद
निर्देशक
मनीष कुमार
सह निर्देशक
भूपेश प्रसाद, कुमार गौरव
कलाकार
श्वेता क्षीरसागर, दीप्ती ओग्रे, नीतू जैन, भूपेश प्रसाद, रवि, नितीश भारद्वाज, राकेश विक्रम सिंह, लाल सिंह, आबिद, कुमार गौरव, मनीष कुमार, दक्षम, सौरभ पाण्डेय, मंगल.
स्थान
नज़ीर हाट परिसर
महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र)
समय
शाम 5:30 बजे
दिनांक
12 जनवरी 2015