रवींद्र का दलित विमर्श-28 अंधेर नगरी में सत्यानाश फौजदार का राजकाज! जहाँ न...
रवींद्र का दलित विमर्श-28अंधेर नगरी में सत्यानाश फौजदार का राजकाज!जहाँ न धर्म न बुद्धि नहिं, नीति न सुजन समाज।ते ऐसहि आपुहि नसे, जैसे चौपटराज॥रवींद्र प्रेमचंद के बाद निशाने पर भारतेंदु? क्या वैदिकी...
View Articleरवींद्र का दलित विमर्श-29 हिंदू राष्ट्र सिर्फ संघ परिवार का कार्यक्रम नहीं...
रवींद्र का दलित विमर्श-29हिंदू राष्ट्र सिर्फ संघ परिवार का कार्यक्रम नहीं है।मनुस्मृति विधान बहाली की सत्ता वर्ग और वर्ण की सारी ताकतें ईस्ट इंडिया कंपनी के राज के समय से सक्रिय हैं।चैतन्य महाप्रभू के...
View Articleरवींद्र का दलित विमर्श-30 गंगा और नर्मदा की मुक्तधारा को अवरुद्ध करने वाली...
रवींद्र का दलित विमर्श-30गंगा और नर्मदा की मुक्तधारा को अवरुद्ध करने वाली दैवीसत्ता का फासिज्म आदिवासियों और किसानों के खिलाफसामाजिक विषमता के खिलाफ मनुस्मृतिविरोधी लड़ाई को खत्म करना ही...
View Articleरवींद्र का दलित विमर्श-31 बांग्लादेश में रवींद्र और शरत को पाठ्यक्रम से बाहर...
रवींद्र का दलित विमर्श-31बांग्लादेश में रवींद्र और शरत को पाठ्यक्रम से बाहर निकालने के इस्लामी राष्ट्रवाद खिलाफ आंदोलन तेजहमारे यहां शिक्षा और इतिहास के हिंदुत्वकरण के खिलाफ सन्नाटाकट्टरपंथ के खिलाफ...
View Articleरवींद्र का दलित विमर्श-32 देवी नहीं है,कहीं कोई देवी नहीं है। विसर्जनःदेवता...
रवींद्र का दलित विमर्श-32देवी नहीं है,कहीं कोई देवी नहीं है।विसर्जनःदेवता के नाम मनुष्यता खोता मनुष्यদেবতার নামেমনুষ্যত্ব হারায় মানুষपलाश विश्वासवैसे भी धर्मोन्मादी राष्ट्रवाद की सुनामी के मध्य...
View Articleरवींद्र का दलित विमर्श-33 वंदेमातरम् की मातृभूमि अब विशुद्ध पितृभूमि है। जहां...
रवींद्र का दलित विमर्श-33वंदेमातरम् की मातृभूमि अब विशुद्ध पितृभूमि है।जहां काबूलीवाला जैसा पिता कोई नहीं है।काबूलीवाला,मुसलमानीर गल्पो और आजाद भारत में मुसलमानरवींद्रनाथ की कहानियों में सतह से उठती...
View Articleशंबूक हत्या,सीता की अग्निपरीक्षा और उनका वनवास,उत्तर कांड हटाकर रामजी का...
शंबूक हत्या,सीता की अग्निपरीक्षा और उनका वनवास,उत्तर कांड हटाकर रामजी का शुद्धिकरण जनविमर्श का जन आंदोलनः साहित्य,कला,माध्यम,विधाओं को सत्ता के शिकंजे से रिहा कराना सत्ता परिवर्तन से बड़ी चुनौती है जो...
View Articleखोज रहा हूं खोया हुआ गांव,मैदान,पहाड़,अपना खेत।अपनी माटी। पलाश विश्वास
खोज रहा हूं खोया हुआ गांव,मैदान,पहाड़,अपना खेत।अपनी माटी।पलाश विश्वासhttps://www.facebook.com/palashbiswaskl/videos/vb.100000552551326/1919932074701859/?type=2&theaterखोज रहा हूं खोया हुआ...
View Articleसबकुछ निजी हैं तो धर्म और धर्मस्थल क्यों सार्वजनिक हैं?वहां राष्ट्र और...
सबकुछ निजी हैं तो धर्म और धर्मस्थल क्यों सार्वजनिक हैं?वहां राष्ट्र और राजनीति की भूमिका क्यों होनी चाहिए?किताबों,फिल्मों पर रोक लगाने के बजाये प्रतिबंधित हो सार्वजनिक धर्मस्थलों का निर्माण!जनहित में...
View Articleमंदिर मस्जिद विवाद से देश में कारपोरेट राज बहाल तो जाति युद्ध से जनसंख्या...
मंदिर मस्जिद विवाद से देश में कारपोरेट राज बहाल तो जाति युद्ध से जनसंख्या सफाये का मास्टर प्लान!पद्मावती विवाद का तो न कोई संदर्भ है और न प्रसंग।यह मुकम्मल मनुस्मृति राज का कारपोरेट महाभारत...
View Articleबाजार के चमकते दमकते चेहरों के मुकाबले किसी अशोक मित्र का क्या भाव? पलाश विश्वास
बाजार के चमकते दमकते चेहरों के मुकाबले किसी अशोक मित्र का क्या भाव?पलाश विश्वासमई दिवस को जनता के अर्थशास्त्री डा.अशोक मित्र का 9.15 पर निधन हुआ। प्राध्यापक इमानुल हक की फेसबुक पोस्ट से दस बजे के करीब...
View Articleमहाश्वेता देवी के धनबाद के दो घनिष्ठ लोगः कामरेड एके राय और मैं
महाश्वेता देवी के धनबाद के दो घनिष्ठ लोगः कामरेड एके राय और मैंपलाश विश्वाससत्ताइस साल कोलकाता और बंगाल में बिताने के बाद मैं उत्तराखंड की तराई के दिनेशपुर रूद्रपुर इलाके में अपने गांव वापस जा रहा...
View Articleप्रेरणा अंशु किसान,गांव,प्रकृति और पर्यावरण पर विमर्श की पत्रिका है ताकि...
प्रेरणा अंशु के संस्थापक संपादक और मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता दिवंगत मास्टर प्रताप सिहं के सपनों और आदर्सों के मुताबिक प्रेरणा अंशु किसान,गांव,प्रकृति और पर्यावरण पर विमर्श की पत्रिका है ताकि...
View Articleअब बंगाल में या अन्यत्र वर्चस्ववादी,पाखंडी वामपंथी अपना वजूद बनाने के लिए...
अब बंगाल में या अन्यत्र वर्चस्ववादी,पाखंडी वामपंथी अपना वजूद बनाने के लिए संघियों के साथ सरकार भी बना ले तो मुझे कम से कम ताज्जुब नहीं होगा।पलाश विश्वासबंगाल में पंचायत चुनावों में वामपंथियों ने सीटों...
View Articleरवींद्र विमर्श को कितने लोग समझते हैं,रवींद्र को कितने लोग जानते हैं? पलाश...
रवींद्र विमर्श को कितने लोग समझते हैं,रवींद्र को कितने लोग जानते हैं?पलाश विश्वासPartha Banerjee21 hrs · I was with religious fanatics for many years. In fact, I was one of them. They don't understand...
View Articleअफसोस,शिवराम और महेंद्र नेह भी पार्टी से निकाल दिये गये और कामरेडों ने उन्हें...
अफसोस,शिवराम और महेंद्र नेह भी पार्टी से निकाल दिये गये और कामरेडों ने उन्हें सव्यसाची के साथ भुला दिया। पलाश विश्वासआदरणीय जगदीश्वर चतुर्वेदी ने जनवादी लेखक संघ की कथा बांची है और इसपर प्रतिक्रियाओं...
View Articleदिल्ली में सत्ता के नाभिनाल से जुड़े लोगों का हिंदी साहित्य और तमाम विधाओं पर...
दिल्ली में सत्ता के नाभिनाल से जुड़े लोगों का हिंदी साहित्य और तमाम विधाओं पर एकाधिकार कब्जा हो गया और हम तिनके की तरह उड़ बिखर गये। पलाश विश्वास लेखकों का संगठन बनाने के लिए चर्चा शुरु करने में परिचय,...
View Articleअल्मोड़ा में पानी का एटीएम? हिमालयक्षेत्र की जनता को धीमे जहर से मारा जा रहा...
अल्मोड़ा में पानी का एटीएम? हिमालयक्षेत्र की जनता को धीमे जहर से मारा जा रहा है! पलाश विश्वाससबसे ज्यादा मुखर आंदोलनकारी उत्तराखंड में अल्मोड़ा में हैं और अल्मोड़ा में पानी का एटीएम? विकास का यह...
View Articleमरे हुए वाम को जिंदा सक्रिय किये बिना,बहुजना आवाम को बदलाव के लिए लामबंद किये...
मरे हुए वाम को जिंदा सक्रिय किये बिना,बहुजना आवाम को बदलाव के लिए लामबंद किये बिना अब बदलाव असंभव!क्या सत्तालोलुप निरंकुश असुरक्षित ममता बनर्जी,जेल में कैद लालू प्रसाद और नेहरु गांधी वंश के भरोसे संघ...
View Articleमुक्तबाजार का विकल्प मनुस्मृति राज है और अरबपतियों की सत्ता का तख्ता पलटने के...
यह जनादेश नहीं,मुक्त बाजार का वर्गीय.जाति वर्चस्व है।मुक्तबाजार का विकल्प मनुस्मृति राज है और अरबपतियों की सत्ता का तख्ता पलटने के लिए चुनावी राजनीति फेल हैमुक्त बाजार के बिना प्रतिरोध 27 साल के...
View Articleसिर्फ दो ही तरह के लोग हैं। धृतराष्ट्र या फिर अश्वत्थामा। अंधा युग कभी खत्म...
सिर्फ दो ही तरह के लोग हैं।धृतराष्ट्र या फिर अश्वत्थामा।अंधा युग कभी खत्म नहीं हुआपलाश विश्वासमहाभारत का युद्ध कभी खत्म ही नहीं हुआ है और अब सिर्फ दो ही तरह के लोग हैं।धृतराष्ट्र या फिर अश्वत्थामा।...
View Articleआदिवासियों का व्यापक भगवाकरण सबसे ज्यादा खतरनाक है
आदिवासियों का व्यापक भगवाकरण सबसे ज्यादा खतरनाक हैपलाश विश्वासआदिवासी दुनियाभर में सबसे ज्यादा सामाजिक है।इस लिहाज से अगर सामाजिक होना मनुष्यता है तो असल में आदिवासी ही मनुष्य हैं,जिन्हें सत्ता वर्ग की...
View Articleमेरा जन्मदिन कुलीन वर्ग के लिए एक दुर्घटना ही है। पलाश विश्वास
मेरा जन्मदिन कुलीन वर्ग के लिए एक दुर्घटना ही है। पलाश विश्वास मेरे दिवंगत पिता पुलिनबाबूअब इस महाभारत में मेरी हालत कवच कुंडल खोने के बाद कर्ण जैसी है।कुरुक्षेत्र में मारे जाने के लिए नियतिबद्ध...
View Articleभारत के कुलीन वाम नेतत्व को उखाड़ फेंकना सबसे जरूरी पलाश विश्वास
भारत के कुलीन वाम नेतत्व को उखाड़ फेंकना सबसे जरूरीपलाश विश्वासउत्तर आधुनिकता और मुक्तबाजार के समर्थक दुनियाभर के कुलीन विद्वतजनों ने इतिहास,विचारधारा और विधाओं की मृत्यु की घोषणा करते हुए पूंजीवादी...
View Articleস্মৃতিটুকু থাক্,ফিরে যাচ্ছি উদ্বাস্তু উপনিবেশে স্বজনদের কাছে হিমালয়ের কোলে!...
স্মৃতিটুকু থাক্,ফিরে যাচ্ছি উদ্বাস্তু উপনিবেশে স্বজনদের কাছে হিমালয়ের কোলে!পলাশ বিশ্বাসভারত ভাগের ফলে পূর্ব বাংলা থেকে আসা কোটি কোটি উদ্বাস্তুদের বাংলায় জায়গা হয়নি । তবু যারা এখানে কোনো ক্রমে মাথা...
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